लिवर मानव के शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं तथा यह पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में स्थित हैं यह ग्रंथि प्रोटीन और हार्मोन बनाती है जिसकी शरीर के अन्य भागों को आवश्यकता होती है। आजकल के समय में अनियमित जीवनशैली और खान-पान के कारण लिवर से सम्बंधित बीमारियां अधिक देखने को मिल रही हैं जोकि बेहद नुकसानदायक होती हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट क्या होता हैं ?
लिवर ट्रांसप्लांट उस स्थिति में किया जाता हैं जब लिवर से सम्बंधित कोई गंभीर समस्या हो जाए तथा लिवर सही से काम करना बंद कर दे, तब डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प बताते हैं। लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मरीज के ख़राब लिवर को हटा दिया जाता हैं तथा उस जगह किसी अन्य व्यक्ति का स्वस्थ लिवर लगा दिया जाता हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट किन बीमारियों में होता हैं ?
लिवर ट्रांसप्लांट अन्य बीमारियों का उपचार माना जाता हैं यदि कोई व्यक्ति लिवर से सम्बंधित बीमारियों से अधिक ग्रस्त होता हैं तो लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प चुना जाता हैं जो की मरीज को पूरी तरह से स्वस्थ और सामान्य ज़िन्दगी प्रदान कर सकता हैं। लिवर ट्रांसप्लांट कुछ बीमारियों में अधिक किया जाता हैं जैसे की –
लिवर कैंसर (liver cancer): लिवर कैंसर को हेपेटिक कैंसर भी कहा जा सकता है, जब लिवर की कोशिकाएं असामन्य रूप से बढ़ती हैं और लिवर तथा अन्य अंगो को प्रभावित करती हैं तब लिवर कैंसर उत्पन्न होता हैं। यह एक जानलेवा बीमारी होती हैं, यदि लिवर कैंसर का इलाज दवाइयों या अन्य उपचारों से नहीं हो पाता है तो डॉक्टर लिवर ट्रांसप्लांट का सुझाव देते हैं।
लिवर सिरोसिस (liver cirrhosis): लिवर सिरोसिस लिवर की बीमारी का अंतिम चरण माना जाता हैं जिसमें लिवर ख़राब होने से पहले लिवर पर निशान पड़ने लगते हैं उससे उससे लिवर सिरोसिस कहते हैं। यदि यह बीमारी अंतिम चरण तक पहुंच जाती हैं तो लिवर ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नज़र नहीं आता।
पीलिया(jaundice): पीलिया भी एक लिवर रोग हैं जिसका बढ़ना अधिक घातक होता हैं जब लिवर में लाल रक्त कोशिकाएं टूट जाती हैं तब पीले रंग की बिलीरुबिन नामक पदार्थ बनता हैं जब ये पदार्थ लिवर द्वारा फ़िल्टर होकर बाहर नहीं आ पाता तब पीलिया हो जाता हैं, पीलिया यदि अधिक बढ़ जाए जिसके कारण लिवर ख़राब हो जाए तो लिवर ट्रांसप्लांट कराना ही एक अच्छा विकल्प होता हैं।
अल्कोहलिक फैटी लिवर(alcoholic fatty liver): अल्कोहलिक फैटी लिवर उन्हें होता हैं जो धूम्रपान तथा शराब का सेवन अपनी जीवनशैली में अधिक से अधिक करते है। अल्कोहलिक फैटी लिवर होने से लिवर पूरी तरह डैमेज हो जाता हैं जिसके लिए लिवर ट्रांसप्लांट का विकल्प ही चुना जाता हैं।
हेमोक्रोमैटोसिस(hemochromatosis): भोजन में अधिक आयरन शरीर में अवशोषित करने की स्थिति को हेमोक्रोमैटोसिस (आयरन की अधिकता) कहते हैं। इस बीमारी से खून में आयरन की मात्रा अधिक हो जाती हैं अधिक आयरन शरीर में होने की वजह से वह लिवर, हृदय तथा अग्राशय और जोड़ो में जम जाता हैं यदि इस बीमारी का इलाज समय पर न हो तो इससे शरीर के अनेक अंग खराब हो सकते है। माना जाता हैं यदि यह बीमारी अधिक बढ़ जाए तो लिवर ट्रांसप्लांट सबसे सही विकल्प रहता हैं।
फैटी लिवर (fatty liver): फैटी लिवर एक सीरियस मेडिकल कंडीशन होती हैं जिसमें लिवर में फैट (चर्बी) जमा हो जाती हैं जिसका कारण अधिक अनावश्यक दवाइयाँ तथा शराब का सेवन करने से होता हैं। फैटी लिवर के अन्य कारणों में मोटापा और अनियंत्रण जीवनशैली भी शामिल हैं। फैटी लिवर की समस्या यदि दवाइयों से ठीक नहीं हो पाती तो लिवर ट्रांसप्लांट करवाना अधिक फायदेमंद रहता हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता हैं ?
लीवर ट्रांसप्लांट के लिए डोनर उपलब्ध होना चाहिए। डोनर उपलब्ध होने पर डॉक्टर मरीज को सूचित करता है। अस्पताल में भर्ती कराया जाए ताकि पूरी जांच हो सके कि मरीज कैसा है और लिवर ट्रांसप्लांट को शुरू करने के लिए एक निश्चित समय दिया जाएगा, लिवर ट्रांसप्लांट होने से पहले मरीज और डोनर दोनों को एनेस्थीसिया दिया जाता हैं ताकि सर्जरी के दौरान जो दर्द होगा वो उन्हें कम से कम महसूस हो।
ट्रांसप्लांट करने के लिए पेट में एक लंबा चीरा लगाया जाता है तथा ख़राब लिवर को बाहर निकला जाता हैं और उसकी जगह पर स्वस्थ लिवर पूरा या फिर उसका कुछ हिस्सा लगाया जाता हैं सर्जरी के बाद, डॉक्टर सर्जिकल धागे और स्टेपल की मदद से पेट के चीरे को सील कर देता है। इसके बाद उन्हें आईसीयू में रखा जाता है। इस सर्जरी में 3 से 5 घंटे लग जाते हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट कराने में कितना खर्च आता हैं ?
लिवर ट्रांसप्लांट की कॉस्ट कई कारकों पर निर्भर करती है और हर शहर में इसकी कॉस्ट अलग अलग हो सकती है भारत में लिवर ट्रांसप्लांट की कॉस्ट 15,00,000 रुपय से शुरू होती है तथा यह अस्पताल और चिकित्सक पर भी पूरी तरह से निर्भर करता हैं।
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए अच्छे अस्पताल।
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।
- मैक्स मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल, पंचशील पार्क, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शालीमार बाघ, दिल्ली
- मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत, दिल्ली
- बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, राजेंदर पैलेस, दिल्ली
- मणिपाल अस्पताल, द्वारका, दिल्ली
- इन्द्रप्रस्ठा अपोलो अस्पताल, जसोला विहार, दिल्ली
- वेंकटेश्वर अस्पताल, द्वारका, दिल्ली
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए बैंगलोर के अच्छे अस्पताल।
- फोर्टिस अस्पताल, बन्नेरघट्टा, बैंगलोर
- अपोलो अस्पताल, नागा, बैंगलोर
- एस्टर सीएमआई अस्पताल, सहकर नगर, बैंगलोर
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए मुंबई के अच्छे अस्पताल।
- लीलावती अस्पताल एंड अनुसंधान केंद्र, बांद्रा, मुंबई
- सर्वोदय अस्पताल, घाटकोपर, मुंबई
- कोकिलाबेन धीरूभाई अम्बानी अस्पताल एंड अनुसंधान संस्थान, अँधेरी, मुंबई
- अपोलो अस्पताल, वाल्मीकि नगर, मुंबई
लिवर ट्रांसप्लांट के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल।
- फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च सेंटर, गुरुग्राम
- मैक्स अस्पताल, गुरुग्राम
- सीडीएएस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, गुरुग्राम
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न-
1. लिवर ट्रांसप्लांट के बाद लाइफ कितनी होती है?
लिवर ट्रांसप्लांट के बाद व्यक्ति सामान्य ज़िन्दगी व्यतीत कर सकता हैं। लिवर एक ऐसा अंग होता हैं जो की समय के साथ अपने सामान्य आकार में आ जाता हैं। लिवर ट्रांसप्लांट होने के बाद मरीज को अपने खान-पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए जिससे की वह कुछ महीने बाद अपनी सामान्य स्थिति में आ जाए।
2. भारत में लिवर ट्रांसप्लांट की लागत क्या है?
भारत में लीवर ट्रांसप्लांट सर्जरी की कुल लागत लगभग 12,00,000 रुपये से लेकर 20,00,000 रुपये तक हो सकती है। हालांकि, यह लागत अलग-अलग अस्पतालों में अलग-अलग हो सकती है।
3. लिवर ट्रांसप्लांट सर्जरी के बाद जीवित रहने की दर क्या है?
लगभग 85% – 90% बच्चे और वयस्क ट्रांसप्लांट के बाद अस्पताल से छुट्टी पाने के लिए पर्याप्त रूप से अच्छा करते हैं और उनमें से 75% लोग कम से कम 5 साल तक जीवित रहते हैं। हालांकि, आपके सफल लीवर ट्रांसप्लांट और लंबे समय तक जीवित रहने की संभावना आपकी वर्तमान स्थिति पर निर्भर करती है।
4. क्या लिवर डोनेशन संभव है?
लिवर डोनेशन एक ऐसी प्रक्रिया हैं जो कि जीवित और मृत व्यक्ति दोनों कर सकते हैं। भारत में अधिकतर लिवर डोनेट जीवित व्यक्ति के द्वारा ही किये जाते हैं। लिवर एक ऐसा अंग हैं जो कि समय के साथ अपने आकार में आ जाता हैं।
5. लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता क्यों है?
जब अन्य सभी विकल्प विफल हो जाते हैं तो डॉक्टरों द्वारा दिए गए उपचार का अंतिम विकल्प लिवर ट्रांसप्लांट होता है। सबसे आम स्थिति जिसके लिए लिवर ट्रांसप्लांट क्रोनिक लिवर डिजीज में किया जाता है, जो धीरे-धीरे कई महीनों या वर्षों में होता है। लिवर सिरोसिस मुख्य कारण है जो की जिगर की बीमारी का कारण बनता है।
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