भारत में हर साल एक मिलियन ब्लड कैंसर के मामले सामने आते हैं। कैंसर के कई प्रकार होते हैं परन्तु सभी प्रकार के कैंसर में से ब्लड कैंसर अधिक घातक होता हैं जिसे मेडिकल भाषा में ल्यूकेमिया (Leukemia) कहा जाता है। ब्लड कैंसर के मुख्य प्रकार ल्यूकेमिया, लिंफोमा, मायलोइड्सप्लास्टिक सिंड्रोम (एमडीएस), मायलोप्रोलिफेरेटिव डिसऑर्डर (एमपीडी) और मल्टीपल मायलोमा है। इन सभी के शरीर पर अलग-अलग इफेक्ट पड़ते हैं लेकिन इनके कुछ संकेत और लक्षण एक जैसे हो सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
ब्लड कैंसर के प्रकार।
- मायलोमा – रक्त कैंसर का एक रूप जो प्लाज्मा कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ये प्लाज्मा कोशिकाएं (एक प्रकार की श्वेत रक्त कोशिका) आमतौर पर शरीर के भीतर अस्थि मज्जा में रहती हैं और शरीर को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं।
- लिम्फोमा – लिम्फोमा एक प्रकार का रक्त कैंसर है जो लिम्फोसाइटों में शुरू होता है जो प्रतिरक्षा प्रणाली की संक्रमण से लड़ने वाली कोशिकाएं होती हैं और आमतौर पर लसीका प्रणाली को प्रभावित करती हैं। लसीका प्रणाली बीमारियों से बचाने में मदद करती है। ये कोशिकाएं प्लीहा, लिम्फ नोड्स, अस्थि मज्जा, थाइमस और शरीर के अन्य भागों में मौजूद होती हैं। लिम्फोमा दो प्रकार के होते हैं – हॉजकिन लिंफोमा और गैर-हॉजकिन लिंफोमा।
- ल्यूकेमिया – ल्यूकेमिया एक प्रकार का रक्त कैंसर है जो शरीर की श्वेत रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। यह तब होता है जब शरीर बहुत अधिक दोषपूर्ण सफेद रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है और अस्थि मज्जा की लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने की क्षमता में हस्तक्षेप करता है। श्वेत रक्त कोशिकाएं हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं क्योंकि वे बीमारियों से लड़ने में मदद करती हैं।
ब्लड कैंसर के लक्षण क्या होते हैं ?
ब्लड कैंसर के प्रमुख लक्षण नहीं हैं। इसके अलावा आपके शारीरिक संकेत आपके रक्त कैंसर के प्रकार के आधार पर अलग-अलग हो सकते हैं। ब्लड कैंसर के कॉमन लक्षण निम्न हैं-
- अत्यधिक थकान और कमजोरी
- सांस लेने में कठिनाई
- सिर चकराना
- त्वचा का पीला पड़ना
- छाती में दर्द
- चोट लगना
- मसूड़ों में रक्तस्राव
- रक्त वाहिकाओं के फटने के कारण त्वचा पर छोटे लाल धब्बे पड़ना
- भारी मासिक धर्म
- काला मल या शौच के वक्त खून आना
- बुखार और रात को बहुत तेज पसीना आना
- बेवजह वजन कम होना
- हड्डी में दर्द
- पेट दर्द के साथ मतली
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- कब्ज
- भूख में कमी
- टखनों में सूजन
- त्वचा में खुजली
- हाथ-पैर का सुन्न होना और उनमें दर्द होना
ब्लड कैंसर की स्टेज।
मुख्य रूप से कैंसर की 4 स्टेज होती हैं, वे इस प्रकार हैं:
- स्टेज-1: लिम्फोसाइट्स की संख्या अचानक बढ़ जाने के कारण लिम्फ नोड्स भी बढ़ जाते है। इस स्टेज में दूसरों की तुलना में कम खतरा होता है और इस स्टेज में कैंसर इलाज योग्य होता है क्योंकि मेटास्टेसिस का विकास इस स्टेज में पूरी तरह से शुरू नहीं होता है।
- स्टेज-2: इस स्टेज में, रोगी के शरीर के अंग जैसे स्पलीन, यकृत (लिवर) और लिम्फ नोड्स बढ़ जाते हैं। सभी अंग एक ही समय में प्रभावित नहीं होते हैं बल्कि कैंसर इन अंगों पर धीरे-धीरे हमला करता है।
- स्टेज-3: इस स्टेज में, रोगी एनीमिया का शिकार हो जाता है और स्पलीन, यकृत (लिवर) और लिम्फ नोड्स कैंसर से प्रभावित होने लगते हैं। इस स्टेज में दो से ज्यादा अंग निश्चित रूप से प्रभावित होते हैं।
- स्टेज-4: रक्त कैंसर की लास्ट स्टेज में क्या होता है? यह आखिरी स्टेज होती है जिसमें कैंसर का शरीर पर प्रभाव अत्यंत भयंकर होता है (ब्लड कैंसर की लास्ट स्टेज के लक्षण) और रोगी की मौत की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है क्योंकि ब्लड प्लेटलेट बहुत तेज़ी से गिरने लगती हैं। इस स्टेज में फेफड़ों के साथ-साथ और भी महत्वपूर्ण अंग कैंसर सेल्स से प्रभावित होने लगते हैं।
ब्लड कैंसर के इलाज किस प्रकार होते हैं ?
- स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन: इस प्रक्रिया में, बोन मैरो से स्टेम सेल, पेरिफेरेल ब्लड (peripheral blood) या उम्बिकल कार्ड को इकट्ठा किया जाता है और स्वस्थ रक्त बनाने वाली कोशिकाओं के साथ इंफ्यूज किया जाता है।
- कीमोथेरेपी: इसमें कैंसर रोधी दवाओं का उपयोग शामिल है, जो कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकती हैं। इन दवाओं को एक इंजेक्शन के माध्यम से या फिर ओरल तरीके से रोगी को दिया जाता है। कुछ मामलों में, कीमोथेरेपी में एक समय पर कई दवाएं लेने की आवश्यकता हो सकती है। ब्लड कैंसर के रोगी को कुछ मामलों में पहले कीमोथेरेपी और फिर स्टेम सेल ट्रांसप्लाटेशन से गुजरना पड़ सकता है।
- रेडिएशन थेरेपी: इसमें कैंसर कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए रेडिएशन का उपयोग शामिल है और इसलिए स्टेम सेल ट्रांसप्लांट से पहले रेडिएशन थेरेपी की सलाह दी जा सकती है।
ब्लड कैंसर के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल।
ब्लड कैंसर के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , साकेत, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल , ओखला, दिल्ली
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल , सरिता विहार , दिल्ली
ब्लड कैंसर के इलाज के लिए मुंबई के अच्छे अस्पताल।
- सर्वोदय अस्पताल, कीर्ति विहार, मुंबई
- फोर्टिस अस्पताल , मुलुंद, मुंबई
- लीलावती अस्पताल और रिसर्च सेंटर, बांद्रा, मुंबई
- अपोलो अस्पताल, मुंबई
ब्लड कैंसर के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।
- नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , गुरुग्राम
- मेदांता द मेडिसिटी , गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड , गुरुग्राम
- पारस अस्पताल , गुरुग्राम
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।
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