किडनी हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। जो खराब लाइफ स्टाइल या किसी दवा के दुष्प्रभाव की वजह से कई बार किडनी में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। ऐसी स्थिति में बहुत संभल कर रहने की जरूरत होती है और साथ ही खान-पान पर भी बहुत ध्यान देने की आवश्यकता होती है। क्रोनिक किडनी डिजीज के कुछ प्रमुख लक्षण है, जैसे की – पेट में दर्द की समस्या होना, बुखार आना, पेशाब में खून आने की समस्या, पूरे शरीर में सूजन होना आदि शामिल है।
क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों को अपने सेहत के साथ-साथ डाइट का भी ख़ास ख्याल रखना चाहिए। यह बीमारी बहुत ही गंभीर है। तो आइये जानते है कैसे रखें इस बीमारी में अपने डाइट का ख्याल।
क्रोनिक किडनी डिजीज में कैसे रखें डाइट का ख्याल
कार्बोहाइड्रेटस
क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों को अनाज एवं दालों के साथ (यदि डायाबिटीज नहीं हो, तो) चीनी और ग्लूकोज की अधिक मात्रा वाले आहार का सेवन करना चाहिए।
प्रोटीन
प्रोटीन की मात्रा दूध, दालों, अनाज, अण्डे में ज्यादा पाया जाता है। जब किसी मरीज को डायलिसिस कराने की जरूरत नहीं होती है, तो उस अवस्था में किडनी फेल्योर के मरीजों को थोड़ा कम प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। जबकि नियमित हीमोडायलिसिस एवं सी.ए.पी.डी. (C.A.P.D) कराने वाले मरीजों को अधिक प्रोटीन वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
वसा
क्रोनिक किडनी डिजीज होने की स्थिति में वसा यानी की घी, मक्खन आदि का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए।
नमक
अधिकांश मरीजों को क्रोनिक किडनी डिजीज की समस्या होने पर नमक कम लेने की सलाह दी जाती है। कुछ लोग नमक के बदले सेंधा नमक खाने लगते हैं, यह भी सही नहीं है। ऐसा करने से आगे बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
अनाज
क्रोनिक किडनी डिजीज से ग्रषित रोगियों को अनाज में चावल या उससे बने पोहा जैसे भोजन का सेवन करना चाहिए। हर रोज एक ही अनाज लेने की जगह गेहूं, चावल, पोहा, साबूदाना, सूजी, मैदा, ताजा मक्का, कार्नफ्लेक्स इत्यादि चीजें ली जा सकती हैं। मकई तथा बाजरे का सेवन कम करना चाहिए।
दालें
इस बीमारी के होने पर दाल और चावल के स्थान पर उनसे बनी खिचडी, डोसा वगैरह भी खाये जा सकते हैं।
साग-सब्जी
कम पोटेशियम वाली साग-सब्जी बिना किसी परेशानी के उपयोग की जा सकती है।
फल
जिस फल में कम पोटेशियम हो, जैसे की – सेब, पपीता, अमरुद, बेर आदि दिन में केवल एक बार ही लेने चाहिए। क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीजों को नारियल का पानी या फलों का रस नहीं पीना चाहिए।
दूध और दुग्ध उत्पाद
हर रोज 300 से 350 मिली लीटर दूध या दूध से बनी अन्य चीजें जैसे खीर, आइसक्रीम, दही, मट्ठा इत्यादि ले सकते हैं। साथ ही पानी कम लेने के निर्देश को ध्यान में रखते हुए मट्ठा कम मात्रा में लेना चाहिए।
ड्राईफ्रूट्स
ड्राईफ्रूट्स और नट्स में मूंगफली, तिल, हरा या सूखा नारियल का सेवन नहीं करना चाहिए।
यदि आपको क्रोनिक किडनी डिजीज है, तो अपने पोटेशियम, फास्फोरस और सोडियम का सेवन कम करना रोग के प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण पहलू हो सकता है।
किडनी को होने वाले किसी भी नुकसान को रोकने के लिए, डॉक्टर की सलाह लें। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए किडनी रोग के डॉक्टर – नेफ्रोलॉजिस्ट या फिजिशियन ही करते हैं और उनके द्वारा बताये गए दवाओं का ही सेवन करे। क्रोनिक किडनी डिजीज में खान-पान का ध्यान रखने से किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है।
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