महिलाओं के लिए बेहद खतरनाक है हेपेटाइटिस वायरस, जाने बचाव के उपाय

हेपेटाइटिस (Hepatitis) लीवर से संबंधित एक संक्रमित बीमारी (Infected disease) हैं, जिसे हेपेटाइटिस ए, बी, सी, डी, और ई के रूप में भी जाना जाता है। मानसून में तेजी से फैलने वाली इस बीमारी की चपेट में महिलाएं जल्दी आ जाती हैं क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम (Immune system) कमजोर होता है। ऐसे में महिलाओं को इस बीमारी से जुड़ी हर जानकारी के बारे में पता होना चाहिए। आज हम आपको हेपेटाइटिस से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन्‍हें जानना हर महिला के लिए बेहद जरूरी है।

 

 

 

कैसे फैलता है हेपेटाइटिस

 

 

 

हममें से कइयों को मालूम ही नहीं है कि हेपेटाइटिस बी वायरस (Hepatitis B virus)  कई तरीकों से फैल सकता है। इनमें लार, वीर्य और योनि द्रव्य सहित अन्य शरीर द्रव्यों के माध्यम से भी इसका फैलना शामिल है। वैसे, वैज्ञानिकों को भी अभी काफी लंबा सफर तय करना है। वे अभी भी हेपेटाइटिस ई और हेपेटाइटिस सी वायरस (Hepatitis C virus) के लिए वैक्सीन (Vaccine) बनाने से दूर हैं। हेपेटाइटिस सी का उपचार 6 से 12 महीने तक लगातार चलता है, और इसकी महंगी दवाएं आम लोगों की जेब पर खासा असर डालती हैं।

 

दरअसल, इस गंभीर बीमारी की गंभीरता को समझने की ही जरुरत है, जिससे हम अभी तक अंजान हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए सबसे ज्यादा जरुरत जागरुकता फैलाने की है। हेपेटाइटिस के मामले में बीमारी की पहचान होने भर से 80 फीसदी मामलों में बचाव किया जा सकता है। सिर्फ छोटी कोशिशों के बूते आम नागरिक इस बीमारी से खुद की और अपने प्रियजनों की रक्षा कर सकता है। स्कूलों की जिम्मेदारी है कि वो अपने बच्चों को इस बीमारी से अवगत कराएं। इस दिन अगर हम कुछ अनूठे उपाय करें तो वो भी बीमारी से निपटने की दिशा में सार्थक भूमिका निभा सकते हैं। मसलन-हम अपने परिवार के बीच हेपेटाइटिस बी के टीके उपहार स्वरुप दे सकते हैं।

 

 

 

महिलाओं में हेपेटाइटिस होने का खतरा

 

 

 

पुरूषों के मुकाबले महिलाओं में हेपेटाइटिस होने के चांसेस ज्यादा होते हैं लेकिन गर्भवती महिलाओं (Pregnant women) को इसका खतरा सबसे ज्यादा होता है। एक शोध के अनुसार भी महिलाओं में इस बीमारी के होने संभावना पुरूषों से ज्यादा होती है। हेपेटाइटिस मानसून में खान-पान, दूषित पानी या खून के जरिए फैलता है। ऐसे में महिलाओं को इस मौसम में ज्यादा सावधान रहना चाहिए।

 

 

 

हेपेटाइटिस और उसके लक्षण

 

 

 

हेपेटाइटिस एक वायरल इंफेक्‍शन (Viral infection) है जो कि आपके लीवर को प्रभावित करता है। इसके कारण बुखार, थकावट और पीलिया जैसे लक्षण दिखाई देते है। इसके अलावा इस बीमारी में भूख कम लगना, अचानक वजन का घटना, पेट दर्द या सूजन, स्किन एलर्जी, यूरिन का रंग गहरा हो जाना, मतली और उल्टी आना जैसे लक्षण भी दिखाई देते हैं।

 

 

 

गर्भवती महिलाओं पर असर

 

 

 

गर्भवती महिलाओं में हेपेटाइटिस होने पर उसके होने वाले बच्‍चे पर कई तरह के असर होने लगते है। अगर आप हेपेटाइटिस ए की बात करें तो इसमें समय से पहले डिलीवरी होने का खतरा रहता है। मगर अन्‍य तरह के हेपेटाइटिस बच्‍चे के लिए ज्‍यादा खतरा पैदा करता है। यहां तक कि इससे महिलाओं का गर्भपात (Abortion) होने के चांसेस भी बढ़ जाते हैं।

 

 

 

हेपेटाइटिस से बचाव

 

 

 

1. प्रेग्‍नेंसी (pregnancy) के दौरान बाहर के खान-पान से दूर रहें। इससे आप हेपेटाइटिस ई और ए की रोकथाम कर सकती हैं।

 

2. गर्भावस्था की शुरुआत में हेपेटाइटिस का चेकअप जरूर कराएं, ताकि अगर महिला की बॉडी में इसका इंफेक्‍शन (Infection) है तो उसे रोकने के लिए सही समय पर इंजेक्‍शन लगाया जा सकें।

 

3. अगर आपको यह बीमारी हो गई है तो तुलसी के पत्ते को पीसकर उसे मूली के रस के साथ खाएं। इससे आपको हेपेटाइटिस की समस्या दूर हो जाएगी।

 

4. हरा धनिया और 8-10 तुलसी के पत्तों को 4 लीटर पानी में उबालकर पीएं। दिन में 2-3 बार इसका सेवन करने से आपको फायदा मिलेगा।

 

5. गन्ने के रस के साथ तुलसी लेने से भी हेपेटाइटिस से लड़ने की ताकत मिलती है। गन्ने के रस में तुलसी के पत्ते का पेस्ट मिलाकर करीब 15-20 तक सेवन करें।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।


Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।