बच्चों में सिरदर्द के कारण, लक्षण और इससे बचने के उपाए

सभी माता पिता को अपने बच्चे बहुत ही प्यारे होते है। यदि उनके बच्चे का स्वास्थ्य खराब होता है, तो उनके माता-पिता काफी परेशान हो जाता है। आज के समय में बच्चो के ऊपर इतना प्रेशर होता है की उसकी वजह से बच्चों में सिरदर्द जैसी समस्या होने लगती है। इसकी वजह से उनका किसी काम में मन नहीं लगता है। बच्चों में सिरदर्द के कारण उनका स्वास्थ्य भी ख़राब होने लगता है।

 

आज के समय में कई माता-पिता तो ऐसे है जो अपने बच्चे के लिए समय तक नहीं निकाल पाते है। यही वजह है की उन्हें काफी अकेला पन महसूस होने लगता है। बच्चों में सिरदर्द के कई कारण होते है, आप किसी एक कारण को इसका दोषी नहीं ठहरा सकते है।

 

 

 

बच्चो में सिरदर्द के कारण  (Causes of Headache in Children in Hindi)

 

 

 

  • तनाव होना : कुछ बच्चे पढ़ते समय छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेते है, बच्चों में तनाव का कारण घर का माहौल भी होता है।

 

 

  • बहुत ज्यादा पढ़ाई का दबाव : बच्चों में सिरदर्द का एक कारण ये भी हो सकता है, जब वह किसी काम को नहीं कर पाते है, तो उनके  ऊपर दबाव पड़ने लगता है।

 

 

  • एग्जाम का दबाव : यह एक ऐसा समय होता है, जो हर बच्चे की दिमाग पर एक मेंटल प्रेशर बनाता है, एग्जाम की वजह से बच्चों में सर दर्द भी होने लगता है।

 

 

  • खाली पेट रहना : जब बच्चे काफी समय तक कुछ खाते नहीं है, तो इसकी वजह से भी उनके साथ ऐसा होता है।

 

 

  • तेज धूप में खेलना : जब स्कूल में बच्चे तेज धुप में कई घंटो तक खेलते है, तो इस कारण भी उनके साथ ऐसा होता है।

 

 

  • चोट लगना : अब बच्चे तो शरारती होते ही है जिसकी वजह से उनके सिर में भी चोट लग जाती है और जब सिर में किसी वजह से चोट लग जाती है तब भी उन्हें ऐसा होता है।

 

 

  • इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स का इस्तेमाल : आज कल के बच्चे बहुत ज्यादा ही इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का इस्तेमाल करते है, जो उनकी सेहत के लिए भी बहुत खरतनाक होता है और कई बच्चों में सिरदर्द का कारण भी बनता है।

 

 

 

 

बच्चो में सिरदर्द के लक्षण (Symptoms of Headache in Children in Hindi)

 

 

 

  • उल्टी या मतली,

 

 

 

 

  • चिड़चिड़ापन या अचानक स्वभाव में बदलाव,

 

 

  • चक्कर आना,

 

 

 

 

  • गर्दन में दर्द होना,

 

 

  • आधे सिर में दर्द होना,

 

 

  • कमजोरी महसूस होना।

 

 

बच्चों में सिरदर्द से बचाव के तरीक

 

 

 

अक्सर माता-पिता अपने बच्चों में होने वाली इस समस्या को गंभीरता से नहीं लेते हैं। उन्हें ऐसा लगता है ये मामूली बात है। कई बार बच्चे भी इसे नज़रअंदाज़ करते है लेकिन बाद में जा कर यह दर्द माइग्रेन जैसी गंभीर बीमारी में बदल सकता है।

 

 

 

नींद पूरी करें 

 

जब बच्चों में सिरदर्द जैसी समस्या अक्सर होती है, तो उन्हें इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई बार नींद पूरी न होने की वजह से भी सिरदर्द होने लगता है। तब बच्चों को पर्याप्त नींद लेनी चाहिए।

 

 

 

पौष्टिक भोजन की कमी 

 

 

बच्चों में ऐसा तब भी होता है जब वह पौष्टिक भोजन नहीं खाते है। इसकी वजह से उनके शरीर में विटामिन और मिनरल्स की कमी होने लगती है, जो उनमें सिरदर्द का कारण बनती है।

 

 

 

तेल मालिश करें :

 

 

जब आपके बच्चे का सिरदर्द होता है तो आप उसके सिर में तेल मालिश करें, ऐसा करने से सभी बंद रोम क्षिद्र खुलने लगतें है और सिरदर्द में आराम मिल जाता है। आप सिरदर्द में मालिश के लिए जैतून, नारियल या सरसो के तेल की मालिश करें, इससे आपके बच्चे को तुरंत आराम मिल जाएगा।

 

 

 

मैडिटेशन करें 

 

 

सिरदर्द को जड़ से खत्म करने के लिए बच्चों को मैडिटेशन करना चाहिए, इससे उनके सिर में होने वाला दर्द हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा और बच्चों में एकाग्रता भी बढ़ने लगेगी।

 

 

 

तनाव से रहे दूर 

 

 

बच्चों में सिरदर्द तनाव की वजह से भी होता है, इसलिए उन्हें तनाव बिल्कुल नहीं लेना चाहिए। जब उनसे कोई काम नहीं होता है तो उसके लिए उन्हें अपने माता या पिता की मदद लेनी चाहिए। बल्कि इसका ध्यान खुद माता-पिता को ही रखना चाहिए की उनके बच्चे को कोई समस्या हो रही है, तो उन्हें खुद उनसे बात करनी चाहिए और उनकी समस्या का समाधान करना चाहिए।

 

 

 

इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स का इस्तेमाल कम करें  

 

 

आज का ये दौर ही ऐसा है जहां अगर आपका बच्चा समय के साथ नहीं चलेगा, तो वह बहुत पीछे रह जाएगा। लेकिन किसी भी चीज का बहुत ज्यादा इस्तेमाल उनकी सेहत पर बुरा असर डालता है। इसलिए जरुरत के हिसाब से ही टीवी, मोबाइल या अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स गैजेट्स का इस्तेमाल करें।

 

 

 

आपको बता दें की जिन बच्चों को सिरदर्द की समस्या होती है, वे अक्सर चिड़चिड़े और हिंसक भी होते हैं। यहां तक कि माता-पिता डॉक्टर के पास जाने के बजाय इसे नज़रअंदाज़ करते है, जबकि ऐसा उन्हें बिल्कुल नहीं करना चाहिए। उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। बच्चों में सिरदर्द एक गंभीर बीमारी के लक्षण हो सकते है और इसकी अनदेखी करना एक घातक परिणाम हो सकते हैं।


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