क्या हृदय के लिए बाईपास सर्जरी होती है?

आपको बता दें की एक हृदय रोगी के लिए ही “बाईपास सर्जरी” की जाती है। दरअसल इस सर्जरी से हृदय रोगी को काफी हद तक फायदा होता है और वह इसके माध्यम से बेहतर ज़िदगी जी सकते हैं।

 

हृदय बाईपास सर्जरी का चिकित्सक नाम कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्ट (Coronary Artery Bypass Graft CABG) है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, सीएबीजी में छाती, हाथ या पैर की रक्त वाहिका को निकाला नहीं जाता, बल्कि उस नली में होने वाली रुकावट को दोबारा ठीक किया जाता है।

 

 

 

बाईपास सर्जरी क्या है? (What is Bypass Surgery)

 

 

दरअसल हार्ट बाईपास सर्जरी, या कोरोनरी धमनी बाईपास ग्राफ्ट (CABG) सर्जरी, का उपयोग हृदय में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है। बाईपास सर्जरी करने के लिए आपके शरीर के दूसरे जगहों से ली गई रक्त वाहिकाओं का उपयोग किया जाता है। यह सर्जरी तब की जाती है जब कोरोनरी धमनियां सिकुड़ने या क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।

 

 

ये धमनियां आपके हृदय को ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रदान करती हैं। जब किसी कारण इन धमनियों में रक्त प्रवाह होने में दिक्कत होती है या रक्त प्रवाह में रूकावट होने लगती है जिसकी वजह से दिल ठीक से काम नहीं करता है। इससे हृदय गति रुक सकती है।

 

 

 

बाईपास सर्जरी कब की जाती हैं

 

 

 

साँस लेने में दिक्कत : जिन लोगों को साँस लेने में दिक्कत होती है उन्हीं लोगों की बाईपास सर्जरी की जाती है। क्योंकि उन लोगों की साँस फूलती है या साँस लेने में दिक्कत होती है, इसलिए इस सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है।

 

 

 

साँस की नली में सिकुड़न : ये समस्या बुजुर्गो में ज्यादा देखने को मिलती है क्योंकि जब वह ज्यादा ठंड के मौसम में रहते है या उन्हें ठंड लग जाती है। तो उनकी साँस की नली में सिकुड़न आ जाती है, जिससे साँस लेना और रक्त का प्रवाह सही तरीके से नहीं होता है।

 

 

 

साँस की नली में सूजन : ऐसा होने पर धमनियां को नुकसान पहुँच सकता है, जिसकी वजह से कोरोनरी धमनी काफी प्रभावित होती है और दिल की धड़कने तक रुक सकती है।

 

 

 

दिल का दौरा पड़ने पर : जिन लोगों को दिल का दौरा पड़ जाता है तो उस स्थिति में  बाईपास सर्जरी का इस्तेमाल किया जाता है और उस व्यक्ति को ठीक किया जाता है।

 

 

 

सीने में दर्द : जब किसी व्यक्ति को हृदय की धमनियों में रुकावट के कारण एनजाइना की समस्या होती है, तो डॉक्टर उस स्थिति में बाईपास सर्जरी कराने की सलाह देते हैं।

 

 

 

हृदय बाईपास सर्जरी के प्रकार क्या हैं (Types of heart bypass surgery)

 

 

आपका डॉक्टर आपकी कुछ धमनियों के अवरुद्ध होने के आधार पर एक निश्चित प्रकार की बाईपास सर्जरी करवाने की सलाह देता है।

 

 

  • सिंगल बाईपास : केवल एक धमनी के अवरुद्ध होने पर।

 

 

  • डबल बाईपास : जब दो धमनियां अवरुद्ध हो जाती हैं।

 

 

  • ट्रिपल बाईपास : तीन धमनियों के अवरुद्ध होने पर।

 

 

  • चौगुनी बाईपास : चार धमनियां के अवरुद्ध होने पर।

 

 

 

दिल का दौरा हृदय संबंधी समस्या होने का खतरा अवरुद्ध धमनियों की संख्या पर निर्भर करता है। अधिक धमनियों में रुकावट का मतलब यह भी है कि सर्जरी में अधिक समय लग सकता है क्योंकि उसमें अधिक जटिलताए हो सकती है।

 

 

 

हार्ट बाईपास सर्जरी की आवश्यकता कब पड़ती है ?

 

 

कार्डियोलॉजिस्ट सहित डॉक्टरों की एक टीम यह देखती है कि क्या आप ओपन-हार्ट सर्जरी कराने के लिए तैयार है या नहीं। बाईपास सर्जरी से होने वाली जटिलताओं में शामिल हैं:

 

 

 

 

 

  • वातस्फीति (Emphysema)

 

 

  • गुर्दे की बीमारी (Kidney Disease)

 

 

  • परिधीय धमनी रोग (PAD peripheral arterial disease)

 

 

 

बाईपास सर्जरी के क्या खतरे है?

 

 

किसी भी ओपन-हार्ट सर्जरी के साथ, हार्ट बाईपास सर्जरी में खतरा रहता है। अगर हम अभी की बात करें तो पहले के मुकाबले तकनीकी  प्रक्रिया में काफी सुधार हुआ है, जिससे एक सफल सर्जरी की संभावना बढ़ जाती है। सर्जरी के बाद भी कुछ समस्याए इस प्रकार है।

 

 

 

 

 

  • छाती में दर्द : सर्जरी के बाद कई लोगों को उनकी छाती में काफी दर्द महसूस होता है।

 

 

  • संक्रमण : कई लोगों को सर्जरी के बाद हार्ट में इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है।

 

 

  • किडनी खराब : बहुत कम ही ऐसा देखा गया है की बाईपास सर्जरी के बाद उस व्यक्ति की किडनी ख़राब हुई हो।

 

 

  • दिल का दौरा या स्ट्रोक : ऐसा होने के बाद कुछ लोगों को दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा भी  रहता है।

 

 

 

सर्जरी के बाद रखें इन बातों का ध्यान

 

 

 

नियमित करें व्यायाम : यदि आप दोबारा अपने दिल को ठीक करना चाहते है, तो रोजाना सुबह के वक़्त व्यायाम करें।

 

 

समय पर लें दवाई : इस सर्जरी के बाद डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों को समय से खाएं ताकि आप जल्दी से ठीक हो पाए।

 

 

पौष्टिक भोजन खाएं : यदि आप अपने आहार में पौष्टिक खाने का उपयोग करेंगे तो  खुद को स्वस्थ रख पाएंगे।

 

 

भरपूर नींद लें : इसके बाद डॉक्टर उस व्यक्ति को भरपूर नींद लेने की भी सलाह देते हैं, क्योंकि ऐसा करने से वह जल्दी ठीक हो सकता है।

 

 

यदि आप भी दिल के मरीज है और आपको भी दिल से जुड़ी किसी तरह की परेशानी है तो आप हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते है

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