सर्वाइकल कैंसर की जटिलताएं क्या हैं?

 

 

गर्भाशय के निचले हिस्से में गर्भाशय ग्रीवा है, वहाँ सर्वाइकल कैंसर एचपीवी नामक एक वायरस होता है जो इस कैंसर का कारण बनता है। दरअसल यह वायरस यौन संपर्क से फैलता है। ज्यादातर महिलाओं का शरीर एचपीवी संक्रमण से लड़ने में सक्षम होता है। लेकिन कभी-कभी यह वायरस कैंसर में भी बदल सकता है। जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है

 

 

 

आमतौर पर गर्भाशय ग्रीवा में सामान्य कोशिकाओं को कैंसर कोशिकाओं में बदलने में कई साल लगते हैं। इसके लिए गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं की जांच करने के लिए पैप टेस्ट करके असामान्य कोशिकाओं का पता लगाया जाता है। आप एचपीवी टेस्ट भी करवा सकते हैं। यदि आपके परिणाम असामान्य हैं, तो आपको बायोप्सी या अन्य परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है। नियमित रूप से स्क्रीनिंग टेस्ट करा के आप इसे कैंसर में बदलने से पहले ही इस समस्या का पता लगा सकते हैं और उसका इलाज कर सकते हैं।

 

 

 

सर्वाइकल कैंसर के दो मुख्य प्रकार हैं

 

 

A) स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (Squamous cell carcinoma) : वे पतली कोशिकाओं में विकसित होते हैं, जो गर्भाशय ग्रीवा के निचले हिस्से में मौजूद होती है। इस तरह के कैंसर के मामले लगभग 80% -90% प्रतिशत तक देखे जाते हैं।

 

 

B) एडीनोकार्सिनोमा (Adenocarcinoma) : ये कोशिकाएं ऊपरी हिस्से में विकसित होती हैं, ये ग्रंथियों की कोशिकाओं के बीच होती हैं जो गर्भाशय ग्रीवा में मौजूद होती हैं।

 

 

कभी-कभी कैंसर की कोशिकाएं मेटास्टेटिक (Metastatic) हो सकती हैं और आस-पास के अन्य अंगों में फैल सकती हैं।

 

 

 

 

सर्वाइकल कैंसर के लक्षण

 

 

जैसे यौनि से रक्तस्राव (Blood clots), सेक्स के बाद रक्तस्राव, रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव, रक्तस्राव और पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग, या मासिक धर्म (पीरियड्स) का होना जो सामान्य से अधिक लंबे समय तक हो रहा हो या दस्त के बाद रक्तस्राव भी हो सकता है।

 

 

 

  • सेक्स के दौरान दर्द,

 

 

  • मासिक धर्म चक्र के बीच रक्त के थक्के का निर्वहन या हल्का रक्तस्राव (Blood clots),

 

 

  • लंबे समय तक मासिक धर्म होना उसके साथ रक्तस्राव (Blood clots) होना,

 

 

  • एक दुर्गंध के साथ यौनि द्रव निर्वहन,

 

 

  • संभोग के दौरान बहुत अधिक दर्द, पैल्विक हड्डियों या पीठ के निचले हिस्से में दर्द,

 

 

  • श्रोणि क्षेत्र में लगातार दर्द (Persistent pain in the pelvic region)।

 

 

सर्वाइकल कैंसर के जोखिम

 

 

एक से अधिक यौन संबंध (Many sexual partners) : जो महिलाएं अलग अलग-लोगों के साथ संबंध बनाती हैं उन्हें ये कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है। ऐसा करने के बाद उनके शरीर में एचपीवी की  संभावना उतनी ही अधिक होगी।

 

 

 

अर्ली सेक्सुअली एक्टिविटी (Early sexual activity) : कम उम्र में संबंध बनाने से आपके शरीर में एचपीवी (HPV) का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

 

अदर सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन (Other sexually transmitted infections STIs) : इसकी वजह से महिला के शरीर में इन्फेक्शन होने का खतरा ज्यादा होता है। इसके अलावा उस महिला को एचआईवी एड्स होने का खतरा भी होता है।

 

 

 

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली (A weak immune system) : यदि आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति से कमजोर है और आपको एचपीवी है, तो उन महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर होने की अधिक संभावना हो सकती है।

 

 

 

धूम्रपान (Smoking) : धूम्रपान स्क्वैमस सेल (squamous cell) सर्वाइकल कैंसर से जुड़ा हुआ है, इसलिए जो महिलाएं धूम्रपान करती हैं, उन्हें धूम्रपान छोड़ देना चाहिए।

 

 

 

गर्भपात रोकने वाली दवा का सेवन (Exposure to miscarriage prevention drug) : जो महिला गर्भपात को रोकने के लिए अन्य दवाओं का सेवन करती हैं उन्हें भी बहुत सावधान रहने की जरुरत है। क्योंकि इन दवाओं के सेवन से महिलाओं को विशेष प्रकार के ग्रीवा के कैंसर का खतरा बढ़ सकता है, जिसे क्लियर सेल एडेनोकार्सिनोमा (Clear Cell Adenocarcinoma) कहा जाता है।

 

 

 

सर्वाइकल कैंसर से बचने के तरीके

 

 

 

अपने डॉक्टर से एचपीवी (HPV) वैक्सीन के बारे में पूछें : एचपीवी (HPV) संक्रमण को रोकने के लिए डॉक्टर टीका करण करते हैं इससे सर्वाइकल कैंसर और अन्य एचपीवी से संबंधित कैंसर का खतरा कम हो सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि क्या आपके लिए एचपीवी वैक्सीन सही है या नहीं।

 

 

 

नियमित पैप टेस्ट करवाएं : पैप टेस्ट गर्भाशय ग्रीवा की अनिश्चित स्थितियों का पता लगा सकता है, इसकी सलाह आपका डॉक्टर देता है। इसलिए सर्वाइकल कैंसर को रोकने के लिए डॉक्टर इस टेस्ट का सहारा लेते हैं और इसके उपचार के लिए प्रभावी कदम उठाते हैं। डॉक्टरों का सुझाव है कि 21 वर्ष की उम्र में पैप टेस्ट कराना शुरू कर देना चाहिए और उन्हें कुछ वर्षों में यह टेस्ट कराते रहना चाहिए।

 

 

 

सेक्स के दौरान संक्रमण से बचें : सेक्स के दौरान कई बार कुछ लोगों को संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है। जो सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ाता है। जब भी आप सेक्स करें, तो कंडोम का उपयोग जरूर करें और कई लोगों के साथ संबंध ना बनाए।

 

 

 

धूम्रपान न करें : यदि आप धूम्रपान नहीं करते हैं, तो ये बहुत अच्छी बात है। यदि आप धूम्रपान करते हैं, तो छोड़ने की कोशिश करें। क्योंकि डॉक्टर भी सबसे पहले यही सलाह देता हैैं।

 

 

सर्वाइकल कैंसर एक बहुत ही खतरनाक बीमारी है यह महिलाओं की मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। इसलिए महिलाओं को अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखने की जरुरत होती है। इसकी वजह से उन महिलाओं को गर्भवती होने में भी परेशानी हो सकती है। इसलिए आपको ऐसी कोई भी समस्या हो रही है तो आपको तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने की जरुरत है


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