भारत में पेट के कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल

कैंसर एक जानलेवा बीमारी हैं, कैंसर कई प्रकार के होते हैं परन्तु पेट का कैंसर अधिक ख़तरनाक होता हैं। पेट के कैंसर का इलाज न कराने पर मनुष्य की जान को खतरा हो सकता हैं। यदि इस बीमारी का शुरुआत में ही पता लग जाये तो जल्द ही डॉक्टर से संपर्क करे तथा इस बीमारी को ख़त्म करे। कैंसर को नज़रअंदाज़ करने से यह अधिक गंभीर हो सकता हैं।

 

कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से या अंग में मौजूद कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता हैं। इससे प्रभावित कोशिकाएं फैलने लगती हैं जिससे की कैंसर शरीर के अन्य हिस्सों में फ़ैल जाता हैं। यह एक ऐसी बीमारी होती हैं जो धीरे-धीरे विकसित होती हैं और शरीर में अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाती हैं।

 

 

 

पेट का कैंसर क्या होता हैं ?

 

 

पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर (gastric cancer) के नाम से भी जाना जाता हैं, यह बीमारी तब होती हैं जब मनुष्य के पेट में मौजूद कोशिकाएं आसामन्य तरीकों से बढ़ने लगे। पेट आंतो के बीच में होता हैं और अन्य आस-पास की संरचनाओं और अंगो जैसे लिवर,अग्न्याशय, अन्नप्रणाली और कोलन से शारीरिक रूप से सम्बंधित होती हैं इसी कारण अगर पेट के कैंसर जैसी बीमारी होती हैं तो इन सब अंगो पर अधिक प्रभाव पड़ता हैं। लगभग 95 % मामलों में पेट का कैंसर पेट की परत से शुरू होता हैं और धीरे – धीरे बढ़ता चला जाता हैं।

 

 

 

 

पेट के कैंसर में लक्षण क्या होते हैं ?

 

पेट का कैंसर जब होता हैं तो उसके लक्षण लास्ट स्टेज में या फिर देरी से पता चलते हैं इसलिए सामान्य लक्षण दिखते ही इसकी जाँच कराये और डॉक्टर से परामर्श ले। अधिक देर करने से यह बीमारी बढ़ सकती हैं तथा जानलेवा हो सकती हैं। निचे बताए गए कुछ लक्षण में से अगर किसी भी मनुष्य को वैसा महसूस होता हैं तो उन्हें जल्द – ही डॉक्टर से मिलना चाहिए।

 

 

  • पेट में अधिक दर्द होना।
  • अधिक थकान व कमजोरी महसूस होना।
  • भूख न लगना।
  • वजन का अधिक काम आना।
  • नाभि के ऊपर वाले हिस्से में हमेशा अधिक दर्द रहना।
  • सीने में जलन और भारीपन महसूस करना।
  • हीमोग्लोबिन में कमी।
  • उलटी होना तथा उलटी में खून का आना।
  • जी मिचलाना।
  • कब्ज होना।
  • मल त्यागने में परेशानी होना।
  • बुखार आना व पीलिया होना।

 

 

 

 

पेट के कैंसर के विभिन्न इलाज क्या हैं ?

 

 

पेट के कैंसर का इलाज मनुष्य के कैंसर की स्टेज पर आधारित होता हैं और उसके अनुसार ही इलाज किया जाता हैं। इलाज से पहले डॉक्टर रोगी के कुछ टेस्टकी स्टेज का पता लगाने के लिए जाँच करते हैं ताकि स्टेज के अनुसार इलाज हो पाए। पेट के कैंसर के इलाज कुछ इस प्रकार हो सकते हैं जैसे की –

 

सर्जरी (surgery): पेट का कैंसर सर्जरी द्वारा भी ख़त्म किया जा सकता हैं। इस सर्जरी का लक्ष्य उसके आसपास के कुछ स्वस्थ ऊतकों के साथ -साथ सभी कैंसर को हटाना होता हैं। यह सर्जरी तब की जाती हैं जब पेट के कैंसर वाला हिस्सा पेट के किसी छोटी आंत में स्थित हो।

 

कीमोथेरेपी (chemotherapy):पेट के कैंसर के इलाज में कीमोथेरेपी दवाईओं द्वारा की जाती हैं यह दवाइयाँ पेट के बहार फैले कैंसर की कोशिकाओं को मारने के लिए रोगी के पुरे शरीर में यात्रा करती हैं। पेट के कैंसर के इलाज के लिए कीमोथेरेपी का उपयोग अक्सर विकिरण चिकित्सा के साथ किया जाता हैं। सर्जरी होने के बाद बची हुई कैंसर कोशिकाओं को मरने के लिए कीमोथेरेपी का होना बहुत आवश्यक होता हैं।

 

रेडिएशन थेरेपी(radiation therapy): रेडिएशन थेरेपी सबसे कठिन ट्रीटमेंट माना जाता हैं, रेडिएशन थेरेपी में ऊर्जा की किरणों की मदद से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता हैं। यह थेरेपी जब की जाती हैं जब पेट का कैंसर अधिक बढ़ गया हो या फिर अधिक दर्द तथा खून बहने कैसे लक्षण दिखने लगे।

 

अपर एंडोस्कोपी(upper endoscopy): अपर एंडोस्कोपी तब की जाती हैं जब कैंसर मनुष्य की ऊपरी परतों तक ही सिमित हो अधिक न हुआ हो तो उससे अपर एंडोस्कोपी की मदद से हटाया जाता हैं।

 

 

 

 

पेट के कैंसर के कितने चरण होते है ?

 

 

पेट के कैंसर के चरण का अर्थ यह है की कैंसर किस चरण पर हैं सामान्य हैं या फिर अधिक मात्रा में विक्षित हो गया हैं कई बार कैंसर की चरण के अनुसार ही इलाज किया जाता हैं। इस चरण का पता लगाने के लिए डॉक्टर रोगी के कैंसर की जाँच करते हैं और उसी प्रकार से कैंसर को 0 से 4 की श्रेणी में रखते हैं , पेट के कैंसर के चार चरण होते हैं।

 

चरण – 1: यह चरण शुरुआत का होता हैं जब मनुष्य के पेट का कैंसर पेट तक ही सिमित होता हैं।

 

 

चरण – 2: दूसरे चरण में यह माना जाता है की पेट का कैंसर पेट के भीतरी परतो में विक्षित होने लगे।

 

 

चरण – 3: तीसरे चरण में पेट का कैंसर पेट की अंदरूनी दीवारों में गहरा हो चूका हो तथा लिवर ( liver ) को भी प्रभावित कर रहा हो।

 

 

चरण – 4: चौथे चरण तब माना जाता हैं जब मनुष्य का पेट का कैंसर अन्य अंगो में फ़ैल चूका हो जब कैंसर अन्य अंगो में फ़ैल गया हो तो उससे मेटास्टेटिक के नाम से जाना जाता है।

 

 

 

 

पेट के कैंसर होने के क्या कारण होते हैं।

 

 

अधिकतर मनुष्य किसी भी प्रकार के लक्षणों को सामान्य रूप से नज़रअंदाज़ कर देते हैं किन्तु ऐसा नहीं करना चाहिए यह हानिकारक साबित हो सकता हैं किसी भी प्रकार के लक्षण नज़र आने पर तुरंत ही डॉक्टर से जाँच कराये ताकि कैंसर और विक्षित न हो और सही समय पर उसका इलाज हो जाये। पेट के कैंसर होने के कुछ कारण इस प्रकार हैं।

 

 

  • जेनेटिक ( यदि परिवार या इतिहास में किसी को यह बीमारी हो तो यह आगे फ़ैल सकती हैं।
  • शरीर का मोटापा भी इस बीमारी का कारण होता हैं।
  • अधिक मात्रा में नशीले पदार्थ तथा धूम्रपान चीज़ो का सेवन करना।
  • कोयला ,धातु तथा रबर जैसे पदार्थ के संपर्क में आना।
  • गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग (जीईआरडी) (Gastroesophageal reflux disease – GERD)
  • जठरशोथ (Gastritis)
  • ऑटोइम्यून एट्रोफिक गैस्ट्रिटिस (Autoimmune atrophic gastritis)
  • पेट के अल्सर का इतिहास।

 

 

 

 

पेट के कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल। (Best Hospitals For Stomach Cancer Treatment in Hindi)

 

 

पेट के कैंसर के लिए गुरुग्राम के बेस्ट अस्पताल 

 

 

 

 

पेट के कैंसर के लिए दिल्ली के बेस्ट अस्पताल।

 

 

 

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पेट का कैंसर (stomach cancer) के लक्षण या संकेत पहले नज़र नहीं आते कुछ डॉक्टर का कहना हैं की जब पेट के कैंसर होता हैं, तो उसका असर त्वचा खासकर मुँह पर नज़र आने लगते हैं। मुँह पर दिखने वाले लक्षण बीमारी का संकेत माना जाता हैं इसलिए समय रहते ही शुरुआती लक्षण में ही डॉक्टर के पास जाकर परामर्श ले तथा सम्पूर्णरूप से इलाज कराए।

 

 

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