एक महिला के अंडाशय में स्वस्थ अंडे उसके मासिक धर्म चक्र की नियमितता, उसकी भविष्य की प्रजनन क्षमता और गर्भधारण करने की उसकी क्षमता को निर्धारित करते हैं। एक सफल गर्भावस्था के लिए एक अच्छा अंडा होना बहुत जरूरी है। अब आप सोच रहे होंगे कि एक महिला को कैसे पता चलेगा कि उसके अंडे स्वस्थ हैं? दरअसल, कई चीजें हैं जो एक महिला के अंडे की गुणवत्ता और स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं, जिसमें महिला का आहार और जीवन शैली सबसे महत्वपूर्ण है।
एक बेहतर और स्वस्थ प्रजनन क्षमता पर्यावरणीय कारकों, हार्मोन, तनाव, स्वस्थ मासिक धर्म चक्र, रक्त परिसंचरण और आहार पर निर्भर करती है। साधारण जीवनशैली में बदलाव और स्वस्थ और पौष्टिक आहार अंडे की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है और एक महिला के गर्भवती होने की संभावना को बढ़ा सकता है।
अंडे की गुणवत्ता क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is egg quality important in Hindi)
अंडे की गुणवत्ता क्यों महत्वपूर्ण है आपके अंडे आपकी प्रजनन क्षमता का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। अंडों की गुणवत्ता आपके गर्भाशय में निषेचन (fertilization) या आरोपण (imputation) की संभावनाओं को प्रभावित करती है और आपके गर्भधारण की संभावना को भी निर्धारित करती है। हालांकि महिला अपने पूरे प्रजनन काल में अंडे विकसित होते हैं, लेकिन ऐसा माना जाता है कि अंडे की कोशिकाएं प्रजनन नहीं करती हैं।
पहले यह माना जाता था कि जन्म के समय एक महिला के पेट में अंडे होते हैं और शरीर अब उन्हें पैदा नहीं करता है। हालांकि, इस पर हुए नए शोध से पता चलता है कि अंडाशय में स्टेम कोशिकाएं एक महिला के उपजाऊ वर्षों के दौरान अधिक अंडे पैदा करने में सक्षम होती हैं। हालांकि, अंडे की गुणवत्ता पर महिला की उम्र से प्रभाव पड़ता है। अंडे अंडाशय में होते हैं। जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, अंडाशय अंडे को संभालने के लिए कमजोर हो जाते हैं। एक अंडे को ओव्यूलेट करने में 90 दिनों का चक्र लगता है। यह पूरी तरह से परिपक्व होने से पहले स्वास्थ्य और अन्य कारकों से प्रभावित होता है।
प्रेगनेंट होने में खराब अंडे की समस्या का इलाज क्या है? (Treatment for the problem of poor eggs in pregnancy in Hindi)
खराब अंडे की गुणवत्ता वाली महिलाओं के लिए कौन से उपचार सबसे ज्यादा जरुरी है। महिला की प्रजनन क्षमता के लिए अंडे की गुणवत्ता बहुत महत्वपूर्ण है। खराब अंडे की गुणवत्ता वाली महिला को गर्भवती होने में बहुत परेशानी होती है और गर्भपात का भी खतरा बढ़ जाता है। इस तथ्य को इस तथ्य से साबित किया जा सकता है कि खराब अंडे की गुणवत्ता (poor egg quality) वाली वृद्ध महिलाएं अक्सर महिला बांझपन से पीड़ित होती हैं।
उनमें से अधिकांश को गर्भधारण करने में कठिनाई होती है और गर्भपात का भी उच्च जोखिम होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि खराब गुणवत्ता वाले अंडे खराब गुणवत्ता वाले भ्रूण पैदा करते हैं। ऐसे भ्रूण गर्भाशय में खुद को प्रत्यारोपित करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं। इसलिए, दिल्ली में सबसे अच्छा आईवीएफ केंद्र खराब अंडे की गुणवत्ता वाली महिलाओं के लिए निम्नलिखित उपचारों की सिफारिश करता है:
- बांझपन से पीड़ित महिला के लिए अंडे की गुणवत्ता परीक्षण पहला अनुशंसित परीक्षण है।
- जब एक महिला को खराब अंडे की गुणवत्ता का पता चलता है, तो उसके लिए इलाज के कई विकल्प उपलब्ध होते हैं। प्रजनन विशेषज्ञ अंडे की गुणवत्ता में सुधार के लिए प्रजनन दवाओं की सिफारिश कर सकते हैं ताकि एक महिला गर्भ धारण कर सके।
- यदि प्रजनन दवाएं काम नहीं करती हैं, तो आपका डॉक्टर आपके अंडों की गुणवत्ता में सुधार के लिए अन्य आवश्यक उपाय कर सकता है। ऐसे में आईवीएफ सबसे अच्छा विकल्प माना जाता है।
- अंडे की गुणवत्ता बेहद खराब (poor egg quality) होने की स्थिति में, डॉक्टर आईवीएफ प्रक्रिया का सुझाव देते हैं। डोनर अंडे उन महिलाओं के लिए सबसे अच्छा विकल्प हैं जिन्हें अपने स्वयं के अंडे से गर्भधारण करना व्यावहारिक रूप से असंभव लगता है। इस बीच, अंडों की गुणवत्ता में सुधार का सही तरीका खोजने के लिए वैज्ञानिक शोध अभी चल रहा है।
आईवीएफ के इलाज के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Best hospital for IVF treatment in Hindi)
खराब अंडे की गुणवत्ता के कारण क्या हैं? (What are the causes of poor egg quality in Hindi)
पीरियड्स की अनियमितता होना
इसका कम या ज्यादा होना महिला को नुकसान पहुंचाता है। इसी तरह जब हमारे शरीर के अंदर हार्मोन की मात्रा में अंतर होता है तो हमारे प्रजनन तंत्र में कई तरह की समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं और महिला को एक बात का हमेशा ध्यान रखनी चाहिए कि जब हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम में किसी भी तरह की समस्या हो तो आपको यह मानना चाहिए कि हमारे रिप्रोडक्टिव सिस्टम से जुड़ी हर चीज फिर से टूटने लगती है। क्योंकि सभी चीजें और सभी हिस्से एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
पीसीओडी की समस्या
अगर आपको पीसीओडी की समस्या है तो जाहिर सी बात है कि आपके अंडों की गुणवत्ता वाकई खराब है। वे बहुत छोटे और कमजोर होते है। ये अंडे बाद में सिस्ट और पीसीओडी की समस्या का कारण बनते हैं।
हार्मोन परीक्षण के दौरान उनकी मात्रा में अंतर
यदि आप चेकअप के दौरान अपने हार्मोन के स्तर की जांच करवाते हैं और आपके शरीर में जरूरी हार्मोन उपलब्ध हैं या नहीं। यदि आप इन परीक्षणों में भी कुछ बदलाव देखते हैं, तो आप समझते हैं कि वे सभी आपके अंडों की गुणवत्ता को भी प्रभावित कर रहे हैं।
पीरियड के दौरान रक्त प्रवाह होना
अगर किसी महिला के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं, जैसे कि कभी 5 दिन पहले तो कभी 5 दिन बाद आते हैं। यह अनियमितता यह भी दर्शाती है कि कहीं न कहीं महिला के अंडों की गुणवत्ता भी कम हो रही है। क्योंकि आपने सुना होगा कि पीरियड्स के अनियमित होने पर प्रेग्नेंसी में दिक्कत होती है।
मान लीजिए कि आपके मासिक धर्म लगभग नियमित समय पर आते हैं, लेकिन रक्त प्रवाह में अनियमितता होती है, कभी बहुत तेज, कभी बहुत हल्का, या आपको ब्लड के रंग में अंतर दिखाई देता है, तो आप जरूर कोई समस्या है।
प्रेगनेंसी से संबंधित हारमोंस की मात्रा में कमी होना
आपको बता दे की प्रजनन प्रणाली हार्मोन द्वारा संचालित होती है, और यह भी उतना ही सच है कि कोई भी हार्मोन या कोई पोषक तत्व जैसे खनिज, विटामिन आदि एक निश्चित मात्रा में होना आवश्यक है।
यदि आप आईवीएफ का इलाज कराना चाहते हैं या इससे सम्बंधित किसी भी बीमारी का इलाज कराना चाहते हैं, या इससे संबंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें या आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें Connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।
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