जब कोई व्यक्ति बॉर्डरलाइन पर्सनालिटी डिसऑर्डर से पीड़ित होता है, तो उसे ऐसा महसूस होता है की जैसे वह किसी रोलरकोस्टर पर बैठा हैं। ऐसे उनके साथ
लॉकडाउन लोगों को परिवार और परिजनों के साथ जोड़ने में काफी मददगार साबित हुआ है। इसी से जुड़ी एक बात सामने आई है कि लॉकडाउन में परिवार
जब किसी व्यक्ति को मधुमेह होता है तो उसे सबसे ज्यादा इसी बात की चिंता सताती है की वह क्या खाए और क्या न खाए ? लेकिन आज हम आपको
सभी को अपने दिन की शुरुआत स्वस्थ आहार का सेवन करके करनी चाहिए। ये और भी जरूरी तब हो जाता है जब आप घर से काम कर रहे होते है। अगर खुद को
आपके शरीर के हर अंग का काम करना बहुत जरूरी है तभी आप स्वस्थ रह सकते हैं। क्या आपको मालूम है की आपकी किडनी को हेल्दी रखने के लिए
रूस बना पहला देश जिसने कोविड-19 के लिए ह्यूमन ट्रायल पूरे किए। मॉस्को में कोरोना वायरस वैक्सीन के लिए क्लीनिकल ट्रायल (clinical trials)
“कहते हैं जब तक पेट दुरुस्त रहता है तब तक इंसान तंदरुस्त रहता है” ये बात हम सभी जानते हैं की हम जो भी कुछ खाता है वह सब
हार्मोनल असंतुलन के लक्षण जानने से पहले ये जानना जरूरी है की ये हमारे शरीर में क्या काम करते हैं। दरअसल ये हमारे शरीर की कई प्रमुख
मांसपेशियों में ऐंठन को अंग्रेजी में मसल्स क्रैम्प (Muscle Cramp) कहा जाता है। यह काफी लोगों को परेशान करता है, मांसपेशियों में
कोविड-19 हवा में केवल कुछ समय तक रहता है, डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ सौम्या स्वामीनाथन का ऐसा कहना है। वहीं दुनिया भर के 32