कैल्शियम की कमी को दूर कैसे करे

जैसा की हम सब जानते हैं कि कैल्शियम से ही हमारी हड्डियां बनती है, हमारी हड्डियों का 90 प्रतिशत भाग कैल्शियम से ही बना होता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कैल्शियम की जरूरत सिर्फ हड्डियों में ही होती है। यदि कैल्शियम न हो तो मसल्स में कोई मूवमेंट नहीं हो सकता हैं। कैल्शियम दांत, स्किन, बाल सहित कई कामों के लिए जरूरी है तथा हार्ट की मांसपेशियों के लिए भी कैल्शियम की महत्वपूर्ण भूमिका हैं।

 

कैल्शियम दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों के बीच स्वस्थ्य संपर्क के लिए भी जरूरी है| कैल्शियम की कमी हो जाए तो कई बीमारियां एक साथ होने लगती है, जैसे बहुत अधिक थकान होती है। सबसे बड़ी बात यह हैं की हड्डियां और मांसपेशियों में संकुचन नहीं होने से शरीर पूरी तरह ढीलापन होने लगता है इससे पूरा शरीर प्रभावित होता हैं। मनुष्य के शरीर को हर रोज एक निश्चित मात्रा में कैल्शियम की जरूरत होती है। इससे कम और ज्यादा दोनों नुकसानदेह है, तो आइए जानते हैं कि हमको कैल्शियम की कमी से क्या-क्या होता है ?

 

कैल्शियम की कमी, जिसे हाइपोकैल्सीमिया भी कहा जाता है,यह तब होती है जब शरीर में कैल्शियम की अपर्याप्त मात्रा होती है। कैल्शियम एक महत्वपूर्ण खनिज है जो की हड्डी और दांतों के निर्माण, रक्त के थक्के जमने, मांसपेशियों के कार्य और तंत्रिका संचरण सहित विभिन्न शारीरिक कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अपर्याप्त कैल्शियम सेवन या कैल्शियम अवशोषण में समस्या के कारण कमी हो सकती है।

 

 

 

कैल्शियम की कमी से होने वाले रोग क्या होते हैं ?

 

 

जब मनुष्य के शरीर में पर्याप्त कैल्शियम नहीं होता तो कैल्शियम की कमी नामक एक बीमारी हो जाती हैं यह तब होती हैं जब आहार में पर्याप्त कैल्शियम की मात्रा नहीं होता हैं जिससे की मनुष्य को अनेक तरह के रोग हो जाते हैं जैसे की –

 

 

सूखा रोग में हड्डियां इतनी नाजुक और लचकदार हो जाती हैं की वह मुड़ने लगती हैं और सिर की हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं इन सब परेशानियों का कारण कैल्शियम की कमी होती हैं।

 

अगर किसी व्यक्ति के शरीर में लम्बे समय तक कैल्शियम की कमी हो जाती हैं तो स्किन ड्राई और नाखून भी ड्राई हो सकते हैं तथा कैल्शियम की कमी बालों को भी कमजोर करती हैं और त्वचा में सूजन और खुजली जैसी परेशानी होने लगती हैं और इन सब का कारण कैल्शियम की कमी होती हैं।

 

कैल्शियम की कमी से दांतों में दर्द की समस्या हो सकती हैं क्योकि शरीर में सबसे ज्यादा कैल्शियम दांतो और हड्डियों में जमा होता हैं इसलिए यदि कैल्शियम की कमी होती हैं तो दांतों को भी नुकसान पहुँचता हैं।

 

 

शरीर में कैल्शियम की कमी का होना अत्यधिक थकान का कारण बन सकता हैं जिससे की वह सुस्त व कमजोर महसूस करवा सकता हैं कैल्शियम की कमी के कारण कमजोरी से चक्कर भी आने लगते हैं और ब्रेन फोंग जैसी समस्या भो हो सकती हैं।

 

 

जब शरीर में कैल्शियम का स्तर कम होता है, तो हमारा शरीर हड्डियों से कैल्शियम को हटाना शुरू कर देता है, जिससे हड्डियां भुरभुरी हो जाती हैं और उनमें फ्रैक्चर का जोखिम बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी से ऑस्टियोपीनिया की समस्या हो सकती है, साथ ही हड्डियों में मिनरल डेंसिटी कम सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस हो सकता है, इस स्थिति में आपकी हड्डियां पतली होने लगती हैं और उनमें फ्रैक्चर होने का खतरा होता है।

 

कैल्शियम की कमी के चलते आपको मांसपेशियों में ऐठंन का सामना करना पड़ सकता है। अगर आप शरीर में पर्याप्त हीमोग्लोबिन और पानी की मात्रा होने के बाद भी मांसपेशियों में ऐंठन या खिंचाव का अनुभव कर रहे हैं तो यह कैल्शियम की कमी का संकेत हो सकता है।

 

 

 

कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या नज़र आते हैं ?

 

 

कैल्शियम शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण मिनरल होता है जो हड्डियों, दांतों और न्यूरो-मस्कुलर फण्क्शन के लिए आवश्यक होता है। कैल्शियम की कमी के कुछ लक्षण निम्नलिखित हैं-

 

 

  • कैल्शियम आपकी हड्डियों के लिए आवश्यक होता है जो उन्हें मजबूत और स्वस्थ रखता है। कम कैल्शियम वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से, हड्डियों की कमजोरी होती है जिससे आपकी हड्डियां भंगुर हो सकती हैं और घायल होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

  • कैल्शियम एक महत्वपूर्ण रोल न्यूरो-मस्कुलर फंक्शन के लिए भी निभाता है, जो मांसपेशियों को संचालित करता है। कम कैल्शियम से आप मांसपेशियों में दर्द और दुख से पीड़ित हो सकते हैं।

 

  • कैल्शियम दांतों के लिए भी आवश्यक होता है जो उन्हें स्वस्थ और मजबूत बनाता है। कम कैल्शियम से, आपके दांतों में संक्रमण और दर्द की संभावना बढ़ जाती है।

 

 

 

 

कैल्शियम की कमी को दूर करने के घरेलु उपाय |

 

 

कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए व्यक्तियों को पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए जैसे की –

 

 

अंजीर(fig): ड्राई फ्रूट्स की श्रेणी में अंजीर का बहुत बड़ा स्थान हैं कैल्शियम के अलावा इसमें विटामिन और पोटैशियम भी भरपूर पाया जाता हैं। कैल्शियम के लेवल को बढ़ाने के लिए अंजीर बहुत मह्त्वपूर्ण होता हैं इसलिए इसका सेवन जीवनशैली में अधिक से अधिक करना चाहिए।

 

दूध (Milk): शरीर को प्रतिदिन जितने कैल्शियम की जरुरत होती हैं उसका एक तिहाई भाग दूध में पर्याप्त मिलता हैं दूध कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाने के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं इसलिए दूध का सेवन निरंतर करे।

 

मछली (Fish): मछली हमारे शरीर के लिए विभिन्न पोषक तत्व हासिल करने का बड़ा ही बेहतरीन स्त्रोत होता हैं तथा मछली में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता हैं, इसलिए मछली का सेवन अधिक करना चाहिए।

 

ब्रोकली (Brockley): हरी पत्तेदार सब्ज़ियों की श्रेणी में ब्रोकली भी कैल्शियम का एक बेहतरीन स़्त्रोत मानी जाती है। मुख्य रूप से पालक के बारे मेें कहा जाता है कि उसमें भी कैल्शियम की मात्रा होती है लेकिन हमारा शरीर उसे पचा नहीं पाता है। इसके अलावा भी कुछ ऐसी हरी सब्ज़ियां हैं जो शरीर के लिए फायदेमंद होती हैं।

 

बादाम (Almond): बादाम को कैल्शियम का बेहद बड़ा ही उत्कृष्ट स्त्रोत माना जाता है। वैसे तो ये हमारे शरीर के लिए बेहद लाभदायक है, लेकिन अगर बात की जाए छिलकेदार मेवों और बादाम में कैल्शियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है।

 

योगर्ट (Yogurt): इससे भी कैल्शियम का बढ़िया स्त्रोत माना जाता है। सादा योगर्ट के अंदर अच्छी मात्रा में कैल्शियम की उपस्थिति होती है। योगर्ट भी दूध से तैयार होता है जिसका रंग सफेद होता है और ये स्वाद में खट्टा होता है। कुछ लोग इसे दही समझते हैं लेकिन ये दही से अलग होता हैं।

 

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