कमजोर मांसपेशियों की वजह से हो सकती है समय से पहले मौत

कमजोर मांसपेशियों (Low Muscle Strength) वाले व्यक्ति आमतौर पर अपने मजबूत समकक्षों के मुकाबले ज्यादा दिन तक जीवित नहीं रहते और उनके 50 फीसदी पहले मरने का अंदेशा रहता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, मांसपेशी की मजबूती, उसके द्रव्यमान (मास) की तुलना में समग्र स्वास्थ्य की भविष्याणी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा हाथ की पकड़ की मजबूती का संबंध गतिशीलता की सीमा के विपरीत है।

 

हालांकि, साधारण व किफायती परीक्षण होने के बावजूद हाथ की पकड़ की मजबूती की जांच वर्तमान में ज्यादातर नियमित शारीरिक जांच (Physical Checkups) का हिस्सा नहीं है। सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के शोधकर्ता काते डुचोवन ने कहा, मांसपेशी की मजबूती को जीवन र्पयत बनाए रखना और खासकर जीवन के बाद वाले समय में लंबे जीवन व उम्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इस शोध को जर्नल जेरोटोलॉजी : मेडिकल साइंसेज में प्रकाशित किया गया है। इसके लिए शोध दल ने 8,326 पुरुषों व महिलाओं के आंकड़ों का विश्लेषण किया, जिनकी आयु 65 साल व इससे ज्यादा रही।

 

 

 

 

कमजोर मांसपेशियों की पहचान

 

 

 

खराब पोस्चर (Bad posture) एक कमजोर मांसपेशी होने का एक स्पष्ट संकेत है मांसपेशियों जो आपके पेट और पीठ के निचले हिस्से को श्रोणि की रीढ़ को स्थिर करने में मदद करते हैं जो बदले में आपकी ऊपरी हिस्से और कंधे को तटस्थ स्थिति में रखने में मदद करती है। इन मांसपेशियों में ताकत का अभाव होने के कारण आपको लचीले आसन होता है।

 

 

कमजोर मांसपेशियों का एक और संकेत कम पीठ में दर्द है। जब आप कोर होते हैं, मजबूत या संतुलित नहीं होता है जैसा कि होना चाहिए, आपके काठ का रीढ़ की हड्डी में परिवर्तन होने की संभावना है। यहां तक ​​कि कशेरुकाओं (Vertebrae) पर थोड़ी सी भी दबाव से आपकी रीढ़ की हड्डी और मांसपेशियों में चोट लगती है। हाथों और पैरों में कमजोरी यह भी संकेत दे सकती है कि आपकी मुख्य मांसपेशियां कमजोर हैं यदि आपको कोई गेंद फेंकना या पंच पर लैंड करना मुश्किल लगता है, तो इसका मतलब है कि आपकी मांसपेशियों की ताकत मजबूत नहीं है।

 

 

अपने मांसपेशियों की कमजोरी का एक अन्य संभावित संकेत आपके पेट को खोखले करने में असमर्थता है। एक गहरी साँस लें और जब आप श्वास छोड़ते हैं, तो अपने पेट के नाभि को अपनी रीढ़ की ओर खींचने की कोशिश करें इसे कुछ सेकंड के लिए या 10 की गिनती तक रखें और फिर रिलीज करें। यदि संपूर्ण गणना के लिए पकड़ को बनाए नहीं रख सकते हैं, इसका मतलब यह है कि आपका मूल कमज़ोर है।

 

 

 

 

 

मांसपेशियों की कमजोरी के लक्षण

 

 

 

  • मांसपेशियों में ऊर्जा न रहना सांस लेने में दिक्कत

 

  • चेहरे के भाव बदलने में समस्या

 

  • लेटे हुए अपना सिर न उठा पाना

 

  • चबाने में परेशानी

 

  • बोलने में दिक्कत और निगलने में कठिनाई

 

  • मांसपेशियों में दर्द

 

  • मांसपेशियों में ऐंठन

 

 

 

 

मांसपेशियों की कमजोरी से बचाव

 

 

 

  • अधिक गतिविधि करने के बाद मांसपेशियों को आराम देना ज़रूरी होता है। अगर आपने हाथों से सम्बंधित कोई एक्सरसाइज की है, तो उसके बाद अपने हाथों को अच्छे से स्ट्रेच करें और जब तक उनमें कमजोरी महसूस हो रही है तब तक कोई काम न करें।

 

  • कभी-कभी मांसपेशियों को गलत तरह से उपयोग करने से उन्हें नुकसान पहुंचता है, जिससे उनमें कमजोरी आ जाती है, जैसे भारी सामान उठाते समय सही तरीके से उठाना महत्वपूर्ण है ताकि आपकी मांसपेशियों में मोच न आए।

 

  • हाथों की ताकत बनाए रखने के लिए अपने रोज़मर्रा के व्यायाम के नियम में हलके वज़न उठाने वाली एक्सरसाइज करें और वजन को धीरे-धीरे बढ़ाएं, जिससे आपकी हाथों की ताकत बढ़ेगी और आपको मोच नहीं आएगी।

 

  • मांसपेशियों को स्ट्रेच (Muscle stretch) करने से उनमें खून का प्रवाह सही होता है जो मांसपेशियों की मरम्मत और कार्य करने की क्षमता के लिए अच्छा होता है। अगर आपको हमेशा ही मांसपेशियों की कमजोरी रहती है, तो आपको फिजियोथेरपी से आराम मिल सकता है। आपके थेरेपिस्ट आपके मांसपेशियों के नुक्सान के लिए एक्सरसाइज बताएंगे।

 

 

 

 

मांसपेशियों की कमजोरी दूर करने के घरेलू उपचार

 

 

 

तेल की मालिश: रोज़ाना तेल की मालिश करना मांसपेशियों की कमजोरी के लिए सबसे अच्छा इलाज है। इससे आपकी मासपेशियां मजबूत होती हैं। नारियल तेल और सरसों के तेल को गर्म करके मिला लें और उससे 20 मिनट के लिए मालिश करें। यह प्रक्रिया को दिन में कुछ बार दोहराएं।

 

व्यायाम: पैदल चलना मांसपेशियों की कमजोरी को ठीक करने का सबसे अच्छा उपाय है। रोजाना आधे से एक घंटे के लिए पैदल चलने, तैरने, जॉगिंग करने, दौड़ने और साइकिल चलाने से आपकी कमजोर मासपेशियां मजबूत होती हैं।

 

अंडे: अण्डों से मांसपेशियों की कमजोरी और थकान सही होती है। अण्डों में प्रोटीन होता है, जिससे मासपेशियां मजबूत होती हैं और उनका नुक्सान ठीक होता है। रोजाना नाश्ते में कम से कम दो अंडे खाएं।

 

पानी पिएं: मांसपेशियों की कमजोरी की मुख्य वजह होती है शरीर में पानी की कमी। पानी पीने से मासपेशियां मजबूत होती है और उनमें मौजूद कजोरी भी ठीक होती है। रोजाना दस गिलास पानी पिएँ और पानी वाले फल खाएं, जैसे तरबूज, खीरा और नारियल।

 

केले: केले में पोटेशियम के साथ-साथ ऐसे मिनरल होते हैं जो मांसपेशियों की कमजोरी को ठीक कर सकते हैं। अगर आप रोज़ाना दो केले खाते हैं, तो पोटैशियम से आपकी मासपेशियां मजबूत रहेंगी। आप केले का मिल्कशेक भी पी सकते हैं।

 

 

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