महिलाओं में हार्मोन असंतुलन के कारण, लक्षण और इलाज

हार्मोन्स का काम हमारे शरीर की सभी गतिविधियों को नियंत्रित करना है , जो की हमारे शरीर वृद्धि और विकास के लिए बहुत जरुरी है। हार्मोन के स्राव में असंतुलन होने से शरीर के पूरे सिस्टम में गड़बड़ी आ जाती है। हॉर्मोन की गड़बड़ी होने से शरीर में कई स्वास्थ्य समस्याएं शुरू हो जाती हैं।

 

हार्मोन के असंतुलन के कारण शरीर असामान्यता , जैसे – सूजन या फिर असहजता महसूस हो सकता है। महिलाओं में भी प्रेग्नेंसी, मासिक धर्म और मेनोपॉज के समय हार्मोन का स्त्राव और बदलाव होता है। पर कुछ दवाओं या स्वास्थ्य समस्याओं के चलते भी हार्मोन्स असंतुलित हो जाते हैं। जैसे सूजन या फिर असहजता महसूस हो, तो यह हार्मोन के असंतुलन के कारण भी हो सकता है।

 

अलग-अलग मानसिक परिस्थि‍तियों से गुजरने पर शरीर के आंतरिक अंगों में संबंधि‍त हार्मोन का सक्रिय होना सामान्य बात है।

 

हार्मोनल असंतुलन के लक्षण

 

 

अगर आपके शरीर में हार्मोन्स का असंतुलन हो रहा है तो , आपको अपने शरीर के प्रति सजग रहने की बहुत जरूरत है। अगर आपको यह 12 लक्षण दिखाई दें या महसूस हों तो यह हार्मोन्स का असंतुलन होना सकता है –

 

महिलाओं में मासिकधर्म की समयावधि‍ में परिवर्तन

 

  • महिलाओं में मासिकधर्म की समयावधि‍ में परिवर्तन हार्मोन्स के कारण होता है। अगर आपको मासिक धर्म, समय पर नहीं हो रहा हो, तो यह एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन्स की अधि‍कता या कमी हो सकता है।

 

  • इसके अलावा 40 से 50 की उम्र से पहले मेनोपॉज होना और मासिकधर्म का समय न होना, ये पॉलीस्ट‍िक ओवेरियन सिड्रोम के लक्षण हो सकते हैं।

 

लगातार वजन बढ़ना

 

आप अपने वजन पर सही डाइट और शारीरिक गतिविधि के जरिए काबू रख सकते हैं। कई महिलाओं के शरीर में हार्मोन का स्‍तर बिगड़ जाता है। इससे उनके लिए वजन काबू कर पाना मुश्किल हो जाता है। इनसुलिन के स्‍तर की अनेदखी और प्रतिरोधकता में बढ़ोत्‍तरी भी वजन बढ़ने का कारण हो सकती है। आहार में छोटे-मोटे बदलाव कर इस समस्‍या से बचा जा सकता है। प्रोसेस्‍ड फूड, चीनी और गेहूं से बने उत्‍पादों का अधिक सेवन न करके आप अपना वजन कम कर सकते है।

 

नींद की समस्या होना

 

  • अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले पा रहे हैं या फिर नींद होने के बाद भी आप उससे संतुष्ट नहीं हैं तो आपके हार्मोन्स असंतुलित हो सकते हैं। ओवरी से स्त्रावित होने वाला हार्मोन प्रोजेस्टेरॉन आपको नींद लेने के लिए प्रेरित करता है।

 

  • अगर हार्मोन्स का स्तर सामान्य से कम है, तो आपको नींद न आने की समस्या हो सकती है। इसके अलावा एस्ट्रोजेन की कमी से रात में पसीना आने की समस्या भी हो सकती है , जिससे आपको नींद की समस्या होती है।

 

पसीना आना

 

महिलाओं को रात में पसीना और हॉट फ्लेशज की शिकायत बहुत होती है। बिना किसी भी पसीना आना , यह भी हार्मोन्स असंतुलित होने के कारण हो सकता है।

 

पाचन संबंधी समस्या

 

गैस, सूजन और पाचन क्रिया का होना भी हार्मोन्स असंतुलित होने की वजह से हो सकता है पर ज्यादातर यह समस्या हार्मोन असंतुलन से नहीं होता। यह समस्या गलत आहार का सेवन, भोजन को सही से न चबाना या फिर अधिक खाने से यह समस्‍या हो सकती है।

 

पेट बढ़ना और मांसपेशियों का कम होना

 

इंडोस्रीन सिस्टम पर अधिक दबाव रहने पर हॉर्मोंस गड़बड़ा जाता है। कुछ हॉर्मोंस आवश्‍यकता से कम उत्‍पादित होते हैं, तो कुछ का उत्‍पादन आवश्‍यकता से अधिक होने लगता है। जिससे शरीर में वसा की मात्रा अधिक हो जाता है और इस वजह से आपके पेट पर अधिक चर्बी जमा होने लगती है।

 

तनाव और चिड़चिड़ापन

 

अगर आपको हर वक़्त चिंता होती है तो , आपके शरीर में कुछ हॉर्मोंस असंतुलित हैं। इस समस्या से बचने के लिए आप योग, ध्‍यान और व्‍यायाम कर सकते है ।

 

 

हार्मोनल असंतुलन से बचने के घरेलू उपाय

 

 

ओमेगा फैटी-3 एसिड

 

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  • हार्मोन को बैलेंस करने में ओमेगा फैटी-3 एसिड काफी मददगार होते हैं। यह मासिक धर्म में दर्द को शांत करने और रजोनिवृत्ति के लक्षणों को कम करते हैं।

 

  • आपको मछली, अलसी के बीज, अखरोट, सोया बींस, टोफू और ऑलिव ऑइल यह सारे ओमेगा फैटी-3 एसिड में पाए जाते है। आप डॉक्‍टर से पूंछ कर ओमेगा 3 की गोलियां भी ले सकती हैं।

 

व्‍यायाम

 

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रोजाना एक्‍सरसाइज से आपके हार्मोन बैलेंस हो सकते हैं। इससे स्‍ट्रेस लेवल भी कम होता है , क्‍योंकि स्‍ट्रेस हार्मोन इस्‍ट्रोजेन हार्मोन को ब्‍लॉक कर देता है, जिससे पूरे शरीर को परेशानी भुगतनी पड़ती है। आप रोजाना स्‍विमिंग, जॉगिंग या योगा कर सकती हैं।

 

नारियल तेल

 

 

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कोकोनट ऑइल प्राकृतिक रूप से हाइपोथायरायडिज्म जैसी बिमारी को ठीक कर देता है। यह ब्‍लड शुगर लेवल और वजन को कम करता है। नारियल तेल दिल के लिये बिल्‍कुल भी हानिकारक नहीं है। आपको हर दिन 2 से 3 चम्‍मच एकस्‍ट्रा वर्जिन कोकोनट ऑइल जरुर खाना चाहिये।

 

मेथी दाना

 

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यह मेथी एस्ट्रोगेनिक इफ़ेक्ट को बढावा देता है। साथ ही यह लो ब्‍लड शुगर और ग्‍लूकोज मेटाबॉल्‍जिम की खराबी को ठीक करती है। रोजाना एक कप गरम पानी में 1 चम्‍मच मेथी दाने को 15 मिनट तक के लिये भिगो कर फिर छान कर दिन में 3 बार पियें। इसके साथ में आप नींबू या शहद भी मिक्‍स कर सकती हैं। अगर मेथी आपको सूट न करे, तो आप सौंफ का सेवन कर सकती हैं।

 

 

अगर ड्राई स्किन, वज़न बढ़ना, नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना, इंफर्टिलिटी जैसी समस्याएं आपको हो रही है , तो ये सब भी हार्मोंस का असंतुलन होना ही है. इसलिए लक्षण दीखते ही आप डॉक्टर से तुरंत सम्पर्क करे और उनसे जांच करा ले।

 

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