विटामिन-डी की कमी के घरेलू उपचार: प्राकृतिक और सरल उपाय

आज हम इस लेख में विटामिन-डी से सम्बंधित चर्चा करेंगे। विटामिन-डी वसा में घुलनशील विटामिनों का एक समूह है जो हड्डियों, दाँतों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक होता है तथा और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए जाना जाता है। यह हड्डियों और दाँतों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में मदद करता है, साथ ही मांसपेशियों के स्वस्थ विकास और कार्यक्षमता में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। कम विटामिन डी की स्थिति में व्यक्ति खोजता है, जिसे रक्त या कमी कहा जाता है, जो हड्डियों के मजबूती में कमी, दर्द और संक्रमण का जोखिम बढ़ा सकती है। इसलिए, समृद्ध विटामिन डी की स्तरों का संभालन स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह भी ध्यान रखें कि विटामिन-डी की कमी के लक्षण दिखने में कई साल लग सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि आप नियमित रूप से अपने विटामिन-डी के स्तर की जांच करवाएं।

 

 

 

विटामिन-डी के कितने प्रकार होते हैं ?

 

 

विटामिन-डी के दो मुख्य प्रकार हैं:

 

 

विटामिन-डी2 (ergocalciferol): विटामिन डी2, जिसे एर्गोकैल्सिफेरॉल भी कहा जाता है, प्राकृतिक रूप से कुछ पौधों और कई स्वामित्व वाले फफूंदों में पाया जाता है। यह आमतौर पर सूप और अन्य खाद्य उत्पादों में भी योगदान करता है।

 

विटामिन-डी3 (cholecalciferol): विटामिन डी3 (Vitamin D3) एक प्रमुख और सक्रिय रूप से उपलब्ध विटामिन डी है। यह कोलेकैल्सीफेरोल के रूप में भी जाना जाता है। विटामिन डी3 जीवाणुओं द्वारा प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होता है जब उन्हें सूर्य की किरणों का संपर्क करता है।

 

 

 

विटामिन-डी की कमी होने पर लक्षण किस प्रकार नज़र आते हैं ?

 

 

विटामिन-डी की कमी के लक्षण दिखने में समय लग सकता हैं व जल्दी से नज़र नहीं आते हैं। डॉक्टर के अनुसार विटामिन-डी के लक्षण कुछ इस प्रकार नज़र आते हैं जैसे की-

 

 

  • हड्डियों में दर्द होना।
  • बार-बार सर्दी-जुकाम होना।
  • मांशपेशियों में कमजोरी महसूस होना।
  • थकान और कमजोरी महसूस होना।
  • जरुरत से ज्यादा नींद आना।
  • हमेशा डिप्रेशन में होने जैसा महसूस होना।
  • शरीर की तुलना में सर से अधिक पसीना आना।
  • बार-बार इन्फेक्शन होना।
  • सांस लेने में दिक्कत होना

 

 

 

विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के प्राकर्तिक और सरल उपाय क्या हो सकते हैं ?

 

 

विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए कुछ प्राकृतिक उपचार निम्नलिखित हो सकते हैं-

 

 

  • सूर्य की किरणों का उपयोग: सूर्य की किरणों में विटामिन-डी का मुख्य स्रोत होता है। रोजाना सूर्य की किरणों में कुछ समय बिताना, सुबह के समय खुले आसमान में टहलना या योग स्थल पर व्यायाम करना, विटामिन-डी की कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है।

 

  • विटामिन-डी युक्त आहार: विटामिन-डी युक्त आहार खाना भी एक अच्छा उपाय हो सकता है। मछली, मूली के पत्ते, मशरूम, अंडे, और दूध जैसे आहार में विटामिन-डी पाया जाता है। इन आहारों को अपने भोजन में शामिल करने से विटामिन-डी की कमी को दूर किया जा सकता है।

 

  • विटामिन-डी युक्त खाद्य परिसंपत्तियाँ: कुछ आहार विटामिन-डी युक्त होते हैं, जैसे कि विटामिन-डी युक्त दूध, जूस, और अन्य उत्पाद। इन खाद्य परिसंपत्तियों को रोजाना अपने आहार में शामिल करना विटामिन-डी की कमी को पूरा करने में मदद कर सकता है।

 

  • संयुक्त उपाय: सूर्य की किरणों का संपर्क और विटामिन-डी युक्त आहार का संयुक्त उपयोग विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए सबसे अच्छा उपाय हो सकता है। यह स्वास्थ्य और विटामिन-डी के लिए आवश्यक सुखद रिश्ता होता है।

 

 

 

विटामिन-डी की कमी को पूरा करने के लिए क्या खाना चाहिए ?

 

शरीर को विभिन्न प्रकार की बीमारियों से बचाने के लिए तथा विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए निम्नलिखित इन चीज़ो को आहार में शामिल कर सकते हैं जैसे की-

 

 

  • गाय का दूध: विटामिन डी के स्त्रोत में गाय के दूध का नाम सबसे पहले आता हैं। गाय के दूध से विटामिन डी कमी को दूर किया जा सकता हैं दूध पोषक तत्वों का भंडार होता हैं इसमें विटामिन डी के अलावा अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं।

 

  • संतरे का जूस: संतरे के अंदर विटामिन ए, बी, सी, डी सभी पाए जाते हैं इसके अलावा इसमें विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता हैं इसलिए विटामिन डी की कमी को दूर करने लिए लिए संतरे का सेवन या फिर इसका जूस अधिक लाभदायक होता हैं।

 

  • मशरुम: विटामिन डी फूड्स में मशरुम को भी शामिल किया जाता हैं। इसमें विटामिन डी अधिक नहीं पाया जाता परन्तु यह अन्य बीमारी को ठीक करने में अधिक मदद करता हैं।

 

  • सोया प्रोडक्ट्स: विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए सोया प्रोडक्ट्स जैसे टोफू, सोया मिल्क, और सोया योगर्ट का इस्तेमाल करना भी बहुत फायदेमंद होता हैं। इनमें प्रोटीन की प्रचुर मात्रा होती हैं इसमें विटामिन डी भी मौजूद होता हैं इसलिए इसका सेवन अधिक करना चाहिए।

 

  • ऑयस्टर: विटामिन डी के बेहतर विकल्प के तौर पर ऑयस्टर का इस्तेमाल भी किया जाता हैं। इसमें कैल्शियम, आयरन, पोटैशियम, सोडियम के साथ विटामिन डी भी प्रचुर मात्रा में होता हैं।

 

  • दलिया: दलिया विटामिन दी का एक बेहतरीन स्त्रोत हैं यह विटामिन और मिनरल से भरा होता हैं। इसे नास्ते में दूध के साथ शामिल करके खा सकते हैं यह डायबिटीज वाले रोगियों के लिए अच्छा होता हैं।

 

  • पनीर: पनीर एक बेहद स्वादिष्ट डेरी उत्पाद हैं जिसमें भरपूर मात्रा मैं विटामिन डी होता हैं। यह स्किन और मस्तिष्क के लिए भी अच्छा रहता हैं इसलिए पनीर को अपने आहार में जरूर शामिल करना चाहिए।

 

  • साबुत अनाज: ग्रेन्स में काफी मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है। विटामिन डी की कमी को पूरा करने के लिए आप खाने में गेंहू, जौ और दूसरे अनाज शामिल कर सकते हैं। ओट्स में भी अच्छी मात्रा में विटामिन डी पाया जाता है।

 

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