क्रोनिक किडनी रोग (CKD) क्या है?

 

क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD), जिसे क्रोनिक किडनी की विफलता भी कहा जाता है। वास्तव में क्रोनिक किडनी रोग (CKD) किडनी के फेल होने का मेडिकल नाम है। हमारा शरीर एक अनोखे मशीन की तरह काम करता है। वैसे ही किडनी का काम होता है शरीर से विषाक्त पदार्थो को मूत्र के जरिये बाहर निकालना और शरीर के रक्त को भी साफ़ करना।

 

 

भारत में CKD के पीड़ित की संख्या तेज़ी से बढ़ती जा रही है, यहां हर साल 2 लाख लोग इस रोग की चपेट में आते हैं। CKD रोग की पहचान समय पर हो जाने पर किडनी को बचाया जा सकता है।

 

 

क्रोनिक किडनी रोग (CKD) क्या है?

 

 

क्रोनिक किडनी रोग (CKD) एक प्रकार का किडनी रोग है, जिसमें महीनों से वर्षों तक किडनी की कार्यक्षमता में कमी होती है। इस बीमारी को “क्रोनिक” भी कहा जाता है। सीकेडी अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण भी बन सकता है। किडनी भी हार्मोन बनाते हैं, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता हैं, लाल रक्त कोशिकाओं को बनाता हैं, और आपकी हड्डियों को भी मजबूत रखता हैं।

 

 

क्या हैं CKD के लक्षण?

 

 

मूत्र मार्ग में संक्रमण और गर्भावस्था की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण महिलाओं में किडनी रोग की आशंका बढ़ जाती है।

 

CKD रोग के शुरूआती लक्षणों में शामिल है –

 

  • लगातार उल्टी आना

 

  • भूख नहीं लगना

 

  • थकान और कमज़ोरी महसूस होना

 

  • पेशाब की मात्रा कम होना

 

  • खुज़ली की समस्या होना

 

 

क्रोनिक किडनी डिजीज के मुख्य कारण

 

 

क्रोनिक किडनी डिजीज को क्रोनिक रेनल विफलता भी कहा जाता है। इस रोग को नजरअंदाज करना कई बार खतरनाक हो जाता है। इसलिए इस रोग के शुरूआती लक्षणों को पहचान कर पहले ही इसका इलाज करा लेना चाहिए और इसके लिए आपको इसके लक्षणों और कारणों के बारे में पता होना चाहिए। चलिए हम आपको किडनी रोग के मुख्य कारणों के बारे में बताते हैं।

 

 

  • अधिक मात्रा में नमक का सेवन करना

 

 

  • हाइपरटेंशन

 

  • संकुचित गुर्दे धमनी

 

  • जन्मजात दोष

 

  • ड्रग्स और विषाक्त पदार्थ

 

  • सिगरेट

 

  • शराब

 

 

किडनी फेल होना (CKD) वास्तव में दुनिया भर में महिलाओं की मौत का आठवां बड़ा कारण है। यदि समय रहते इसके बारे में पता न चले तो खून को साफ करने के लिए डायलिसिस की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है या किडनी बदलवानी पड़ती है, जो एक लंबी और कष्टकारी प्रक्रिया है। किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा हर जगह उपलब्ध भी नहीं है।

 

किडनी के रोगों में क्रोनिक किडनी डिजीज बहुत ही गंभीर बीमारी है, क्योंकि अब तक इस रोग को खत्म करने की कोई दवा उपलब्ध नहीं है। आमतौर पर जिन लोगो को डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, पथरी इत्यादि ये सारी बीमारियां है, उनमे किडनी खराब होने की संभावना अधिक होती है। 

 

 

क्रोनिक किडनी डिजीज के मुख्य लक्षण 

 

 

क्रोनिक किडनी डिजीज के कुछ लक्षण है, जैसे की – पेट दर्द की समस्या होना, बुखार आना, पेशाब में खून आने की समस्या, पूरे शरीर में सूजन होना आदि शामिल है।

 

 

हर इंसान के शरीर में दो किडनी होती है। अगर किसी भी वजह से एक किडनी काम करना बंद कर दे तो दूसरी किडनी पर इंसान जीवित रह सकता है। लेकिन एक किडनी के सहारे रहना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसलिए समय रहते ही बीमारी का पता लगाकर इसका इलाज कर लेना चाहिए। ऊपर कुछ लक्षण बताये गए है, अगर उनमे से कोई भी लक्षण नजर आये तो तुरंत ही डॉक्टर से जांच कराएं।

 

 

किडनी को होने वाले किसी भी नुकसान को रोकने के लिए, डॉक्टर की सलाह लें। उच्च रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए किडनी रोग के डॉक्टर – नेफ्रोलॉजिस्ट या फिजिशियन ही करते हैं और उनके द्वारा बताये गए दवाओं का ही सेवन करे। क्रोनिक किडनी डिजीज में खान-पान का ध्यान रखने से किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है।

 

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