चिकनगुनिया (Chikungunya) क्या है जाने इसके कारण, लक्षण और इलाज

 

चिकनगुनिया मच्छरों से फैलने वाली बीमारी है। यह रोग अफ्रीका और एशिया महाद्वीप के देशों में बहुत अधिक पाया जाता है। हालांकि, इस मच्छर जनित बीमारी के कुछ मामले यूरोप और अमेरिका के कुछ हिस्सों में भी पाए गए हैं। चिकनगुनिया शब्द किमाकोंडे भाषा से लिया गया है, जो तंजानिया के दक्षिण-पूर्वी क्षेत्र और उत्तरी मोजाम्बिक में बोली जाती है।

 

 

चिकनगुनिया क्या है? (What is Chikungunya in Hindi)

 

कई दिनों से बुखार है, पूरे शरीर में दर्द है, आजकल ज्यादातर दोस्त, रिश्तेदार ऐसा कहते हैं। तो यह एक वायरस है जो एक संक्रमित मादा मच्छर (एडीज इजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस) के काटने से फैलता है। चिकनगुनिया का प्रसार आमतौर पर घर के बाहर और दिन के दौरान होता है।

चिकनगुनिया (Chikungunya) ने कुछ साल पहले एक महामारी का रूप ले लिया था, क्योंकि आज यह एक महामारी बन चुकी है और अब बदलते मौसम में जानकारी के अभाव में यह बीमारी लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। लोग नहीं जानते कि चिकनगुनिया का इलाज घर पर भी बेहतर तरीके से किया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह से आप घर पर रहकर भी इस बीमारी से निजात पा सकते हैं।

 

 

चिकनगुनिया के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of Chikungunya in Hindi)

 

चिकनगुनिया के लक्षण 10-12 दिनों तक रहते हैं, जो धीरे-धीरे अपने आप ठीक होने लगते हैं। चिकनगुनिया में बुखार और जोड़ों में असहनीय दर्द के अलावा कुछ अन्य समस्याएं भी महसूस हो सकती हैं। उनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

 

  • सरदर्द

 

 

 

  • उल्टी

 

 

  • बदन दर्द

 

अक्सर लोग चिकनगुनिया के लक्षणों को मलेरिया और डेंगू जैसी अन्य मच्छर जनित बीमारियों के साथ भ्रमित करते हैं। लेकिन, शरीर पर इनका असर अलग होता है। ऐसे में इसमें होने वाले बुखार की गंभीरता अन्य बीमारियों से अलग होती है। इसी तरह डेंगू में भी कई बार मरीज को ब्लीडिंग जैसे लक्षण भी होते हैं। जबकि मलेरिया के मरीजों को तेज बुखार होता है।

 

 

चिकनगुनिया के कारण क्या हैं? (What are the causes of Chikungunya in Hindi)

 

दरअसल चिकनगुनिया वायरल संक्रमण के कारण होता है और वायरस संक्रमित व्यक्ति से स्वस्थ व्यक्ति में मच्छरों द्वारा फैलता है। चिकनगुनिया के मच्छरों को दिन के समय और स्वस्थ पानी में प्रजनन करते देखा जा सकता है। साफ-सफाई की कमी, संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना, संक्रमण के स्थानों में रहना और यात्रा करना, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली और आपके घर के आसपास जमा पानी चिकनगुनिया के खतरे को बढ़ा सकता है। इसी तरह, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों, नवजात शिशुओं, मधुमेह, रक्तचाप और हृदय रोगियों में चिकनगुनिया होने का खतरा अधिक होता है।

 

 

चिकनगुनिया का इलाज (Chikungunya treatment in Hindi)

 

अधिकांश डॉक्टर इस बीमारी का पता लगाने के लिए पहले डेंगू और मलेरिया का टेस्ट करवाने को कहते हैं। फिर, चिकनगुनिया परीक्षण किया जाता है। मच्छर जनित इस बीमारी का पता लगाने के लिए एक साधारण रक्त परीक्षण (CHIKV) किया जाता है।

 

आपको अन्य रक्त परीक्षणों की भी आवश्यकता हो सकती है जैसे एलिसा (एंजाइम-लिंक्ड इम्युनोसॉरबेंट एसेज़)। जिसकी मदद से शरीर में चिकनगुनिया (इम्युनोग्लोबुलिन एम और इम्युनोग्लोबुलिन जी) से लड़ने वाले एंटी-बॉडीज का पता लगाया जा सकता है। आपका डॉक्टर आपके रक्त का परीक्षण करने के लिए आरटी-पीसीआर नामक एक अन्य रक्त परीक्षण की भी सिफारिश कर सकता है। जो संक्रमण के एक सप्ताह के भीतर किया जाता है।

 

चूंकि यह एक वायरल संक्रमण है, चिकनगुनिया के लिए कोई विशिष्ट टीका या दवा नहीं है। ज्यादातर मामलों में, रोगी एक सप्ताह के भीतर ठीक हो जाता है। हालांकि जोड़ों के दर्द की समस्या कुछ महीनों तक बनी रह सकती है। चिकनगुनिया के प्राथमिक उपचार के लिए सूजन, बुखार और दर्द को कम करने वाली दवाएं दी जा सकती हैं। साथ ही मरीजों को ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेने और आराम करने की सलाह दी जाती है।


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