वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे 2019 : दांतों की लापरवाही से हो सकता है कैंसर!

विश्व में वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे 20 मार्च को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जागरूकता फैलाना है.चेहरे की सुंदरता दांत से होती है. दांतों का संबंध हमारे स्वास्थ्य और सुंदरता दोनों से होता है. दांत अगर साफ और चमकदार होते हैं, तो वो हमारी पर्सनैलिटी पर चार चांद लगा देते हैं. दांतों की नियमित सफाई से कई बीमारियों से बचा जा सकता है, लेकिन सच्चाई ये है कि आमतौर पर दांतों से जुड़ी बीमारियों को हर कोई नजरअंदाज करता है. जो बड़ी बीमारियों को निमंत्रण दे देती हैं. आज पूरा विश्व वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मना रहा है. इस दिन को मनाने का मकसद लोगों में दांतों को स्वस्थ रखने के लिए जागरूकता फैलाना है. इसी सोच में बदलाव के लिए हर साल 20 मार्च को अलग-अलग थीम पर वर्ल्ड ओरल हेल्थ डे मनाया जाता है. लोगों को जागरुक करने के लिए 2019 की थीम ‘Say Ahh: Act on Mouth Health’ रखी गई है.

 

दांतों की लापरवाही से हो सकता है कैंसर

 

मुंह का कैंसर, जिसे ओरल कैंसर भी कहा जाता हैं. भारत में करीब 30 फीसदी ओरल कैंसर के मरीज होते है, जो कि एडवांस स्टेज में ही सामने आते है. लापरवाही इसका एक मात्र कारण है. यदि समय पर दातों की जांच कराई जाए तो कैंसर को प्राथमिक स्टेज पर ही रोका जा सकता है. आज हमारे आस पास बहुत ही तेज़ गति बढ़ता जा रहा है, जिसका कारण पान मसाला, तम्बाकू व गुटका जैसी चीज़ो का लगातार सेवन करना है. यह भारत की एक प्रमुख स्‍वास्‍थ्‍य संबंधित चिंता का विषय है.

 

स्वस्थ दांतों के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

 

खूब पानी पिएं: ये एक नेचुरल माउथवाॅश है जो मुंह को समय-समय पर साफ करता रहता है. इससे दांतों पर चाय-काफी या दूसरी खाने-पीने की चीजों के दाग नहीं जमते.

 

ये तय कीजिए कि आपके खाने में फलों की भी पर्याप्त मात्रा हो: फलों में कई तरह के एंजाइम और दूसरे जरूरी तत्व होते हैं जो दांतों को नेचुरल तरीके से साफ कर देते हैं. खासतौर पर ऐसे फल जिनमें विटामिन सी की मात्रा हो.

 

शुगर-फ्री च्युइंगम का इस्तेमाल: आप चाहें तो शुगर-फ्री च्युइंगम का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इससे स्लाइवा ज्यादा मात्रा में बनता है जो प्लाक एसिड को साफ करने का काम करता है.

 

हाइड्रोजन पराक्साइड का प्रयोग: हाइड्रोजन पराक्साइड को पानी के साथ मिलाकर मुंह साफ करने से मुंह में मौजूद सभी बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं.

 

स्ट्रॉ का इस्तेमाल: हो सके तो कोई भी पेय पदार्थ स्ट्रॉ की मदद से पिएं. इससे उस तरल का आपके दांतों पर कम असर होगा.

 

ब्रश का इस्तेमाल: ब्रश करने के लिए मुलायम ब्रश का ही इस्तेमाल करें. ब्रश करते वक्त भी इस बात का ध्यान रखें कि दांत रगड़ें नहीं बस हल्के हाथों से उन्हें साफ करें.

 

जीभ की सफाई: जीभ की सफाई भी बहुत जरूरी है. अगर जीभ गंदी रह जाएगी तो उस पर बैक्टीरिया पनप सकते हैं जोकि मुंह की दुर्गंध का कारण भी होते है. ब्रश करने के साथ ही किसी अच्छे टंग-क्लीनर से जीभ साफ करना भी बहुत अहम है.

 

शुगर की मात्रा: कोशिश कीजिए कि जितना कम हो सके उतना कम शुगर लें. साथ ही चिपचिपी खाद्य सामग्री के सेवन से भी परहेज करना बेहतर रहेगा. अगर आप ऐसा कुछ खाते भी हैं तो तुरंत कुल्ला कर लें.

 

ब्रश करने का सही तरीका: ब्रश करने का सही तरीका पता होना भी बहुत जरूरी है. इसके लिए आप परामर्श ले सकते हैं.

 

नीबू- नीबू से कई तरह की समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। यह सुंदरता को भी बढ़ाने वाला एक चमत्कारी फल है, जिसे महिलाएं खूब इस्तेमाल करती हैं। इससे मुंह की लार में वृद्धि होती है। जिससे खाने की पाचन शक्ति भी बढ़ती है। यह दांतों और मसूड़ों की सेहत के लिए भी फायदेमंद होता है। इसके लिए आप एक नीबू के रस में उतनी ही मात्रा में पानी मिला लें। खाने के बाद हर बार इस पानी से कुल्ला करने से दांत में जमा पीलापन दूर होता है। साथ ही सांसों की दुर्गंध भी दूर होती है।

 

नीम- वर्षों पूर्व से प्राकृतिक रूप से दांत साफ करने के लिए नीम का प्रयोग किया जा रहा है। यह नेचुरल एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक है। नीम में दांतों को सफेद बनाने के साथ ही बैक्टीरिया को खत्म करने के गुण पाए जाते हैं। इससे दातों को साफ करने के साथ ही उसका पीलापन दूर किया जा सकता है।

 

डॉक्टर से संपर्क: अगर आपको दांतों में कोई तकलीफ महसूस हो रही है तो डेंटिस्ट से तुरंत संपर्क करें.

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