विश्व हृदय दिवस 2018 (World Heart Day 2018 In Hindi) | हृदय की समस्याओं से बचने के उपाय

विश्व हृदय दिवस 2018 (World Heart Day 2018 In Hindi) शनिवार, 29 सितंबर को पूरी दुनिया में मनाया जाएगा। हृदय के प्रति जागरूकता पैदा करने और हृदय संबंधी समस्याओं से बचने के लिए दुनियाभर में हर साल 29 सितंबर विश्व हृदय दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि आज कल के तनाव भरी जिंदगी में हार्ट पेशेंट उम्र दराज लोग ही नहीं बल्कि कम उम्र के बच्चे भी होते नजर आ रहे हैं। विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरूआत सन् 2000 में की गई थी।

 

विश्व हृदय दिवस ‘द वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ (World Heart Federation) द्वारा वर्ष 2000 में आरंभ किया गया था. उस समय पूरे विश्व में हृदय रोग से होने वाली मृत्यु की संख्या 17.3 मिलियन प्रतिवर्ष थी. संस्था के अनुमान के अनुसार, वर्ष 2030 तक यह आकड़ा 23 मिलियन प्रतिवर्ष पहुंच जाएगा, जो कि ऑस्ट्रेलिया की कुल जनसंख्या से भी अधिक है. ‘द वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन’ का मुख्यालय स्वीट्जरलैंड के जेनेवा में स्थित है.

 

विश्व हृदय दिवस क्यों मनाया जाता है

 

विश्व हृदय दिन दुनिया भर में, क्योंकि हृदय रोगों की मौतों की संख्या कम करने के लिए दुनिया भर में सभी मनाया जाता है। जागरूकता फैलाने और दिल को बढ़ावा देने के लिए यह एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, कार्डियोवैस्कुलर (Cardio vascular) बीमारियां सभी वैश्विक मौतों का कारण हैं। सबसे खतरनाक जोखिम वाले कारकों हृदय रोग और स्ट्रोक के लिए अग्रणी में से कुछ उच्च रक्तचाप, खराब कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर, वृद्धि हुई शर्करा के स्तर, धूम्रपान करने की लत, आहार, फल और सब्जियों की अपर्याप्त सेवन, बढ़ा वजन और मोटापा है।

 

हृदय को स्वस्थ रखने के लिए इन बातों का रखें ख्याल

 

स्‍वस्‍थ खानपान हो

 

कार्डियोवस्‍कुलर बीमारियों के लिए सबके अधिक जिम्‍मेदार खानपान की खराब आदतें होती हैं। इसलिए हमेशा स्‍वस्‍थ आहार योजना का पालन कीजिए। ऐसे आहार का सेवन करें, जिसमें संतृप्‍त वसा, कोलेस्‍ट्रॉल, सोडियम, शुगर की मात्रा कम हो। स्‍वस्‍थ आहार के रूप में ताजे फल और हरी सब्जियों का सेवन कीजिए, इसके अलावा फाइबरयुक्‍त आहार जैसे – साबुत अनाज, मछली (सप्‍ताह में कम से दो दिन मछली का सेवन करें), सूखे मेवे, फलियां और बीजों का सेवन करें। बिना मांस वाले आहार का सेवन करने की भी कोशिश करें। वसा रहित और कम वसायुक्‍त डेयरी उत्‍पाद का सेवन करें। शुगर और शुगरयुक्‍त चीजों के सेवन को कम कर दें।

 

शारीरिक गतिविधि

 

दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए व्‍यायाम बहुत जरूरी है। कम मेहनत वाले एरोबिक व्‍यायाम (ब्रिस्‍क वॉक यानी तेज चलना) सप्‍ताह में कम से कम 2½ घंटे (150 मिनट) करें, या फिर अधिक मेहनत वाले एरोबिक व्‍यायाम (जैसे – जॉगिंग या रनिंग) सप्‍ताह में कम से कम 1 घंटे 15 मिनट तक जरूर करें, या फिर दोनों व्‍यायाम एक साथ करें। इसके अतिरिक्‍त अपनी मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए सप्‍ताह में दो या तीन दिन तक स्‍ट्रेंथ ट्र‍ेनिंग कीजिए, इससे आपके पैर, कमर, पीठ, सीने, कंधे, की मांसपेशियां मजबूत बनेंगी।

 

धूम्रपान से बचें

 

प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष तरीके से धूम्रपान करने से बचें। प्रत्‍यक्ष धूम्रपान से अधिक नुकसानदेह अप्रत्‍यक्ष धू्म्रपान होता है। यूएस सर्जन जनरल की रिपोर्ट के अनुसार अप्रत्‍यक्ष तरीके से धूम्रपान करने वालों में दिल और फेफड़े संबंधित बीमारियों के फैलने का खतरा प्रत्‍यक्ष धूमप्रान करने वालों से 30 प्रतिशत तक अधिक होता है।

 

पारिवारिक इतिहास

 

अगर आपके परिवार में किसी को दिल संबंधित बीमारी हुई है तो आपको भी भविष्‍य में दिल संबंधित बीमारी होने का खतरा बना रहता है। इसलिए अपने पारिवारिक इतिहास को जानकर इसके संभावित खतरे से बचने की कोशिश करें। वजन को नियंतत्रण में रखें, नियमित व्‍यायाम करें, धूम्रपान न करें, और स्‍वस्‍थ आहार का सेवन करें। इसके अलावा अपने दिल की नियमित जांच भी कराते रहें।

 

तनाव से बचें

 

तनाव आपके दिल का सबसे बड़ा दुश्‍मन है, इसे काबू में रखने की कोशिश करें। तनाव के कारण दिल की धड़कन और ब्‍लड प्रेशर बढ़ जाता है जो आपकी धमनी की दीवारों को क्षतिग्रस्‍त कर सकता है। इसलिए तनाव को काबू में रखने की कोशिश करें, इस‍के लिए गहरी सांस लेने वाले योग और मेडीटेशन को आजमायें।

 

ब्‍लड शुगर की जांच

 

अपने ब्‍लड शुगर के स्‍तर की जांच समय-समय पर कराते रहें। 45 साल की उम्र तक होने के बाद ब्‍लड शुगर की जांच कराना जरूरी हो जाता है। ब्‍लड शुगर की जांच हर तीन साल पर जरूर करायें। अगर आपका वजन अधिक है, डायबिटीज से ग्रस्‍त हैं, या फिर डायबिटीज होने की संभावना है तो ब्‍लड शुगर की जांच पहले ही करायें।

 

खर्राटें आते हों तो

 

अगर आपका पार्टनर यह शिकायत करे कि आपको रात में खर्राटे आते हैं तो इसे बिलकुल भी नजरअंदाज न करें। खर्राटे आने का मतलब है कि आपको सांस लेने में समस्‍या होती है। इससे उच्‍च रक्‍तचाप, दिल संबंधित बीमारियों के होने का खतरा रहता है। नियमित व्‍यायाम और स्‍वस्‍थ खानपान की आदतें अपनाकर आप इस पर नियंत्रण पा सकते हैं।

 

टखने की जांच

 

60 साल की उम्र के बाद एंकल-ब्रेकियल इंडेक्‍स टेस्‍ट प्रत्‍येक साल या हर दूसरे साल कराना बहुत जरूरी है। इस जांच से तलवों में होने वाली पीएडी (पे‍रीफेरल आर्टरी डिजीज) का निदान होने में मदद मिलती है। यह बीमारी कार्डियोवस्‍कुलर बीमारी के होने की संभावना को भी बढ़ाती है।

 

वजन की जांच

 

अधिक वजन दिल संबंधित बीमारियें के होने की संभावना को बढ़ाता है। इसलिए अपने वजन की नियमित जांच अवश्‍य करें। मोटापे के कारण उच्‍च रक्‍तचाप, दिल की बीमारी, डायबिटीज और उच्‍च कोलेस्ट्रॉल की संभावना अधिक रहती है। नियमित व्‍यायाम और खानपान की स्‍वस्‍थ आदतें आपके बढ़ते वजन को नियंत्रित रखने में मदद करेंगी।

 

हृदय की समस्याओं से बचने के उपाय

 

तनाव मुक्त रहें

 

आजकल की जीवनशैली का एक हिस्सा तनाव बन गया है। दफ्तर हो या परिवार, इंसान किसी न किसी वजह से तनाव में घिरा रहता है। लेकिन, तनाव आपके हृदय के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं। इसलिए तनाव मुक्त रहने की कोशिश करें। इससे आपको हृदय रोग को रोकने में मदद मिलेगी, क्योंकि तनाव हृदय की बीमारियों की मुख्य वजह है।

 

कोलेस्ट्रॉल पर नियंत्रण रखें

 

अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल को 130 एमजी/ डीएल तक बनाए रखें। कोलेस्ट्रॉल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद हैं, इनसे जितना अधिक हो, बचने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आपके यकृत यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल का निर्माण हो रहा हो तब आपको कोलेस्ट्रॉल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है।

 

ब्लड प्रेशर को अनदेखा न करें

 

अपने ब्लड प्रेशर को 120/80 एमएमएचजी के आसपास रखें। ब्लड प्रेशर विशेष रूप से 130/ 90 से ऊपर आपके ब्लॉकेज (अवरोध) को दुगनी रफ्तार से बढ़ाएगा। इसको कम करने के लिए खाने में नमक का कम इस्तेमाल करें और जरुरत पड़े तो हल्की दवाएं लेकर भी ब्लड प्रेशर को कम किया जा सकता है।

 

वजन सामान्य रखें

 

हृदय को स्वस्थ बनाने के लिए जरूरी है कि शरीर के वजन को सामान्य रखें। आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से नीचे रहना चाहिए। इसकी गणना आप अपने किलोग्राम वजन को मीटर में अपने कद के स्क्वेयर के साथ घटाकर कर सकते हैं। तेल के परहेज और निम्न रेशे वाले अनाजों तथा उच्च किस्म के सलादों के सेवन द्वारा आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।

 

टहलें

 

रोज आधे घंटे तक जरूर टहलें। टहलने की रफ्तार इतनी होनी चाहिए कि जिससे सीने में दर्द न हो और आप हांफने भी न लगें। यह आपके अच्छे कोलेस्ट्रॉल यानी एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में आपकी मदद कर सकता है। आप सुबह, शाम या फिर रात को खाने के बाद किसी भी वक्त टहल सकते हैं।

 

व्यायाम करें

 

रोज 15 मिनट तक ध्यान और हल्के योग व्यायाम रोज करें। यह आपके तनाव तथा रक्त दबाव को कम करेगा। आपको सक्रिय रखेगा और आपके हृदय रोग को नियंत्रित करने में मददगार होगा। व्यायाम करने से न सिर्फ आपका हृदय बल्कि संपूर्ण शरीर चुस्त-दुरुस्त महसूस करने लगेगा।

 

रेशेदार भोजन करें

 

स्वस्थ हृदय के लिए रेशेदार भोजन का सेवन करें। भोजन में अधिक सलाद, सब्जियों तथा फलों का प्रयोग करें। ये आपके भोजन में रेशे और एंटी ऑक्सीडेंट्स के स्रोत हैं और एचडीएल या गुड कोलेस्ट्रोल को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इससे आपकी पाचन क्षमता भी अच्छी बनी रहती है।

 

शुगर पर रखें नजर

 

अगर आप डायबिटीज से पीड़ित हैं तो शुगर को नियंत्रण में रखें। आपका फास्टिंग ब्लड शुगर 100 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए और खाने के दो घंटे बाद उसे 140 एमजी/ डीएल से नीचे होना चाहिए। व्यायाम, वजन में कमी, भोजन में अधिक रेशा लेकर तथा मीठे भोज्य पदार्थों से बचते हुए डायबिटीज को खतरनाक न बनने दें। अगर जरूरत परे तो हल्की दवाओं का सेवन करना चाहिए।

 

यदि दिल स्वस्थ है तो इंसान स्वस्थ है। उपर्युक्त बातों का नियमित रूप से ध्यान रखकर अगर आप अपना जीवन व्यतीत करते हैं तो आपका हृदय स्वस्थ रहेगा।

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