गर्भाशय कैंसर महिलाओं मैं पायी जाने वाली बीमारी हैं। गर्भाशय या गर्भ वो स्थान होता हैं जहाँ महिला के गर्भवती होने पर बच्चा बड़ा होता हैं। गर्भाशय की कोशिकाओं के असामन्य रूप से विभाजित होने के कारण ट्यूमर बनता हैं तथा कुछ समय के बाद यह कैंसर में बदल जाता हैं जिससे की महिलाओं को यह गर्भाशय का कैंसर हो जाता हैं।
गर्भाशय को बच्चेदानी भी कहा जाता हैं यह कैंसर गर्भाशय के अंदर की लाइनिंग जिसे कहा एंडोमेट्रियल जाता हैं उसमे होता हैं। यह बीमारी महिलाओं के माँ बनने की क्षमता को हमेशा के लिए खत्म कर देती हैं। गर्भाशय कैंसर महिलाओं को 30 से 35 साल की उम्र में अधिक फैलता हैं इस बीमारी का अधिक होना कई बार जानलेवा साबित भी हो जाता हैं इसलिए इस बीमारी का सही समय पर इलाज होने अत्यंत आवश्यक होता हैं।
गर्भाशय के प्रकार
यूटराइन सार्कोमा: यह कैंसर सामान्य होता हैं यह गर्भाशय की मांसपेशियों की परत यानि एंडोमेट्रियल या उसके आसपास के ऊतकों में होने वाला कैंसर हैं।
एन्डोमटेरिअल सार्कोमा: यह कैंसर गर्भाशय की भीतरी परत में होने वाला कैंसर हैं अधिकतर कैंसर इसी प्रकार होते हैं तथा ये सामान्य नहीं होते।
गर्भाशय कैंसर के लक्षण
इस बीमारी के लक्षण अन्य संक्रमण के लक्षणों से बहुत अलग होते हैं तथा इस बीमारी का पता लगाना कठिन नहीं माना जाता परन्तु इसका इलाज डॉक्टर से सही समय पर करना आवश्यक हैं गर्भाशय कैंसर के लक्षण कुछ इस प्रकार हैं।
- गर्भाशय के कैंसर का सबसे आम लक्षण योनि से असामान्य रक्तस्राव है।
- बिना किसी कारण वजन घटना।
- पीरियड्स के बीच रक्तस्राव होना।
- बार – बार पेशाब आना।
- मेनोपॉज के बाद योनि से सफेद द्रव आना।
- पीरियड्स का अधिक समय तक रहना।
- अधिक कमजोरी।
- पीठ और पैरों में दर्द (जब कैंसर पास में फैल गया हो)
- मासिक धर्म के दौरान भारीपन।
कोई भी महिला इस प्रकार के लक्षण महसूस करती हैं तो उन्हें जल्द से जल्द विशेषज्ञ डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि डॉक्टर जाँच करके इस बीमारी का सटीक कारण पता लगा पाए और उसी के अनुसार इसका इलाज करे।
गर्भाशय कैंसर के चरण
गर्भाशय कैंसर के चरणों का पता डॉक्टर से जाँच कराने के बाद पता चलता हैं इसके चरणों का मतलब होता हैं की जो कैंसर हैं वह सामान्य हैं या अधिक संक्रमित हो गया हैं।
चरण – 1: कैंसर जब सिर्फ गर्भाशय में हो और अधिक मात्रा मैं फैला न हो।
चरण – 2: कैंसर जब गर्भाशय और गर्भाशय ग्रीवा में हो।
चरण – 3: जब कैंसर गर्भाशय के बाहर श्रेणी जैसे लिम्फ नोड्स में हो जाये।
चरण – 4:कैंसर जब पेल्विक क्षेत्र के बाहर फ़ैल जाये तथा शरीर के अन्य भागो में भी संक्रमित हो जाये।
गर्भाशय कैंसर के क्या कारण हैं।
गर्भाशय कैंसर के कई निम्नलिखित कारण होते हैं जो की महिलाओं के गर्भाशय कैंसर बढ़ने का कारण बन सकते हैं।
- 40 वर्ष से अधिक वर्ष की महिलाओं को गर्भाशय कैंसर होने का खतरा रहता हैं।
- अधिक मोटापा।
- पारिवारिक इतिहास या गर्भाशय, कोलन, स्तन कैंसर।
- यदि किसी महिला को मधुमेह होता है उन्हें भी इस बीमारी का सामना करना पड़ सकता हैं।
- जिन महिलाओं को मेनोपॉज बहुत देर से होता है।
- यदि कोई महिला बाँझ होती हैं तो उसका एक कारण गर्भाशय कैंसर भी हो सकता हैं।
- पीरियड्स समय से पहले शुरू होने पर भी गर्भाशय कैंसर होने की सम्भावना बानी रहती हैं।
- उच्च रक्तचाप वाली महिलाएं।
गर्भाशय कैंसर के इलाज
गर्भाशय कैंसर का इलाज संभव होता हैं इसलिए इसके पता लगने पर तुरंत ही डॉक्टर से जाँच कराये , यदि गर्भाशय कैंसर अधिक बढ़ जाये तो चार तरीको से इसका इलाज किया जाता हैं जैसे की –
सर्जरी: गर्भाशय कैंसर की सर्जरी में आमतौर पर गर्भाशय निकालने का ऑपरेशन किया जाता हैं जिससे की कैंसर ठीक हो जाता हैं क्योकि कैंसर वाला हिस्सा शरीर से अलग कर दिया जाता हैं परन्तु इस सर्जरी के बाद भविष्य में गर्भवती होना संभव नहीं होता हैं।
हॉर्मोन थेरेपी: यदि कैंसर गर्भाशय से बाहर फ़ैल जाता हैं तो फिर हॉर्मोन थेरपी का सहारा लिया जाता हैं कैंसर को कम तथा खत्म करने के लिए।
रेडिएशन थेरेपी: रेडिएशन थेरेपी सर्जरी के बाद की जाती हैं ताकि गर्भाशय कैंसर का खतरा दोबारा न हो कुछ स्थति में ऐसा होता हैं की कैंसर बढ़ने लगता हैं जिसे कम करने के लिए रेडियो थेरेपी की सलाह दी जाती हैं।
कीमोथेरेपी: कुछ स्थिति में सर्जरी से पहले ट्यूमर को सिकोड़ने तथा निकालने में आसान बनाने के लिए कीमोथेरेपी की जाती हैं। सर्जरी के बाद भी कभी-कभी गर्भाशय कैंसर होने का खतरा बना रहता हैं जिसे खत्म करने के लिए कीमोथेरेपी की जाती हैं।
गर्भाशय कैंसर के इलाज के लिए बेस्ट अस्पताल।(Best Hospitals For Uterine Cancer Treatment in Hindi)
- बीएलके सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, दिल्ली
- मेदांता द मेडिसिटी, गुरुग्राम
- अपोलो अस्पताल, बैंगलोर
- फोर्टिस अस्पताल, बन्नेरगट्टा रोड, बैंगलोर
- लीलावती अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, बांद्रा, मुंबई
- नानावटी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, विले पार्ले वेस्ट, मुंबई
- ग्लेनीगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स, लकडी का पूल, हैदराबाद
- अपोलो प्रोटॉन कैंसर सेंटर, चेन्नई
- रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डिएक साइंस, मुकुंदपुर, कोलकाता
- केयर इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, सोला, अहमदाबाद
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , साकेत, दिल्ली
- फोर्टिस हार्ट अस्पताल , ओखला, दिल्ली
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजिंदर नगर, दिल्ली
- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल , सरिता विहार , दिल्ली
- नारायण सुपर स्पेशलिटी अस्पताल , गुरुग्राम
- मेदांता द मेडिसिटी , गुरुग्राम
- फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड , गुरुग्राम
- पारस अस्पताल , गुरुग्राम
- शारदा अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- यथार्थ अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- बकसन अस्पताल ग्रेटर नोएडा
- जेआर अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- प्रकाश अस्पताल ,ग्रेटर नोएडा
- शांति अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
- दिव्य अस्पताल , ग्रेटर नोएडा
यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर संपर्क कर सकते हैं।
गर्भाशय कैंसर के इलाज के बाद देखभाल के चरण क्या हैं ?
- गर्भाशय कैंसर के इलाज के बाद समय – समय पर शारीरिक जाँच करवाना आवश्यक हैं।
- वजन को नियंत्रण में रखे।
- किसी भी तरह की दवाइयों तथा अन्य पदार्थो का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श ले।
- रक्त परीक्षण का पालन करे।
यदि आपको इससे जुड़ी कोई समस्या है और अगर आप इसका इलाज पाना चाहते हैं तो हमसे संपर्क कर सकते हैं। हमसे संपर्क करने के लिए हमारे इस व्हाट्सएप नम्बर (+919599004311) या हमें connect@gomedii.com पर ईमेल कर सकते हैं।
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