पैनिक डिसऑर्डर क्या है ? जानिए इसके लक्षण और उपचार के तरीके

अगर हम सामान्य लोगों की बात करें तो उनके जीवनकाल में सिर्फ एक या दो घटनाए होती हैं। जो उनके मन में डर की वजह बनती है। इस समस्या की वजह से उनमें तनाव भी होने लगता है। ऐसा आपके साथ कभी-कभी होता है तो ये आम बात है। लेकिन अगर आपको ऐसा बार-बार होता है तो ये पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते है। यह दिमाग से जुड़ा एक विकार है जो उसकी मानसिक स्थिति को बहुत ज्यादा प्रभावित करता है।

 

 

पैनिक डिसऑर्डर क्या है ? (Panic Disorder In Hindi)

 

 

पैनिक अटैक इंसान के मन में पैदा होने वाला एक तीव्र डर है जिसका शिकार किसी भी उम्र का व्यक्ति हो सकता है। जो आज के समय में एक गंभीर शारीरिक और मानसिक प्रतिक्रियाओं को बहुत तेजी से प्रभावित करता है, जब किसी व्यक्ति को पैनिक अटैक बार-बार आता है और इसकी तीव्रता समय के साथ बढ़ती जाती है तो इसे पैनिक डिसऑर्डर कहते है।

 

आपको बता दें की पैनिक डिसऑर्डर का अटैक अचानक से आता है और बहुत कम समय के लिए रहता है। ऐसे होने पर उस व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बहुत हाई या लो हो जाता है और शरीर कांपने लगता है। पैनिक अटैक का दौरा 1 मिनट से लेकर 30 मिनट तक रह सकता है।

 

 

 

पैनिक डिसऑर्डर के लक्षण (Symptoms of Panic Disorder In Hindi)

 

 

  • दिल की धड़कन का असामान्य होना,

 

  • दम घुटना,

 

 

  • अचानक चक्कर आना,

 

  • बहुत कमजोरी महसूस होना,

 

  • बहुत ज्यादा पसीना आना,

 

  • शरीर कांपना,

 

 

  • सिरदर्द होना,

 

  • बेहोश होना,

 

  • हमेशा डरा हुआ महसूस होना,

 

 

  • स्वभाव में परिवर्तन होना।

 

 

 

 

पैनिक डिसऑर्डर के कारण (Causes of Panic Disorder In Hindi)

 

 

 

वैसे तो पैनिक डिसऑर्डर उम्र या लिंग देख कर नहीं आता, यह केवल उसकी मानसिक स्थिति पर निर्भर करता है की उसके साथ ऐसा क्यों हुआ है।

 

 

  • अधिक तनाव लेना : जो लोग बहुत ज्यादा तनाव लेते है उन्हें भी इसके अटैक आने का खतरा रहता है।

 

 

  • धूम्रपान करना : यह कई बीमारियों की जड़ है इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियां होने का खतरा रहता है।

 

 

  • बहुत ज्यादा शराब का सेवन करना : जो लोग बहुत ज्यादा शराब और नशीले पदार्थ का सेवन करते है, उन्हें भी पैनिक डिसऑर्डर हो सकता है।

 

 

  • पैनिक अटैक होने का पारिवारिक इतिहास : यदि ऐसा आपके परिवार में पहले किसी को हुआ हो तब आपको भी ये अटैक हो सकता है।

 

 

  • झगड़े भरे माहौल में रहना : जो लोग बहुत ज्यादा तनाव भरे या झगड़े भरे माहौल में रहते है तो उसकी वजह से भी ऐसा होता है।

 

 

  • पारिवारिक कलेश : कई लोगों के घर में अक्सर बहुत झगड़े होते है जो उन्हें इस बीमारी का शिकार बनाते है।

 

 

  • दर्दनाक घटना होना : यदि आपके साथ कोई दर्दनाक घटना हुई हो तो उसकी वजह से भी पैनिक अटैक हो सकता है।

 

 

  • डिप्रेशन रहना : जो लोग हमेशा बहुत ज्यादा डिप्रेशन में रहते है, तो यह भी इसके होने का एक कारण बनता है।

 

 

 

 

पैनिक डिसऑर्डर के प्रकार

 

 

 

अप्रत्याशित पैनिक अटैक (Unexpected panic attack) : अप्रत्याशित पैनिक अटैक की शुरुआत बिना किसी चेतावनी के होती है। यह  बिना संकेत दिए आता है । ये किसी स्थिति से संबंधित नहीं होता हैं।

 

 

स्थितिगत पैनिक अटैक (Situational panic attack) : सिचुएशनल पैनिक अटैक ये किसी भी स्थिति या कारण की वजह से आता है जैसे की आपके साथ कोई दर्दनाक घटना हुई हो जिसका डर आपके मन में बना रेहता है। जैसे – पब्लिक में बोलने या सबके सामने अपने विचार प्रकट करना।

 

 

स्थितिगत संवेदनशील पैनिक अटैक (Situationally Predisposed Panic Attack) : यह पैनिक अटैक आपके निजी जीवन की  स्थिति से संबंधित होती है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आपको उस स्थिति के बाद ही पैनिक अटैक आजाए। इस तरह के अटैक किसी प्रकार की स्थिति के संपर्क में आने के बाद आते है।

 

 

पैनिक डिसऑर्डर का उपचार

 

 

कॉगनिटिव बिहेवियरल थेरेपी : इसमें दवाओं के उपयोग के साथ अटैक का इलाज भी किया जाता है। इस थेरेपी में डॉक्टर उस व्यक्ति के व्यक्तित्व के बारे में जानकारी करते है की उसका किसी भी चीज को सोचने का नज़रिया कैसा है और ऐसा होने पर उसका स्वभाव कैसा रहता है। इसके बाद ही डॉक्टर उसका इलाज करते है।

 

 

एक्सपोज़र थेरेपी : इस थेरेपी में डॉक्टर उस व्यक्ति की उसके अटैक की स्थिति को समझता है। उसके बाद उस व्यक्ति को अटैक आने से पहले कुछ सुझाव देता है।  जैसे की नाक से सांस लेना और कुछ देर तक सांस रोक कर रखना। ऐसा करने से उस व्यक्ति की घबराहट कम हो जाएगी और अटैक की स्थिति कम होने लगेगी।

 

 

 

पैनिक डिसऑर्डर होने पर आप हमारे डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते है। ऐसी स्थिति में कई लोग बहुत ज्यादा घबरा जाते है और उन्हें लगता है की ये हार्ट अटैक है। लेकिन ऐसा नहीं होता है ऐसी कोई भी स्थिति होने पर आपको घबराना नहीं होनी चाहिए, बल्कि उस व्यक्ति को हिम्मत देनी चाहिए।


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