बालों को गिरने (Hair fall) से रोकने के लिए योगासन

 

आज के समय में लोग अपनी जीवन में इतना ज्यादा व्यस्त हो गए हैं कि अपने शरीर और स्वास्थ्य का ध्यान ही नहीं रख रहे हैं। , गलत खानपान, तनाव, चिंता, धूम्रपान शराब का सेवन और अनियमित दिनचर्या आदि जैसे कई कारणों की वजह से उन्हें कई बीमारियों का शिकार होने पड़ता हैं। आज के समय में सबसे गंभीर समस्या है बालों से संबंधित समस्या है। यह समस्या महिलाओं और पुरषों दोनों का सामान रूप से प्रभावित कर रही है। झड़ते बालों की समस्या से छुटकारा पाने के लिए हम आपको कुछ योगासन बतातेंगे जिनकी मदद से आप झड़ते बालों को रोक सकते हैं। योग को बालों से संबंधित समस्याओं को दूर करने के लिए सबसे अधिक सुरक्षित और प्रभाविक तरीका माना जाता है।

 

योगा करने से पूरा शरीर बिल्कुल स्वास्थ्य रहता है, के सभी अंगों में रक्त का अच्छा संचार होता है। जब कोई व्यक्ति यौगग करता है तो उसके मस्तिष्क में होने वाला रक्त का संचार तेज हो जाता है जो बालों की जड़ों को पोषण देता है साथ ही साथ मस्तिष्क को शांत भी रखता है। इससे हमारे बाल जड़ से मजबूत और घने होते हैं। योग करने से मन को शांति मिलती है जो हमारे बालों के लिए आवश्यक और अच्छे हार्मोन्स को नष्ट होने से भी बचाता है। ऐसे कई आसन है जिनके द्वारा हम अपने बालों की समस्याओं को दूर कर सकते हैं।

 

 

वज्रासन

वज्रासन करने से शरीर मजबूत होता है और बुढ़ापे में भी शरीर में तंदरुस्ती बनी रहती है। यदि आपके बाल झड़ते हैं तो वज्रासन बालों के लिए बहुत अच्छा आसन माना जाता है और इसे लगभग हर उम्र का व्यक्ति आसानी से कर सकता है।

अधोमुख शवासन की तरह इस योग से भी ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। यह कब्ज़ की शिकायत को भी दूर करता है। इस कारण से नए बाल फिर से आने लगते है ओर पुराने बाल गिरते नहीं है। स्त्रियों की मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने में यह योग बहुत सहायक है।

 

वज्रासन को करने की विधि:

इसे करने के लिए घुटनो के बल बैठ जाए और पंजो को पीछे की ओर ले जाए।
अपने पैरों को एक दूसरे पर इस प्रकार से रखे कि एक पैर का अंगूठा दूसरे पैर पर हो।
अपने नितम्बो को पंजो के ऊपर रख ले और अपने हाथों को घुटने पर रखें।
उसके बाद अपनी आँखों को बंद करके अपना पूरा ध्यान साँस पर केंद्रित करने का कोशिश करें।
इस योग को आप अपनी क्षमता के अनुसार कर सकते है।

 

 

उष्ट्रासन

इससे शरीर विशेष रूप से रीढ़ की हड्डी का लचीलापन बढ़ता है। पीठ और कंधे मजबूत होते है। पाचन क्रिया ठीक बनी रहती है। उष्ट्रासन में शरीर ऊंट की आकृति बनाता है। इस आसन को अंग्रेजी में Ushtrasana या Camel Pose भी कहा जाता है। यह आसान करने से बाल झड़ने की समस्या दूर होने लगती है।

 

इसे करने की विधि :

इस आसान को करने के लिए मैट पर घुटनों के बल बैठ जाए ।
अब पीछे की ओर झुके और दाये हाथ से दायी एडी को तथा बाये हाथ से बायीं एडी को पकड़ने की कोशिश करें।
अब आप जितना अधिक संभव हो उतना पीछे की ओर झुकने की कोशिश करें।
अपनी जांघों को सीधा रखने की कोशिश करें और जब शरीर में खिचाव महसूस होने लगे तो स्थिर हो जाए और सिर को पीछे की तरफ झुका लें। जब तक खिचाव सहन कर सकते हियँ तब तक इस आसान को करें। फिर सिर को ऊपर उठाये और धीरे धीरे वापिस उसी स्थिति में आ जाये।

 

 

उत्तानासन

उत्तानासन को एक संस्कृत शब्द उत्तान से लिया गया है जिसका अर्थ होता है जिसे अंग्रेजी में स्ट्रेचिंग कहा जाता है। यह सूर्य नमस्कार का एक भाग हैं, जिसे तनाव मुक्त रहने के लिए किया जाता है और साथ ही साथ यह बालों को झड़ने की समस्या को कम करने में मदद करता है। इसे करने से मांसपेशियां अच्छी रहती हैं। इस आसान को करने से घुटने और जांघ दोनों मजबूत होते है। इसे करने से पाचन प्रक्रिया में भी सुधर होता है और अनिंद्रा से राहत मिलती है।

 

उत्तानासन को करने की विधि:

उत्तानासन को करने के लिए सीधे खड़े हो जाये और गहरी सांस ले। सांस छोड़ते हुए नीचे झुक जाए और पैरों को छूने की कोशिश करें। इसे करने की प्रक्रिया अधोमुख शवासन की तरह ही है। लेकिन इसमें हाथ ओर पाँव के बीच अधिक दुरी नहीं रखना पड़ती है। इसे करते समय हथेलियों को पाँव के पंजे के पास ले जा सकते है।लगभग दस सेकण्ड्स तक करने के बाद वापिस सीधे खड़े हो जाएं।

 

 

अधोमुख शवासन

अधोमुख शवासन का अर्थ होता है श्वान की तरह अपने मुंह को नीचे की तरफ रखना। श्वान इस मुद्रा का उपयोग अपनी थकान मिटाने के लिए करता है और इसे करने से बाल झड़ने भी रुक जाते हैं, इसे करने से पाचन तंत्र भी ठीक रहता है। शरीर में रक्त का संचार भी बढ़ता है और नए बाल आने लगते है।

 

अधोमुख शवासन को करने की विधि:

 

इस योग को करने के लिए सीधे खड़े होकर हाथों को आगे जमीन पर ले जाएं।
हाथ और पैर के बीच कमर के बराबर दुरी रखे और घुटनों को सीधा करते हुए, साँस छोड़ते हुए कमर को ऊपर की ओर उठाएं।
इस आसान को करते समय शरीर त्रिकोण आकार में दिखाई देता है। इस योग में श्वान या कुत्ते की मुद्रा में झुकना होता है।
अपनी आँखों को नाभि पर केंद्रित करें और लम्बी और गहरी साँस लेते रहे। लगभग दस मिनिट तक करने के बाद आप हाथों को धीरे से उठाकर वापिस पुरानी मुद्रा में आ जाएं।

 

 

शशांकासन

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यह योग खरगोश मुद्रा के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि इस आसान को करते समय खरगोश की आकृति बनती है। शशांक का अर्थ होता है खरगोश। इसलिए इस आसन को शशांकासन कहते है। इसे करने से हमेशा मन शांत रहता है और डिप्रेशन से भी दूर रहते हैं। इससे शरीर में फुर्ती रहती है, मांसपेशिया लचीली और मजबूत होती है। भावनात्मक रूप से प्रभावित लोगों के लिए यह योगासन एक वरदान है। इसे करने से थॉयराइड और सायटिका के रोगियों को काफी फायदा होता है।

शशांकासन को करने की विधि:

 

इस आसन को करने के लिए पहले वज्रासन के स्थिति में बैठ जाए। अपने दोनों हाथों को दोनों घुटनो पर रख ले। अब सांस को अंदर लेते हुए दोनों हाथो को ऊपर उठाये। रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। फिर सांस छोड़ते हुए नीचे की तरफ झुक जाए और हाथो को जमीन पर स्पर्श करें। इसी प्रकार अब सिर को धीरे से जमीन पर रख दे। फिर सांस लेते हुए धीरे धीरे सीधे हो जाए। इस प्रक्रिया को पांच से सात बार जरूर दोहराये।


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