रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) से जुडी महत्वपूर्ण बातें , क्या है इसके लक्षण और जाने घरेलू उपचार

रजोनिवृत्ति को अंग्रेजी में मेनोपॉज़ कहते हैं, जिसका अर्थ ‘जीवन में परिवर्तन’ है। यह वास्तव में स्त्री के जीवन का परिवर्त्तनकाल  होता है।

 

मासिक धर्म के स्थायी रूप से बंद हो जाने को रजोनिवृत्ति कहा जाता है। रजोनिवृत्ति होने पर स्त्री के शरीर में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के पविर्तन हो जाते हैं। ये परिवर्तन इतनी धीमी गति से होते हैं कि स्त्री को कोई असुविधा नहीं होती, किंतु कुछ स्त्रियों को बहुत कष्ट होता है।

 

रजोनिवृत्ति किसी स्त्री के जीवन का वह समय है, जब उसके अंडकोष की गतिविधियां समाप्त हो जाती हैं। ये परिवर्तन इतनी धीमी गति से तथा अल्प होते हैं कि स्त्री को कोई असुविधा नहीं होती, किंतु कुछ स्त्रियों को विशेष कष्ट होता है।

 

रजोनिवृत्ति अलग-अलग समय पर हो सकती है। सामान्यतः अधिकांश औरतें 45 और 55 वर्ष की आयु में रजोनिवृत्ति की स्थिति को प्राप्त करती हैं। लेकिन यह आपको 10 से 40 वर्ष की आयु में हो सकती हैं, और यह भी हो सकता है कि 60 की आयु तक भी आपको रजोनिवृत्ति न हो। यदि किसी महिला को 6 महीने तक मासिकधर्म न आए तो मान लेना चाहिए कि उसे रजोनिवृति हो गई है।

 

रजोनिवृत्ति (मेनोपॉज) के लक्षण

 

इसका सबसे उल्लेखनीय लक्षण है, मासिक धर्म का धीरे धीरे कम हो जाना।

 

वजन बढना

 

शरीर में हारमोंस के उतार चढ़ाव हर तरह की तबाही मचाते हैं, जिसमें वज़न का बढना भी शामिल है। आपके वज़न का बढ़ना रजोनिवृत्ति का लक्षण हो सकता है क्योंकि यह दर्शाता है कि शरीर में चयापचय की दर कम हो गई है- यह हारमोंस में बदलाव या रजोनिवृत्ति का एक प्रमुख लक्षण है।

 

बालों का पतला होना या बालों का गिरना

 

बालों को बढ़ने के लिए एस्ट्रोजन की आवश्यकता होती है।

 

रात को पसीना आना

 

रात को पसीना सामान्यतया गर्म झलकों के साथ आता है, पर यह आवश्यक नहीं है। मध्य रात्रि में आपको अचानक ठंड लग सकती है लेकिन साथ ही साथ तेज़ पसीना भी आ सकता है। आप चिपचिपा मसूस करते है। यह बहुत असहज है पर यह रजोनिवृत्ति का निश्चित लक्षण है।

 

योनि का सूखापन (शुष्क योनि)

 

प्राकृतिक स्नेहन जो योनि की दीवारों पर होता है और जो कामोत्तेजना के दौरान बढ़ जाता है, रजोनिवृत्ति के दौरान इसकी मात्रा कम हो सकती है। शरीर में हारमोंस का स्तर बदलता है और एस्ट्रोजन की मात्रा कम हो जाती है, इस कारण योनि शुष्क हो जाती है और बहुत असहज महसूस करते हैं।

 

मनोदशा परिवर्तन

 

मनोदशा परिवर्तन पीएम्एस भी होते हैं, पर ये रजोनिवृत्ति के साथ भी संबंधित हैं। आपको रोना आ सकता है, चिढ़चिढ़ी हो सकती है, अत्यधिक खुश या दुखी महसूस कर सकती हैं। आपकी मनोदशा कुछ भी हो, रजोनिवृत्ति के दौरान आपकी मनोदशा स्पेक्ट्रम के एक सिरे से दूसरे सिरे के बीच में अचानक बदल सकती है।

 

थकान

 

हालांकि थकान कई अन्य परिस्थितियों का भी लक्षण है, परंतु दिए गए उपरोक्त लक्षणों के साथ यदि थकान होती है तो य़ाःआज्ञ्णीईट्टी की ओर इशारा करता है। थकान को सामान्य थकान, अच्छी तरह नींद पूरी होने के बावजूद थकान, और रोज़मर्रा के कामों को करने में भी थकान महसूस होना, इस तरह परिभाषित किया जा सकता है।

 

सेक्स में रूचि ना लेना

 

कामेच्छा कम हो जाती है जब हार्मोन्स का स्तर शरीर में कम हो जाता है। जबरदस्ती के बिना एक साथी के साथ सेक्स का विचार कम हो सकता है।

 

स्तनों का कोमल होना

 

पीएम्एस के दौरान भी स्तन कोमल होते हैं, पर यह रजोनिवृत्ति से भी संबंधित है। आपके शरीर में हार्मोन्स के स्तर में बदलाव के कारण स्तनों पर ही इसका सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है। वे कोमल हो जाते हैं और उनमें दर्द होता है।

 

ह्रदय की धड़कन का तेज़ होना

 

यह आमतौर पर पेरिमेनोपॉज के दौरान होता है।

 

समय से पहले रजोनिवृत्ति का कारण

 

कुछ दुर्लभ मामलों में, 45 वर्ष की उम्र से पहले महिला में डिम्बग्रंथि विफलता के कारण अंडा का निशेचन बन्द हो जाता है। इसे समयपूर्व डिम्बग्रंथि विफलता कहा जाता है। हालांकि यह कम ही होता है। इनमें सभी महिलाओं में माहवारी बंद हो जाती है। लगभग 5 से 15 प्रतिशत महिलाओं में उनके आंतरायिक डिम्बग्रंथिकार्य के कारण अंडाशय तब भी में अंडे जारी कर सकते हैं, और वे गर्भ धारण करने में सक्षम हो सकती हैं।

 

रजोनिवृत्ति से जुडी महत्वपूर्ण बातें

 

रजोनिवृत्ति होने पर महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, कई बार ये समस्याएं बहुत कष्टदायक होती हैं। रजोनिवृत्ति होने पर महिला में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के परिवर्तन आने लगते हैं।

 

रजोनिवृत्ति होने पर सुस्ती आना, नींद न आना, शरीर में शिथिलता रहना शरीर के विभिन्न हिस्सों में दर्द रहना, मोटापा बढ़ना इत्यादि समस्याएं भी हो सकती हैं।

 

मासिक धर्म के बंद होने यानी रजोनिवृत्ति के लक्षण हर महिला में अलग-अलग होते हैं। किसी में अचानक मासिक धर्म आना बंद हो जाता है तो किसी में धीरे-धीरे या फिर एक-दो साल के भीतर।

 

मीनोपोज महिलाओं के वृद्घास्था की ओर जाने के लक्षण है। जैसे हर महिला को माहवारी के कालचक्र से गुजरना पड़ता है वैसे ही हर महिला को मीनोपोज होना भी प्राकृतिक है।

 

स्वस्थ रहने वाली महिलाओं को बिना किसी परेशानी के मीनोपोज हो जाता है यानी प्रतिमाह के रक्त स्राव में कमी होते जाना और एक दिन पूरी तरह से बंद हो जाना।

 

जो महिलाएं अस्वस्थ हो या फिर जिनकी माहवारी अनियमित हो, प्रसवकाल के समय उचित देखभाल न की गई हो, उन महिलाओं को माहवारी बंद होते समय कई परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है।

 

कई महिलाओं में देरी से मेनोपाज होने के पीछे गंभीर कारण हो सकते हैं जैसे- गर्भाशय में सूजन, गांठ होना, कैंसर होना या उसका खतरा होना आदि।

 

रजोनिवृत्ति के घरेलू उपचार

 

रजोनिवृति होने पर मुश्किलें न आए उसके लिए कई प्रकार के योगासन तथा योगक्रियाएं है, जिनको करने से यह ठीक हो जाता है। जैसे-प्राणायाम, योगमुद्रासन, ध्यान तथा योगनिद्रा आदि।

 

रजोनिवृति होने पर महिला को विटामिन ‘सी’, ‘डी’, ‘ई’ और कैल्शियम युक्त भोजन करना चाहिए, जिसमें फल, अंकुरित अन्न, सब्जियां, ड्राईफ्रूट अधिक मात्रा में हो।

 

रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज की समस्या में आपको ब्रोकोली, गोभी, इन सब्जियां को खाने चाहिए, जो स्वाभाविक रूप से एस्ट्रोजेन के स्तर को संतुलित करने में मदद करता है। ये वेजी फाइबर, विटामिन सी, विटामिन के और इलेक्ट्रोलाइट्स में भी अधिक हैं, जो रक्तचाप और हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं।

 

रजोनिवृति के दौरान फलों का रस अधिक मात्रा में लेना चाहिए। चुकन्दर और गाजर का रस भी बहुत अधिकलाभदायक होता है।

 

रजोनिवृति महिला को दूध में तिल मिलाकर प्रतिदिन पीने से बहुत अधिक लाभ मिलता है।

 

रजोनिवृति महिला को दूषित भोजन, मैदा, मिर्च-मसाले तथा चीनी से बनी चीजों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए।

 

एक गिलास गाय के दूध में एक चम्मच गाजर के बीज डालकर और उबालकर पीने से रजोनिवृति में फायदा होता है।

 

यदि रजोनिवृति महिला के पेट में कब्ज बन रही हो तो उसे अपने पेट पर मिट्टी की गीली पट्टी का लेप करना चाहिए और इसके बाद एनिमा क्रिया करके अपने पेट को साफ करना चाहिए।

 

सुबह के समय में महिलाओं को सैर के लिए जाना चाहिए तथा कई प्रकार के व्यायाम भी करने चाहिए जैसे तैरना आदि।

 

थैरेपी से भी कर सकते है रजोनिवृति का इलाज़

 

एचआरटी- हॉरमोन थैरेपी (एचटी) जिसे कि हॉरमोन पुनर्स्थापन थैरेपी (एचआरटी) या रजोनिवृत्ति उपरान्त हॉरमोन्स थैरेपी (पीएचटी) भी कहा जाता है, इसमें इस्ट्रोजन या इस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का मिश्रण उपयोग होता है।

 

इसके अलावा रजोनिवृत्ति के इलाज के अन्य विकल्पों तौर पर, मौखिक गर्भनिरोधक पिल्स तथा लगाने के लिए योनि की क्रीम (एन्टी डिप्रैसेंट – अवसाद से मुक्त करने वाली दवाएं भी दीये जा सकते हैं।

 

रजोनिवृति औरत के जीवन का वह समय है जब अण्डकोश की गतिविधियां समाप्त हो जाती है। ऐसे में रजोनिवृत्ति होने पर तनाव न लेते हुए प्रतिदिन व्यायाम करना और संतुलित भोजन लेना शुरू कर देना चाहिए। और किसी भी तरह की समस्या हो तो सबसे पहले डॉक्टर से मिलकर उनको बताये और उनकी सलाह जरूर ले |

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