डायबिटीज यानी मधुमेह आज कल ये बीमारी बहुत आम से ख़ास होती जा रही है, पहले यह बीमारी बुढ़ापे की बीमारी होती थी, लेकिन आज के इस दौर में
अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस 11 अक्टूबर को मनाया जाता है, इसको मनाने का उद्देश्य यही है की देश में बालिकाओं के अधिकारों का सरंक्षण करना और
केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना (ABY) के तहत हर गरीब परिवार के सदस्यों को 5 लाख तक का हेल्थ इन्शुरन्स लाभ देने वायदा किया है, इस योजना
आज कल हर एक व्यक्ति की ज़िन्दगी काफी बिजी होती जा रही है, जिसके चलते लोग मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे है, बस उसी को मद्देनज़र
आज के इस दौर में लड़का हो या लड़की सभी अच्छा दिखना चाहते है और अच्छा दिखने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज है, आपकी ग्लोइंग स्किन। सभी अपनी त्वचा के लिए
आज कल की इस भागदौड़ से भरी ज़िन्दगी में लगभग हर इंसान अपनी ज़िन्दगी से परेशान रहने लगा है जिसे हम आम भाषा में स्ट्रेस भी कहते है। वही आज कल कार्डियक
मधुमेह यानि (शुगर) यह बीमारी भारत में अब बहुत आम होती जा रही है, इंटरनेशनल डायबिटीज फेड्रेशन ने दावा किया है की भारत में 7 करोड़ लोग मधुमेह
छोटे बच्चे जो की हर किसी की आँखों का तारा होते है सबसे पहले तो उनके माँ और बाप जो इनकी देखभाल करने में किसी भी तरह की कमी नहीं
जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे मानव शरीर को कई बिमारियों हो रही है, जिसमे सबसे गंभीर बीमारी है “एनीमिया” जो मानव
दुबई में एक शोध किया गया है जिसमें ये पाया गया है की जो वयस्क गैर-दर्द से जूझ रहे है या अपने दांत खो चुके हैं, उनमें हृदय रोग (सीवीडी)