बच्चों की भूख बढ़ाने के लिए अपनाएं ये घरेलू उपाय

आजकल के बच्चों को खाना खिलाना तो मानो हर माँ के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती होती हैं। बस बच्चो के आगे पीछे घूमो खाना खिलाओ। कभी कुछ ऐसा करो जिससे बच्चे जल्दी खाये या फिर मोबाइल देना, इन सब चीजों को करने के बाद भी बच्चे बहुत नाटक करते है खाने में। उनकी रुचि मानो खाना खाने में हैं ही नहीं। हर माँ बच्चो के खान पान के लिए बहुत चिंता में रहती हैं कि उनको क्या खिलाये जिससे बच्चे को भूख भी लगे और उनके लिए फायदेमंद भी हो।

 

बच्चो को खाना खाने में रुचि कभी-कभी नहीं होती हैं इसका कारण हैं ज़िंक की कमी का होना या फिर उन्हे वो आवश्यक पोषक तत्व नहीं मिल रहे जिससे उनको भूख लगे या फिर उनकी रुचि बढ़े खाना खाने में। कई बार तो बच्चे कुछ परेशानी के कारण भी नहीं खाते जैसे की गैस होना, अपच, कीड़े होने की वजह से, गर्मी, पेट में कीड़ा आदि। बच्चे का खानपान उनकी उम्र से भी बदलता रहता हैं। आमतौर पर ये परेशानी एक साल की उम्र के बच्चे के बाद होना शुरू होती हैं। बच्चे को एक दिन में लगभग 1000 कैलोरी की आवश्यकता होती हैं, जिसे आप 2 स्नैक्स के साथ 3 मुख्य भोजन में बाँट कर खिला सकती है। तो आइये हम कुछ ऐसे आहार अपनाए जिससे बच्चो को खाना खाने में रुचि भी बढ़ेगी साथ ही उन्हे खाना पचाने में भी आसानी होगी।

 

बच्चों की भूख बढ़ाने के घरेलू उपाय

 

अदरक

 

अदरक और कालीमिर्च बच्चो के लिए बहुत ही फायदेमंद आहार हैं। इससे न केवल बच्चे की पाचन क्रिया सही रहेगी बल्कि उनकी भूख भी बढ़ेगी। आप बच्चो को अदरक किसी भी प्रकार से दे सकती हैं। आप बच्चो के मट्ठा में या फिर किसी सब्जी में या फिर दाल में थोड़ा मिलाकर भी दे सकती है जिससे उनको अदरक का स्वाद नहीं पता चलेगा और आसानी से खा भी लेंगे। बस ध्यान रखे की बच्चो को अदरक से बना हुआ खाना दोपहर तक ही दे उसके बाद उन्हे अदरक मिला हुआ कुछ भी ना खिलाये। कालीमिर्च आप बच्चे को कैसे भी दे सकती हैं चाहे वो किसी प्रकार के पीने की चीज में, जूस में या फिर खाने में ऊपर से छिड़क के।

 

मूंगफली

 

मूंगफली बच्चे में भूख बढ़ाने के लिए बहुत अच्छा आहार है। मूंगफली में ज़िंक अच्छी मात्रा में होती हैं जिससे बच्चे को खाना पचाने में मदद मिलती हैं और साथ ही भूख बढ़ाने में फायदा करती हैं। बस आपको इस बात का ध्यान रखने की जरूरत हैं कि बच्चो को इससे किसी प्रकार की एलर्जी न हो। मूंगफली बच्चो को 1 साल के बाद देना शुरू करे और साथ ही उन्हे पहले थोड़ा ही दे जिससे आपको पता चले की उन्हे इससे किसी प्रकार परेशानी तो नहीं हो रही। मूंगफली आप बच्चो को बहुत तरीको से दे सकती हैं। जैसे की मूंगफली की चक्की, मूंगफली भूँजी हुई या फिर इसकी चटनी भी बच्चे को दे सकती हैं।

 

हल्दी

 

हल्दी एक बहुत ही अच्छी औषधी हैं जो बच्चो के लिए तो हैं ही फायदेमंद और बड़ो के लिए भी कई बिमारियों से लड़ने में मदद करती हैं। ये बच्चे की कमजोरी दूर करने के लिए काफी अच्छी ओषधि हैं। हल्दी बच्चे के पेट के कीड़े को पनपने नहीं देती हैं और साथ ही बच्चे के पेट की परेशानी को भी दूर करती हैं और बच्चे में भूख को भी बढाती हैं। आप बच्चे को हल्दी बहुत चीजों में मिलाकर खिला सकती हैं जैसे की खिचड़ी, दाल या सब्जी आदि।

 

तुलसी

 

तुलसी भी एक बहुत गुणकारी औषधी हैं जो बच्चे को खाना पचाने और भूख बढ़ाने में बहुत लाभदायक हैं। तुलसी को आप बच्चे के किसी भोजन में मिलाकर दे सकती हैं जैसे की चटनी, दाल, धनिया पट्टी की जगह इसे महीन काट कर भी आप इसे इस्तेमाल कर सकती हैं। बस ध्यान रहे ज्यादा न हो।

 

अजवाइन

 

बच्चो के लिए ये बहुत ही फायदेमंद मसाला हैं। इसे कई लोग बच्चो की दवाई के रूप में भी इस्तमाल कर सकती हैं। यह बच्चो की गैस की परेशानी, सर्दी, जुकाम को भी दूर करने में काम आती हैं। इतना ही नहीं ये बच्चो में भूख बढ़ाने में भी लाभदायक हैं। इसे आप बच्चे के आहार में किसी भी तरह दे सकती हैं जैसे की मटरी, समोसा, कचोरी आदि में।

 

हींग

 

हींग बच्चो की गैस की समस्या को दूर करने के लिए बहुत ही फायदेमंद हैं और साथ ही भूख को बढ़ाने में भी कारगर हैं। इसे आप कोई भी चीज में मिलाकर दे सकती हैं जैसे की बच्चे की खिचड़ी में, कढ़ी में, किसी सूप के साथ इत्यादि।

 

च्यवनप्राश

 

च्यवनप्राश बच्चो को ही नहीं बल्कि बड़ो को भी बहुत सी बिमारियों से बचाता हैं और साथ ही ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता हैं। इससे भूख बढ़ाने में मदद मिलती हैं। बच्चो को आप इसे ठंड में तो दे ही और गर्मी में थोड़ा कम खिलाये। और हो सके तो इसे आप घर में ही बनाए जिससे बच्चे को और भी फायदा मिले। इसमे बहुत तरह की चीज़े मिली होती हैं जैसे कि आंवला, गुड, कालीमिर्च, खजूर, मसाले आदि जो बच्चे के लिए काफी फायदेमंद हैं।

 

बच्चों की भूख बढ़ाने के अन्य तरीके

 

  • मूली के साथ काली मिर्च और नमक का सेवन करने से भी भूख बढ़ती हैं|

 

  • 1 चम्मच अदरक का रस और 1 चम्मच ही निम्बू को निचोड़कर पियें, थोड़े ही दिनों में आपको इसका असर दिखाई देगा|

 

  • बच्चो को पका हुआ टमाटर खिलाएं|

 

  • बच्चो को सलाद खाने की आदत डालें|

 

  • बच्चों को खाने के बाद पानी न दें|

 

  • बच्चों को छाछ का सेवन करवाएं|

 

  • दिन में दो से तीन बार कला नमक चटवायें|

 

  • बच्चों को ज्यादा मीठे का सेवन न करने दें|

 

  • बच्चों को ज्यादा मात्रा में हरी सब्जियों का सेवन करवाएं|

 

  • बच्चों को ज्यादा तला हुआ न दें|

 

  • छुहारे वाले दूध का सेवन करें|

 

  • जायफल का पाउडर बनाकर उसे शहद के साथ खाएं|

 

  • बच्चों को तरबूज के अंदर की गिरी खिलाएं|

 

  • इमली के पत्तो की चटनी बनाकर खिलाएं|

 

  • बच्चो को अनानास का जूस पिलायें|

 

बच्चे को खाना खिलाने के कुछ टिप्स

 

  • बच्चे को खाना खिलाने के लिए बहुत ज्यादा जिद्द न करे।

 

  • अगर बच्चा न खाये तो थोड़ी देर बाद कोई ओर चीज उन्हे बनाकर खिलाये जिसमे आप कुछ सजाकर बनाए जिससे बच्चे खाने की ओर आकर्षित हो।

 

  • उन्हे बहुत ज्यादा मीठा या खट्टा या फिर मसालेदार खाना न खिलाये।

 

  • आप जब भी खाना खाये तो बच्चो को भी साथ में जरूर बैठाये जिससे बच्चे जल्दी खाना खाना सीखते हैं।

 

  • उन्हे बाहर के खाने से दूर रखे चाहे वो कोलड्रिंक हो या फिर चिप्स या मैगी। उन्हे घर पर ही उनके पसंदीदा चीज बनाकर खिलाये|

 

  • अपने बच्चे के आहार में लौह समृद्ध खाद्य पदार्थों की मात्रा बढ़ाएं क्योंकि इस उम्र में आपके बच्चे को अधिक लोहे की जरूरत है। सेम, मुर्गी, मीठे आलू, मशरूम, अंडे, क्विनोआ, टोफू, प्रून रस और हरी पत्तेदार सब्जियां दे सकती हैं।

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।