जोड़ों के दर्द की समस्या लोगो में पहले एक उम्र के बाद ही होती थी, लेकिन आजकल यह समस्या हर किसी में देखने को मिलती है। लोगों में पीठ दर्द और जोड़ों के दर्द की समस्या अक्सर बनी रहती है पर वे इसे नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन ऐसा करना सेहत के लिए बहुत ही खतरनाक साबित हो सकता है। इसके दर्द इतने खतरनाक होते है की चलने-फिरने में भी बहुत परेशानी होती है। इसलिए भी दर्द महसूस हो तो उसे नजरअंदाज न करे और तुरंत ही डॉक्टर से मिलकर जाँच कराएं।
अगर जोड़ों के दर्द की समस्या की वजह से आपकी नींद खराब हो रही हो, तो जल्द ही डॉक्टर से सलाह लीजिए क्योंकि आपको स्पांडिलाइटिस की शिकायत हो सकती है, जो की एक प्रकार का गठिया रोग है। स्पांडिलाइटिस से हृदय, फेफड़े और आंत समेत शरीर के कई अंग प्रभावित हो सकते हैं। स्पांडिलाइटिस की बीमारी को बिलकुल भी नजरंदाज न करे। इससे बहुत ही गंभीर रोग हो सकता है, जैसे की – बड़ी आंत में सूजन होना यानी की कोलाइटिस हो सकता है और आंखों में संक्रमण भी हो सकता है।
स्पांडिलाइटिस के लक्षण –
इसमें कमर से दर्द शुरू होता है और पीठ और गर्दन में अकड़न के अलावा शरीर के निचले हिस्से जांघ, घुटना व टखनों में दर्द होता है। रीढ़ की हड्डी में अकड़न बनी रहती है। स्पांडिलाइटिस में जोड़ों में इन्फ्लेमेशन यानी सूजन हो जाती है।
जोड़ों के दर्द की समस्या के कारण
- बोन कैंसर।
- हड्डियों में संक्रमण(ऑस्टियोमायलिटिस)।
- ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या।
- गाउट की समस्या।
- मौसम में परिवर्तन की वजह से भी जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है।
- हड्डियों का टूटना।
- मोच आना या चोट लगना।
- हड्डियों में ट्यूमर आदि की शिकायत होना।
जोड़ों के दर्द की समस्या के लक्षण
- पुरे शरीर में अकसर अकड़न बने रहना।
- घुटनों और जोड़ों में हर वक़्त दर्द होना।
- पैर और हाथों को हिलाने और ज्वाइंट्स हिलाने में काफी दर्द होना।
- चलने और बैठने में परेशानी होना।
- सूजन और क्रेपिटस।
जोड़ों के दर्द की समस्या के उपचार
- चलने-फिरने और बैठने की पोस्चर्स सही होनी चाहिए।
- कैल्शियम व विटामिन-डी वाले आहारों का सेवन करना चाहिए, जैसे की -दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, खजूर, बादाम, मशरूम तथा समुद्री फूड, आदि।
- टीवी लेटकर नहीं देखना चाहिए।
- एक्सरसाइज करना चाहिए।
- नरम गद्दों के बजाय रूई के गद्दों का इस्तेमाल करें।
- वजन को नियंत्रित रखकर भी आप जोड़ों के दर्द की समस्या से राहत पा सकते हैं।
जोड़ों के दर्द की समस्या के जांच और परीक्षण
डॉक्टर रोग की पहचान करने के लिए कुछ शारीरिक जांच कर सकते हैं, जैसे की –
- ब्लड टेस्ट।
- हड्डियों औऱ जोड़ो का एक्स रे, जिसमें हड्डियों का एक स्कैन शामिल है।
- सीटी या एमआरआई स्कैन।
- होर्मोन टेस्ट।
- पिट्यूटरी औऱ एड्रीनल ग्रंथि टेस्ट।
- यूरीन टेस्ट।
जोड़ों के दर्द की समस्या में घरेलू उपाय भी बहुत फायदेमंद हो सकते है, जैसे की –
- रोज सुबह लहसुन की दो कली खाली पेट पानी के साथ खाएं। ऐसा करने से जोड़ों के दर्द की समस्या में बहुत राहत मिलेगा।
- हल्दी का सेवन करने से रक्त संचार तेज होता है और यह जोड़ों के दर्द से आराम दिलाती है।
- हड्डियां मजबूत बनाने के लिए दूध और विटामिन डी का सेवन करे, इससे हड्डियों को कैल्श्यिम मिलता है।
- कपड़े को सेब के सिरके में भिगोकर दर्द वाले हिस्से पर लपेंटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें। ऐसा करने से जोड़ों के दर्द की समस्या बहतु जल्द ही ठीक हो जाएगी।
- जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हमेशा एक्टिव रहें, यानी जोड़ों की मूवमेंट होती रहनी चाहिए।
योगासन करने से जोड़ों के दर्द की समस्या दूर होती है –
- वीर-भद्रासन धनुरासन और
- सेतु-बंध आसन त्रिकोणासन।
जोड़ों के दर्द की समस्या को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। अगर आपका दर्द लगातार बना हुआ है या किसी चोट या कटने या सर्जरी के बाद शुरू हुआ है, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे।
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