फंगल इन्फेक्शन क्या है कैसे करें इसका उपचार ?

 

अक्सर बदलते मौसम के साथ ज्यादातर स्किन प्रॉब्लम होने का खतरा बढ़ा जाता है। तप्ती गर्मी, बरसात, तेज धूप और प्रदूषण के कारण आपको त्वचा संबंधी कई तरह की समस्याए होने का खतरा होता है, जिसमें से एक है “फंगल इंफेक्शन” (Fungal Infection)। किसी कीड़े के काटने के कारण आपकी त्वचा की ऊपरी सतह में पपड़ी, पैरों में खुजली, नाखूनों का पीला और मोटा होना, त्वचा पर लाल चकत्ते बनना और त्वचा में खुजली, रैशेज (Rashes) होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।

 

फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, ये लगभग 70 से 80 प्रतिशत लोग इस फंगल इन्फेक्शन से पीड़ित हैं, छोटे से रूप से शुरू होने वाला फंगल इन्फेक्शन कब बड़ा आकार ले लेता है, आपको पता भी नहीं चलेगा। जिस व्यक्ति को फंगल इंफेक्शन (Fungal Infection) होता है उसके द्वारा इस्तेमाल की गई किसी भी चीज को अगर कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल कर ले तो उसे भी ये इन्फेक्शन हो जाता है।

 

क्या है फंगल इन्फेक्शन के कारण?

 

फंगल पैदा करने वाले कीटाणु आमतौर पर मानसून के दौरान कई गुना तेजी से फैलते हैं। इन्हें नजरअंदाज किए गए अंगों जैसे पैर की उंगलिया, उंगलियों आदि के बीच, कमर का निचला हिस्सा। जहां ये इन्फेक्शन बहुत अधिक तेज़ी से फैलता है।

 

मानसून के दौरान लोग हल्की बूंदा-बांदी में भीगने के बाद अक्सर त्वचा को गीला छोड़ देते हैं। यही छोटी सी असावधानी कई बार फंगल इन्फेक्शन होने का कारण बनती है।

 

शरीर की प्रतिरोधक क्षमता जब कमजोर हो जाती है, तो भी फंगल इनफेक्शन  (Fungal Infections)  शरीर में पैदा हो जाते है और अपनी जड़ें जमा लेते है ।

 

कई लोग ऐसे है जो गर्म और ठन्डे वातावरण में रहते हैं, वो लोग भी अक्सर फंगल इन्फेक्शन  (Fungal Infections) का शिकार हो जाते हैं ।

 

जिन्हें एड्स (Aids) एचआईवी, डायबिटीज (Daibetes) और कैंसर (Cancer) जैसी जटिल बीमारिया होती है, उन्हें भी कभी-कभी फंगल इनफेक्शन  (Fungal Infections) होने का खतरा रहता है।

 

फंगल इनफेक्शन ज्यादा वजन और मोटापा तथा शरीर के मेटाबॉलिज्म का बिगड़ना भी इसके होने के खतरे को बढ़ाता है।

 

यदि किसी व्यक्ति को ज्यादा पसीना आता है तो ये भी फंगल इनफेक्शन  Fungal Infections को बढ़ावा देता है ।

 

जिस व्यक्ति को फंगल इनफेक्शन  Fungal Infections  रहता है यदि कोई भी अन्य व्यक्ति उसके संपर्क में आता है तो उसे भी इसके होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

इसके अलावा कपड़ों में रहने वाली नमी भी इस संक्रमण का बड़ा कारण है। कपड़े पहनने से पहले इसे अच्छी तरह सुखाकर ही पहनें।

 

क्या है फंगल इन्फेक्शन के लक्षण (What are the symptoms of fungal infection)

 

शरीर के किसी भी भाग में फंगल इन्फेक्शन  Fungal Infections होने पर से लाल-लाल दाग या लालिमा वाले छाले या गोल-गोल चकत्ते पड़ जाते है।

 

फंगल इन्फेक्शन  Fungal Infections के होने पर शरीर में पपड़ी के रूप में खाल झड़ना या निकलने लगती है।

 

फंगल इन्फेक्शन  Fungal Infections होने पर उस जगह पर खुजली और जलन भी होती है।

 

फंगल इन्फेक्शन  Fungal Infections वाली जगह पर सफेद दाग पड़ने की भी संभावना रहती है, जो देखने में बहुत ही भद्दे लगते है और उनपर अत्यधिक खुजली भी होती है।

 

कभी-कभी त्वचा का रूखापन भी इसका संकेत होता है।

 

क्या है इससे बचने के उपाए (What are the ways to prevent it)

 

अपने शरीर को जितना हो सके उतना सूखा रखें, घर से बाहर निकले तो अपने साथ कपड़ों का एक सेट बैग में रखें, ताकि बारिश में गीले होने पर चेंज कर सकें।

 

जींस, टी-शर्ट, सूट और इनर गारमेंट्स थोड़े लूज़ ही पहनें, नाइलॉन, पॉलिस्टर और खासतौर पर टाइट अंडर गारमेंट्स भी न पहनें क्योंकि ऐसे मौसम में टाइट कपड़ें पहनने से फंगल इन्फेक्शन हो सकता है।

 

कई लोग डॉक्टर के पास न जाकर बाजार से फंगल इन्फेक्शन की दवाएं खरीदकर खाते है जिसका उनके शरीर पर उल्टा और इन्फेक्शन होने का खतरा बढ़ जाता है तो ऐसा बिल्कुल न करें।

 

इन्फेक्शन वाली जगह पर एलोवेरा की जेल लगाए जो इस इंफेक्शन को दूर करने के साथ आपको होने वाली जलन से राहत देता है और खुजली और रैशेज से भी राहत दिलाता है।

 

साथ ही किसी भी तरह की आर्टिफिशियल जूलरी, बाहर का खाना, जंक फूड और बाहर के पूल्स को अवॉइड करें।

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