आजकल कई पैरेंट्स यह देख रहे हैं कि उनकी बेटियों में बहुत कम उम्र में ही पीरियड्स शुरू हो रहे हैं। यह एक चिंताजनक स्थिति हो सकती है, लेकिन इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि लड़कियों में कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने के मुख्य कारण क्या हैं और पैरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने के कारण
- पोषण में बदलाव: आजकल के फास्ट फूड और अस्वास्थ्यकर खानपान के कारण बच्चों का पोषण प्रभावित हो रहा है। अधिक वसा और कम पोषण वाले आहार के सेवन से हार्मोनल बदलाव हो सकते हैं, जिससे जल्दी पीरियड्स शुरू हो सकते हैं।
- मोटापा: बच्चों में बढ़ता मोटापा भी कम उम्र में पीरियड्स शुरू होने का एक प्रमुख कारण है। अधिक वजन के कारण शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ सकता है, जो पीरियड्स को जल्दी शुरू कर सकता है।
- पर्यावरणीय कारक: वातावरण में मौजूद कुछ रसायन, जिन्हें एंडोक्राइन डिसरप्टर्स कहा जाता है, हार्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। ये रसायन प्लास्टिक, पेस्टिसाइड्स और अन्य उत्पादों में पाए जा सकते हैं।
- आनुवंशिकता: अगर परिवार में किसी महिला को कम उम्र में पीरियड्स शुरू हुए हों, तो इसकी संभावना होती है कि अगली पीढ़ी में भी ऐसा हो सकता है।
- तनाव: बच्चों में बढ़ता मानसिक तनाव भी हार्मोनल बदलाव का कारण बन सकता है, जिससे जल्दी पीरियड्स शुरू हो सकते हैं।
पैरेंट्स को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए ?
- संतुलित आहार: बच्चों को संतुलित और पौष्टिक आहार दें। हरी सब्जियां, फल, दालें और प्रोटीन युक्त आहार का सेवन बढ़ाएं। फास्ट फूड और जंक फूड से बचें।
- शारीरिक गतिविधि: बच्चों को नियमित शारीरिक गतिविधि में संलग्न रखें। योग, खेलकूद, साइक्लिंग आदि उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।
- स्वच्छता और स्वास्थ्य: बच्चों को व्यक्तिगत स्वच्छता का महत्व समझाएं। पीरियड्स के दौरान स्वच्छता बनाए रखना बहुत जरूरी है।
- खुलकर बात करें: बच्चों से उनके शरीर में हो रहे बदलावों के बारे में खुलकर बात करें। इससे वे अपने शरीर के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित कर पाएंगे और किसी भी तरह की समस्या के बारे में बिना झिझक बात कर सकेंगे।
- डॉक्टर से सलाह लें: अगर आपको लगे कि आपके बच्चे में कम उम्र में पीरियड्स शुरू हो रहे हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से सलाह लें। चिकित्सक सही कारण जानने और उचित उपचार करने में मदद कर सकते हैं।
- तनाव कम करें: बच्चों को मानसिक तनाव से दूर रखें। उनके साथ समय बिताएं, उनकी समस्याओं को समझें और उन्हें सुलझाने में मदद करें।
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