जानिये स्लिप डिस्क (Slip Disc) के बारे में : डॉ. प्रमोद सैनी

 

स्लिप डिस्क क्या है ?

 

स्लिप डिस्क (slip disc) यानी की स्पाइनल डिस्क हर्नियेशन (Spinal disc herniation), इसे कभी-कभी उभड़ा हुआ या टूटा हुआ डिस्क भी कहा जाता है। वैसे देखा जाए तो यह कोई बीमारी नहीं है। इसमें कमर दर्द और पीठ दर्द की समस्या होती है और यह समस्या लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने से और शारीरिक श्रम न करने की वजह से होती है।

 

इस समस्या के होने पर डिस्क अक्सर तंत्रिका (Nerve) आधार पर दबाव डालती है, जिससे डिस्क या तंत्रिका में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती हैं।

 

स्पाइनल डिस्क हर्नियेशन, यह एक ऐसी स्थिति है, जो रीढ़ के साथ-साथ दूसरे अंग को भी प्रभावित कर सकती है। आमतौर पर स्लिप डिस्क की समस्या पीठ के निचले हिस्से में होती है और साथ ही यह सायटिका (Sciatica) रोग होने का भी कारण बन सकता है।

 

 

स्लिप डिस्क के टाइप

 

 

सर्वाइकल स्लिप डिस्क (Cervical Slip Disc)

 

अगर आपके गर्दन या ऊपरी पीठ में दर्द की समस्या रहती है, तो आपको सर्वाइकल स्लिप डिस्क हो सकती है।

 

इसके लक्षणों में शामिल हो सकते हैं

 

 

  • झुनझुनी आना

 

  • हाथ में दर्द और कमजोरी होना

 

 

थोरैसिक स्लिप डिस्क (thoracic slipped disk)

 

  • इस प्रकार के डिस्क में आमतौर पर ऊपरी पीठ में दर्द होता है। वैसे थोरैसिक स्लिप डिस्क की समस्या लोगो में बहुत कम देखने को मिलती है। लेकिन यह समस्या गंभीर हो जाये तो कमर में पक्षाघात (paralysis) हो सकता है।

 

इसके लक्षणों में शामिल हो सकते है :

 

  • कमर में दर्द होना है

 

  • ऊपरी पीठ में दर्द

 

  • खांसने या छींकने पर पीठ का दर्द तेज हो सकता है

 

लंबर स्लिप डिस्क (Lumbar slip disk)

 

लंबर स्लिप डिस्क सायटिका और पैर दर्द, सुन्नता या कमजोरी के लक्षण का कारण बनता है।

 

हर्नियेटेड डिस्क के लक्षण :

 

  • तेज दर्द

 

  • मांसपेशियों में ऐंठन

 

  • सायटिका की समस्या होना

 

  • पैरों में कमजोरी होना

 

  • छींकने, खांसने या झुकने पर दर्द तेज होना

 

 

स्लिप डिस्क के लक्षण

 

 

  • पीठ के निचले भाग में दर्द होना।

 

  • शरीर के एक तरफ के हिस्से में तेज दर्द होना।

 

  • हाथ से लेकर पैरों में दर्द होना।

 

  • अगर थोड़ी देर चलने पर भी दर्द हो रहा हो, तो आपको स्लिप डिस्क की समस्या है।

 

 

  • हाथ-पैरों में जलन या झुनझुनी आना।

 

 

अगर आपको इनमे से कोई भी लक्षण नजर आ रहे है, तो आप डॉक्टर से तुरंत ही सलाह ले। इसे नजरअंदाज न करे, नहीं तो आगे चलकर यह समस्या बहुत ही खतरनाक हो सकती है।

 

 

स्लिप डिस्क के कारण

 

 

  • अगर आप लेटकर या झूककर काम करते है, तो आपको स्लिप डिस्क की समस्या हो सकती है।

 

 

  • अगर आप ग़लत तरीके से उठते-बैठते है, तो आपको स्लीप डिस्क की समस्या हो सकती है।

 

  • ज़्यादा देर आराम करने और पैदल न चलने की वजह से भी आपको यह समस्या हो सकती है।

 

  • व्यायाम न करने से भी स्लिप डिस्क हो सकता है।

 

  • अत्यधिक शारीरिक श्रम।

 

 

स्लिप डिस्क की जांच

 

 

  • इमेजिंग परीक्षण (Imaging tests)

 

  • एक्स-रे (X-rays)

 

  • सीटी स्कैन (CT scans)

 

  • एम आर आई (magnetic resonance imaging (MRI))

 

  • डिस्कोग्राफी (Discography)

 

स्लिप डिस्क के लिए उपचार

 

 

  • फिजियोथेरेपी (Physiotherapy) करने से आपको इस समस्या से राहत मिल सकती है।

 

  • स्लिप डिस्क की समस्या होने पर कम से कम 2 से 3 तीन हफ्ते तक आराम करे।

 

  • एब्डोमिनल आइसोमेट्रिक (Abdominal isometric) व्यायाम स्लिप डिस्क की समस्या होने पर करना अच्छा माना जाता है। इस व्यायाम के करने पर पैरों के साथ पेट और कमर की मांसपेशियों पर भी खिंचाव आता है। इसलिए आप इस व्यायाम को रोजाना करे।

 

  • स्लिप डिस्क की समस्या से राहत पाने के लिए क्रंचेज (Crunches) भी बहुत फायदेमंद होता है। इसे करने के लिए पेट के बल जमीन पर लेट जायें। फिर टखनों पर अपने शरीर के हिस्से को ऊपर की तरफ उठायें, पैरों की उंगलियों और कोहनी पर आपके शरीर का भार होना चाहिए। शुरूआत में 5-10 सेकेंड ही करें, बाद में धीरे-धीरे समय को बढ़ाते रहे। कुछ दिनों तक ऐसा करने से स्लिप डिस्क की समस्या में बहुत राहत मिलता है।

 

  • लुंबर रोल एक्सरसाइज (Lumbar Roll Exercise) भी दिलाएगा आपको स्लीप डिस्क की समस्या से छुटकारा। इसे करने के लिए जमीन पर सीधे लेट जायें। अपने घुटनों को मोड़ लीजिए, फिर हाथों को दोनों तरफ सीधा फैला लें। उसके बाद पैरों को बायें और दायें दोनों तरफ घुमायें। प्रत्येक तरफ 5-5 बार यह प्रक्रिया दोहरायें।

 

 

स्लिप डिस्क की समस्या से बचने के लिए रखे इन बातों का ख्याल 

 

 

  • अत्यधिक कठिन व्यायाम न करे।

 

  • जब भी बैठे सीधे तन कर बैठें ।

 

  • कभी भी किसी काम को करते वक़्त बैठे तो कमर झुकाकर न बैठें और ना ही झुककर चले।

 

  • भारी वजन को न उठाएं।

 

  • अपने वजन को नियंत्रित रखें, बढ़ने न दे।

 

 

 

डॉक्टर के बारे में – डॉ. प्रमोद सैनी जो की एक स्पाइन सर्जन (Spine Surgeon) है। अगर आपको पीठ दर्द, रीढ़ की हड्डी में दर्द या फिर स्लीप डिस्क से सम्बंधित कोई भी समस्या हो, तो आप निशुल्क अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं और डॉ. प्रमोद सैनी से परामर्श ले सकते है।

 

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