ये हैं जानलेवा चमकी बुखार के लक्षण, जाने बचने के उपाय?

 

 

बिहार में बच्चों की मौत का सिलसिला जारी है। सरकारी अस्पतालों में चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की संख्या बढ़ रही है। दिमागी बुखार (शुक्राणु बुखार, दिमागी बुखार, जापानी एन्सेफलाइटिस, नाक रोग) एक गंभीर बीमारी है। इसका समय पर इलाज होना चाहिए। यह रोग अत्यधिक गर्मी और नमी के मौसम में फैलता है। 1 और 15 वर्ष की आयु के बच्चे बीमारी से अधिक प्रभावित होते हैं। गौरतलब है कि इस संदिग्ध बुखार ने बिहार के मुजफ्फरपुर के सरकारी मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों में 90 बच्चों की जान ले ली है।

 

चमकी बुखार के लक्षण (Acute Encephalitis Syndrome symptoms in Hindi)

 

 

  • चमक या ऐंठन होना,

 

  • बच्चे का अचानक सुस्त होना,

 

  • दांत पर दांत लगना,

 

  • बेहोशी और चिंदी के काटने से शरीर में कोई हलचल नहीं होना।

 

जैसे ही ये लक्षण मौजूद हों, नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं और डॉक्टर को दिखाएं। अगर इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जा रहा है तो यह बाद में गंभीर हो सकता है।

 

 

चमकी बुखार के कारण (Acute Encephalitis Syndrome causes in Hindi)

 

एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) एक बहुत ही जटिल बीमारी है। इसके कई कारण हैं, जैसे वायरस, बैक्टीरिया, प्रोटोजोआ, कवक और गैर-संक्रामक एजेंट। जबकि जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस (जेईवी) को भारत में एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम का एक प्रमुख कारण माना जाता है (इसका डेटा 5-35% तक है) भारत में 2018 के दौरान एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम का 15% व्यक्ति में सकारात्मक पाया गया है।

 

एक्यूट एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम के अधिकांश मामले अप्रैल से जून के दौरान देखे गए हैं, खासकर भारत, मुजफ्फरपुर, बिहार और आसपास के लीची उत्पादक जिलों में, विशेषकर उन लोगों के बीच जो लीची के आसपास के क्षेत्रों में या उसके आसपास गए हैं। 2014 में, नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल, दिल्ली (सेंटर फॉर डिसीज़ कंट्रोल यूएस) ने लीची को भारत में तीव्र इन्सेफेलाइटिस का कारण बताया।

 

चमकी बुखार होने पर क्‍या करें

 

तेज बुखार आने पर शरीर को ताजे पानी और हवा से पंखे के जरिए पोंछें ताकि बुखार कम हो जाए। बच्चे के शरीर से कपड़ा हटा दें और गर्दन को सीधा रखें। डॉक्टर की सलाह के बाद ही पेरासिटामोल की गोली और अन्य सिरप दें। अगर मुंह से लार या झाग निकल रहा है, तो उसे साफ कपड़े से पोंछ लें, जिससे सांस लेने में कोई दिक्कत न हो। बच्चों को ओआरएस का घोल लगातार बच्चों को पिलाते रहें। रोगी की आँखों को तेज़ रोशनी से बचाने के लिए एक पट्टी से ढँक दें। बेहोशी और मिर्गी के मामले में, रोगी को हवा वाले क्षेत्र में रखें। यदि बच्चे ने दिन में लीची खाई है, तो उसे रात में पेट भर खाना खिलाना चाहिए। चमकी बुखार होने  पर  रोगी को बाएं या दाएं करवट लेकर लिटाये ।

 

चमकी बुखार के लिए सामान्य उपचार और चेतावनी (Acute Encephalitis Syndrome treatment in hindi)

 

1.अगर आपके बच्चे में चमकी बुख़ार के लक्षण दिखें तो, तो सबसे पहले बच्चे को धूप में जाने से बचाएं।

 

2. बच्चे तेज धूप के संपर्क में आने से बचाएँ ।

 

3. बच्चों को दिन में दो बार नहलाएं।

 

4. ग़र्मी दिनों के दौरान बच्चों को ओआरएस या नींबू-पानी-चीनी घोल दें।

 

5. सोने से पहले बच्चों को खाना खिलाएं।

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