भारत में पैंक्रियाटिक कैंसर की लागत कितनी है

पैंक्रियाटिक कैंसर, जिसे अग्नाशयी कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, भारत में तेजी से एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार, इस रोग के मामले हर साल बढ़ रहे हैं और इसका निदान और उपचार दोनों ही चुनौतीपूर्ण हैं। आज हम इस लेख में जानेंगे की भारत में पैंक्रियाटिक कैंसर की लागत कितनी हैं ?

 

पैंक्रियाटिक कैंसर क्या है?

 

अग्नाशय (पैंक्रियास) एक महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे शरीर में पाचन और रक्त शर्करा के नियंत्रण में मदद करता है। जब पैंक्रियाटिक में कैंसर कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो इसे पैंक्रिएटिक कैंसर कहा जाता है। यह कैंसर विशेष रूप से घातक है क्योंकि शुरुआती चरणों में इसका निदान कठिन होता है और यह तेजी से शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है।

 

पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण क्या- क्या होते है ?

 

पैंक्रियाटिक कैंसर, जिसे अग्नाशयी कैंसर के नाम से भी जाना जाता है, एक गंभीर बीमारी है जिसे पहचानना अक्सर मुश्किल होता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण अस्पष्ट और साधारण होते हैं। यहां कुछ आम लक्षण दिए गए हैं

 

 

  • पेट और पीठ में दर्द: पैंक्रियाटिक कैंसर के सबसे सामान्य लक्षणों में से एक पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द होता है, जो पीठ तक फैल सकता है। यह दर्द अक्सर भोजन के बाद और रात को अधिक महसूस होता है।

 

  • वजन कम होना: बिना किसी स्पष्ट कारण के वजन कम होना भी इस कैंसर का एक आम लक्षण है। यह भूख की कमी या पाचन समस्याओं के कारण हो सकता है।

 

  • भूख की कमी: पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण भूख कम हो जाती है और भोजन करने में कठिनाई हो सकती है।

 

  • पीलिया (जॉन्डिस): अगर कैंसर पित्त नली (बाइल डक्ट) को बाधित करता है, तो त्वचा और आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ सकता है। इसके साथ ही पेशाब का रंग गहरा और मल का रंग हल्का हो सकता है।

 

  • पाचन समस्याएं: पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण पाचन समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि अपच, गैस, और पेट फूलना।

 

  • थकान और कमजोरी: लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना भी इस कैंसर का एक सामान्य लक्षण है।

 

 

पैंक्रियाटिक कैंसर के कारण क्या- क्या होते है ?

 

पैंक्रियाटिक कैंसर एक जटिल बीमारी है, और इसके कारण पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। हालांकि, कुछ महत्वपूर्ण जोखिम कारक पहचाने गए हैं जो इस कैंसर के विकास में योगदान कर सकते हैं:

 

 

  • धूम्रपान: धूम्रपान पैंक्रियाटिक कैंसर का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। धूम्रपान करने वालों में इस कैंसर का जोखिम दोगुना होता है।

 

  • मोटापा: अधिक वजन और मोटापा भी इस कैंसर के विकास का एक प्रमुख कारण हो सकता है। उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले व्यक्तियों में पैंक्रियाटिक कैंसर का जोखिम अधिक होता है।

 

  • मधुमेह: टाइप 2 मधुमेह से ग्रस्त लोगों में पैंक्रियाटिक कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए सच है जो लंबे समय से मधुमेह के मरीज हैं।

 

  • पारिवारिक इतिहास: यदि परिवार में किसी को पैंक्रियाटिक कैंसर हुआ है, तो अन्य सदस्यों में इसके विकसित होने का जोखिम बढ़ जाता है। कुछ आनुवंशिक सिंड्रोम भी इस कैंसर से जुड़े हो सकते हैं।

 

  • पुरानी अग्नाशयशोथ (क्रोनिक पैनक्रिएटाइटिस): लंबे समय तक अग्नाशयशोथ का बना रहना पैंक्रियाटिक कैंसर का कारण बन सकता है।

 

  • अनहेल्दी डाइट: उच्च वसा और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन, और फल और सब्जियों की कमी भी इस कैंसर के विकास में योगदान कर सकते हैं।

 

  • अल्कोहल का अत्यधिक सेवन: अत्यधिक शराब का सेवन पुरानी अग्नाशयशोथ का कारण बन सकता है, जिससे पैंक्रियाटिक कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

 

 

पैंक्रियाटिक कैंसर का इलाज किस प्रकार हो सकता हैं ?

 

अग्नाशय के कैंसर का उपचार कैंसर के चरण पर निर्भर करता है। इसके दो लक्ष्य हैं कैंसर कोशिकाओं को मारना और बीमारी के प्रसार को रोकना। अग्नाशय कैंसर के उपचार के दौरान वजन में कमी, आंत्र रुकावट, पेट में दर्द और लिवर की विफलता सबसे आम जटिलताओं में से एक हैं।

 

सर्जरी (surgery): पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए डॉक्टर सर्जरी के लिए दो चीजों पर निर्भर होता है, पहला कैंसर का स्थान और कैंसर का चरण कौन सा है। सर्जरी अग्नाशय के सभी या कुछ हिस्सों को हटा सकती है। यह मूल ट्यूमर को खत्म कर सकता है, लेकिन यह कैंसर को दूर नहीं करेगा जो शरीर के अन्य भागों में फैल गया है। लेकिन सर्जरी अग्नाशय के कैंसर के गंभीर मामलों में सफल नहीं होती है।

 

रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy): पैंक्रियाटिक के बाहर कैंसर फैलने पर अन्य उपचार विकल्पों का पता लगाना चाहिए। रेडिएशन थेरेपी (Radiation therapy) का इस्तेमाल करके कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए एक्स-रे और अन्य उच्च-ऊर्जा का उपयोग किया जाता है।

 

कीमोथेरेपी (Chemotherapy): कुछ मामलों में, आपका डॉक्टर कीमोथेरेपी के साथ अन्य उपचारों का भी सहारा ले सकता है, जो कैंसर कोशिकाओं के भविष्य के विकास को रोकने में मदद करने का काम करती हैं, वह इसके लिए दवाओं का उपयोग भी कर सकता है।

 

टार्गेटेड थेरेपी (Targeted therapy): इस प्रकार के कैंसर का उपचार दवाओं या अन्य उपायों का उपयोग विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करने के लिए किया जाता हैं और इससे उन्हें नष्ट करने का काम करते हैं। इन दवाओं को स्वस्थ या सामान्य कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने के लिए नहीं बनाया गया है। आप पैंक्रियाटिक कैंसर के इलाज के लिए हमारे डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं और इस गंभीर बीमारी से छुटकारा पा सकते हैं।

 

 

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