बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन क्या है, और खर्च (Bone marrow transplant cost in Hindi)

बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन (बीएमटी) या स्टेम सेल ट्रांसप्लांट एक प्रक्रिया हैं रोग ग्रस्त या फिर क्षतिग्रस्त बोन मेरो के स्थान पर एक स्वस्थ रक्त उत्पादक बोन मेरो को प्रतिस्थापित किया जाता हैं। बोन मेरो ट्रांसप्लांट की जरुरत तब पड़ती हैं जब बोन मेरो ठीक तरह से काम करना बंद कर दे और पर्याप्त मात्रा में स्वस्थ रक्त कोशिकाओं का उत्पादन न करें। बोन मेरो ट्रांसप्लांट करने के लिए स्वस्थ स्टेम कोशिकाएं व्यक्ति के अपने शरीर या फिर किसी डोनर के शरीर से ली जाती हैं और ट्रांसप्लांट करने से पहले फ़िल्टर की जाती हैं।

 

 

 

बोन मेरो ट्रांसप्लांट के प्रकार। (Bone marrow transplant types in Hindi)

 

 

8 से 45 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति जिसका कैंसर का कोई इतिहास नहीं है, जो अच्छे स्वास्थ्य में है, अस्थि मज्जा दान कर सकता है। लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं के लिए मेल खोजना मुश्किल है। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण को दो प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है।

 

  • ऑटोलॉगस बोन मेरो ट्रांसप्लांट: ऑटो शब्द का अर्थ है स्वयं, इसलिए यहां व्यक्ति की अपनी स्टेम कोशिकाओं का उपयोग इस प्रक्रिया में किया जाता है। जब कोई विकिरण उपचार से गुजर रहा हो या होने की संभावना हो या कैंसर के उपचार के मामले में उच्च खुराक कीमोथेरेपी दी जाती है और इस तरह के उपचार से पहले स्टेम कोशिकाओं को शरीर से लिया जाता है और इसे संरक्षित करने के लिए जमा दिया जाता है। उपचार के बाद चूंकि शरीर अपनी ताकत हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है, रक्त कोशिकाओं के निर्माण के उचित कार्य को बनाए रखने में मदद करने के लिए संरक्षित स्टेम कोशिकाओं को वापस शरीर में रखा जाता है । इस प्रक्रिया को रेस्क्यू ट्रांसप्लांट भी कहा जाता है।

 

  • एलोजेनिक बोन मेरो ट्रांसप्लांट: “एलो” शब्द का अर्थ अन्य है जो स्वयं या दाता के अलावा अन्य है। यहां, स्टेम सेल को दूसरे व्यक्ति से हटा दिया जाता है, और कई बार, यह एक शर्त है कि दाता के जीन कम से कम आंशिक रूप से प्राप्तकर्ता के जीन से मेल खाते हों। प्रत्यारोपण से पहले कई विशेष परीक्षण किए जाते हैं ताकि जांच की जा सके कि दाता एक अच्छा मैच है या नहीं। इस प्रक्रिया में, आनुवंशिक समानता के कारण परिवार का एक सदस्य एक दाता होता है और सबसे अधिक संभावना है कि एक सहोदर सबसे अच्छा मैच होगा। और अच्छे मेल की संभावना रिश्तेदार, माता-पिता और बच्चे भी हो सकते हैं।

 

 

 

बोन मेरो ट्रांसप्लांट से किन बीमारियों का इलाज होता हैं – (Which diseases are treated by bone marrow transplant in Hindi)

 

 

  • ल्यूकेमिया: ल्यूकेमिया एक तरह का कैंसर है जो खून और बोन मेरो में होता है। ल्यूकेमिया के इलाज के लिए बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन की मदद ली जाती है।

 

  • लिंफोमा: लिंफोमा संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाओं का कैंसर होता है। लिंफोमा के लिए इलाज के लिए बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन की मदद ली जाती है।

 

  • एक्यूट लिम्फोटिक ल्यूकेमिया: यह बच्चों में होने वाला सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है। यह हड्डी और बोन मैरो में होता है। इस कैंसर के लिए इलाज के लिए  बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन की मदद ली जाती है।

 

  • अप्लास्टिक एनीमिया: अप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें बोन मेरो पर्याप्त मात्रा में रक्त कोशिकाएं नही बना पाता है। इस बीमारी के इलाज के लिए बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन किया जाता है।

 

  • प्राइमरी इम्यूनो डेफिशियेंसी: हेमोग्लोबिनोपेथीज़, मायलोडिसप्लास्टिक सिंड्रोम, पोयम्स सिंड्रोम और अमायलोडोसिस जैसी बीमारियों के लिए इलाज के लिए भी बोन मेरो ट्रांसप्लांटेशन की मदद ली जाती है।

 

 

 

बोन मेरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया कैसे होती हैं ? (Bone marrow transplant procedure in Hindi)

 

 

  • बोन मेरो ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया में डोनर तथा मरीज को मानसिक रूप से परामर्श किया जाता हैं। सबसे पहले इस प्रक्रिया के दौरान डोनर और मरीज को लोकल एनेस्थीसिया दिया जाता हैं ताकि दोनों को सर्जरी के वक़्त कम से कम दर्द महसूस हो। इसमें मरीज या स्टेम सेल दान करने वाले डोनर से एक या दो यूनिट रक्त लिया जाता है, बोन मेरो बनने के बाद वापस लौटा दिया जाता हैं। मरीज को एक साफ़ सुथरे कमरे मे अलग रखा जाता हैं क्योकि मरीज को संक्रमण होने का खतरा रहता हैं, संक्रमण दूर करने के लिए मरीज को एंटीबायोटिक भी दिया जाता हैं।

 

  • शरीर में कही भी कैंसर है तो उसे नष्ट करने के लिए या रोगग्रस्त स्टेम सेल्स को नष्ट करने के लिए मरीज को कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी दी जाती हैं। कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी की अत्यधिक मात्रा के कारण ब्लड स्टेम सेल नष्ट हो जाती है तथा सामन्य ब्लड सेल का उत्पादन शुरू कर देती हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 2 से 3 घंटे लगते हैं और यह दर्द रहित होती हैं मरीज में फ्लू जैसे लक्षण नज़र आते हैं जो की बाद मे खुद ठीक हो जाते हैं।

 

 

  • मरीज को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता और वह सर्जरी के कुछ समय बाद अपनी सामान्य अवस्था मे आ जाता हैं परन्तु डॉक्टर मरीज को कुछ दिन अस्पताल में रखते हैं ताकि वह पूर्ण रूप से स्वस्थ होकर अपने घर जा पाए।

 

 

 

बोन मैरो ट्रांसप्लांट का कितना खर्चा आता है। (Bone marrow transplant cost in Hindi)

 

 

बोन मेरौ ट्रांसप्लांट कराने का कुल खर्च लगभग INR 10,000,00 रुपय से INR 20,00,000 रुपय तक है। भारत में बहुत से बड़े अस्पताल के डॉक्टर है जो का बोन मेरो ट्रांसप्लांट करते है। लेकिन सभी अस्पतालों में बोन मेरो  ट्रांसप्लांट का खर्च अलग हो सकता है। अगर आप अच्छे अस्पतालों में बोन मेरो ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं तो हम आपको इसके लिए बेस्ट हॉस्पिटल्स का सुझाव देंगे।

 

 

बोन मेरो ट्रांसप्लांट के लिए भारत के अच्छे अस्पताल-

 

 

 

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