पीरियड्स में कमर दर्द के कारण, लक्षण क्या होते हैं

पीरियड्स में कमर दर्द होना बहुत ही सामान्य है, इस स्थिति से हर महिला को गुजरना पड़ता है, क्योंकि महिलाओं को पीरियड्स आना एक नेचुरल प्रोसेस है। लेकिन कुछ महिलाओं के लिए पीरियड्स वास्तव में बहुत ही अधिक दर्दनाक होता है, इसके पीछे कुछ कारण होते हैं अगर इन्हें पहचान लिया जाए तो पीरियड्स के दर्द को कम किया जा सकता है। आइये जानते है इसके लक्षण और कारणों के बारे में।

 

 

पीरियड्स में कमर दर्द के कारण क्या होते हैं ?

 

 

  • जब कोई महिला पीरियड्स होती है, तब महिलाओं की ओवरी (गर्भाशय) के इंटरनल भाग जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, इसका कुछ भाग ओवरी, फैलोपियन ट्यूब या आंतो में पहुंच जाता है, तो इसके कारण तेज कमर दर्द होने लगता है।

 

  • गर्भाशय में सिस्ट या यूट्रीन फाइब्रॉइड (Uterine fibroids) – ये गैर कैंसरजन्य वृद्धि है, जो यूटेराइन वॉल पर बनती हैं। इस कारण भी पीरियड्स से पहले और बाद में कमर दर्द की शिकायत होती है।

 

  • सर्वाइकल स्टेनोसिस (Cervical stenosis)- इस स्थिति में कई महिलाओं की सर्वाइकल ओपनिंग बहुत छोटी होती है, जो की मासिक धर्म (periods) के प्रवाह को बाधित करता है। जिस वजह से गर्भाशय पर दबाव बढ़ता है और पीरियड्स कमर दर्द की समस्या होने लगती है।

 

  • अगर आपको पीरियड्स के दौरान पेट दर्द की जगह कमर और कमर के नीचे दर्द होता है तो नमक कम खाएं। नमक अधिक खाना भी इन जगहों में उस दौरान दर्द का कारण बनता है। ये हर लड़की के लिए नहीं बल्कि उनके लिए है जिन्हें उस दौरान बहुत अधिक दर्द होता है।

 

  • जैसे-जैसे उम्र बढ़ता है, उसी के साथ-साथ पीरियड्स में भी दर्द बढ़ने लगता है। 20 की उम्र के बाद पीरियड्स का दर्द बहुत ही भयानक हो जाता है, जो की प्रोस्टाग्लेंडिन्स की वजह से होता है।

 

  • कब्ज की शिकायत भी बन सकती है पीरियड्स में तेज कमर दर्द का कारण।

 

  • पीरियड्स के दौरान ज्यादा ठंडी या गर्म चीज खा लेने से भी हो सकती है कमर दर्द की समस्या।

 

  • हैवी ब्लीडिंग होना भी पीरियड्स में बन सकता है कमर दर्द की वजह।

 

  • पीरियड्स के दौरान हैल्दी डाइट न लेने के कारण भी महिलाओं को तेज कमर दर्द हो सकता है।

 

  • ओवरी में इन्फेक्शन की वजह से भी हो सकता है पीरियड्स में कमर दर्द की समस्या।

 

 

पीरियड्स में कमर दर्द के अलावा और क्या समस्या होती हैं ?

 

 

यदि आपको कष्टार्तव (dysmenorrhea) है, तो आपको कमर दर्द के साथ कई अन्य लक्षणों का अनुभव हो सकता है। इन लक्षणों में शामिल हैं:

 

  • पेट में ऐंठन और दर्द

 

  • थकान

 

  • दस्त, मतली और उल्टी

 

  • पैर दर्द

 

 

  • बेहोशी

 

पीरियड्स के दौरान एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) पीठ के निचले हिस्से में दर्द का एक आम कारण है। एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों में शामिल हैं:

 

  • पीरियड्स के दौरान अत्यधिक दर्द

 

  • सेक्स के दौरान दर्द

 

  • पीरियड्स के दौरान भारी रक्तस्राव

 

 

  • बेहोशी

 

  • मल त्याग करने में कठिनाई

 

पेल्विक इंफ्लेमेटरी डिजीज (पीआईडी), जो पीठ के निचले हिस्से में दर्द का कारण भी बन सकती है, इसके निम्न लक्षण हैं:

 

  • बुखार

 

  • सेक्स और पेशाब के दौरान दर्द

 

  • अनियमित रक्तस्राव

 

  • अत्यंत अप्रिय गंध का निर्वहन या निर्वहन की एक बढ़ी हुई मात्रा

 

  • थकान

 

  • उल्टी

 

  • बेहोशी

 

  • पीआईडी अक्सर यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के कारण होता है, जैसे कि गोनोरिया और क्लैमाइडिया। संक्रमण से बैक्टीरिया प्रजनन अंगों में फैल सकता है।

 

 

पीरियड्स के दौरान कमर दर्द और पेट दर्द से बचने के लिए घरेलू उपाय

 

 

अदरक

 

  • पीरियड्स के दौरान कमर दर्द को कम करने में अदरक का सेवन करना बहुत लाभकारी होता है। यह थकान को कम करती है और पीरियड्स को रेगुलर करती है साथ ही पेट दर्द को भी कम करने में बहुत मददगार होती है।

 

  • दिन में 2-3 बार अदरक से बनी चाय पीने से पीरियड्स का दर्द तेजी से कम करने में मदद करती है।

 

 

तुलसी

 

  • पीरियड्स के दौरान कमर दर्द को कम करने के लिए दवाएं लेने की बजाय तुलसी का सेवन करे। तुलसी में मौजूद कैफीक एसिड (Caffeic acid) में एनाल्जेसिक यानि दर्द को खत्म करने के गुण होते हैं।

 

  • इसे बनाने के लिए एक कप पानी में तुलसी की पत्तियां डालकर उबाल लें और ठंडा होने पर पी लें।

 

 

दालचीनी

 

इसमें एंटी-क्लोटिंग, एंटी-इंफ्लेमेट्री गुण होते हैं, जो कि पीरियड्स के दर्द को कम करने में उपयोगी होते हैं। दालचीनी में फाइबर, आयरन, कैल्शियम और मैग्नीशियम भी होते हैं इसलिए इसका सेवन उपयोगी होता है।

 

 

गर्म पानी का सिकाई

 

गर्म पानी से सेंक करने से मसल्स को रिलैक्स मिलता है और मसल्स का तनाव कम होता है जिससे पीरियड्स के कारण पेट में होने वाला दर्द कम हो जाता है। इसके लिए गर्म पानी की थैली यानि की हॉट वॉटर बैग (Hot water bag) से पेट के निचले हिस्से और कमर पर सेंक कर सकते हैं।

 

 

 

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