गर्भाशय में फाइब्रॉइड के बारे में पूछे गए प्रश्न

गर्भाशय में फाइब्रॉएड होना एक गंभीर समस्या हैं, इसमें गर्भाशय की मांसपेशियों में होने वाला एक ट्यूमर है जिसकी संख्या एक या एक से अधिक हो सकती है। गर्भाशय में फाइब्रॉएड का आकार बढ़ता रहता हैं, गर्भावस्था में फाइब्रॉएड होने पर एक महिला कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि पेट में दर्द और पीरियड्स के दौरान असामान्य रक्स्राव आदि। गर्भाशय में फाइब्रॉएड होने पर इसका इलाज पूर्णरूप से संभव हो सकता हैं यदि इसका इलाज सही समय पर नहीं होता हैं तो कैंसर का खतरा भी अधिक बढ़ जाता हैं। गर्भाशय में फाइब्रॉएड से सम्बंधित जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करे।

 

 

 

गर्भाशय में फाइब्रॉइड के बारे में पूछे गए प्रश्न –

 

 

 

1. क्या फाइब्रॉएड निकल सकता है ?

 

 

गर्भाशय से फाइब्रॉएड को कम करने हा हटाने के लिए विभिन्न सर्जरी का सुझाव दे सकता है। फाइब्रॉइड निकलने के कई तरीके होते हैं परन्तु इसका इलाज मरीज की स्थिति पर भी निर्भर करता हैं।

 

 

2. क्या बिना सर्जरी के गर्भाशय फाइब्रॉएड का इलाज किया जा सकता है ?

 

 

गर्भाशय फाइब्रॉएड का बिना सर्जरी के भी इलाज हो सकता हैं परन्तु यह फाइब्रॉएड के साइज और लक्षण पर निर्भर करता हैं। गर्भाशय फाइब्रॉएड की समस्या को दवाइयों और कुछ हार्मोनल थेरेपी के जरिए भी ठीक किया जा सकता हैं।

 

 

3. गर्भाशय फाइब्रॉएड को सर्जरी की आवश्यकता कब होती है ?

 

 

गर्भाशय फाइब्रॉएड को नॉन-सर्जिकल और दवाइयों के द्वारा भी ठीक किया जाता हैं, परन्तु कई बार समस्या गंभीर होने पर सर्जरी की जरूरत पड़ती हैं और सर्जरी की ज़रूरत तब पड़ती हैं जब फाइब्रॉएड बांझपन, दर्द या अत्यधिक रक्तस्राव जैसे परेशानी उतपन्न हो जाती हैं।

 

 

4. फाइब्रॉएड का साइज कितना होता है ?

 

 

कुछ फाइब्रॉएड का आकार 1 मिमी (0.04 इंच) जितना छोटा होता है; अन्य व्यास में 20 सेमी (8 इंच) या अधिक के रूप में बड़े हैं। गर्भाशय फाइब्रॉएड एक तरबूज के आयाम तक बढ़ सकता है।

 

 

5. क्या गर्भाशय फाइब्रॉएड कैंसर बन जाता है ?

 

 

गर्भाशय फाइब्रॉएड एक गंभीर समस्या हैं, यह गर्भाशय में बनने वाला एक ट्यूमर होता हैं यदि यह सही समय पर ठीक नहीं होता हैं तो यह गर्भाशय कैंसर का रूप भी ले सकता हैं।

 

 

6. गर्भाशय फाइब्रॉएड को सर्जरी के बाद ठीक होने में कितना समय लगता हैं ?

 

 

गर्भाशय फाइब्रॉएड को दवाइयों और नॉन- सर्जिकल प्रक्रिया से ठीक होने में अधिक समय लगता हैं परन्तु गर्भाशय फाइब्रॉएड को सर्जरी के बाद ठीक होने में चार से छह सप्ताह लगते हैं।

 

 

7. भारत में गर्भाशय फाइब्रॉएड सर्जरी की लागत क्या है ?

 

 

भारत में गर्भाशय फाइब्रॉएड सर्जरी की कुल लागत लगभग 2,00,000 से 2,50,000 तक हो सकती है। भारत में कई अस्पताल गर्भाशय फाइब्रॉएड के लिए उपचार प्रदान करते हैं। लेकिन गर्भाशय फाइब्रॉएड के इलाज की लागत एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल में भिन्न होती है।

 

 

8. क्या फाइब्रॉएड आपको बड़ा पेट दे सकता है ?

 

 

फाइब्रॉएड पेट में सूजन पैदा कर सकता है और आपके पेट को बड़ा या फूला हुआ दिखा सकता है।

 

 

9. फाइब्रॉएड का कौन सा आकार खतरनाक है ?

 

 

डॉक्टर का कहना है कि गर्भाशय में फाइब्रॉएड  के आकार 5-10 होने पर उसे तुरंत सर्जरी की मदद से निकाल देना चाहिए, क्योंकि यह खतरनाक माना जाता है।

 

 

10. गर्भाशय फाइब्रॉएड में क्या नहीं खाना चाहिए ?

 

 

गर्भाशय फाइब्रॉएड होने पर आपको अपना जीवन और खान-पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है। इससे पीड़ित होने पर आपको जंक फूड, कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट, शराब, संतृप्त वसा युक्त भोजन, कृत्रिम मिठास, लाल मांस, पशु वसा, सोया उत्पाद और प्लास्टिक पैक में चीजों को खाना नहीं चाहिए।

 

 

11. क्या उपचार के बाद गर्भाशय फाइब्रॉएड वापस आ सकते हैं ?

 

 

उपचार के बाद अक्सर गर्भाशय फाइब्रॉएड ठीक हो जाता है, लेकिन कभी-कभी फाइब्रॉएड के इलाज के बाद भी यह वापस आ सकता है।

 

 

इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।