जानिए मिसकैरेज के कारण, लक्षण और बचाव

मिसकैरेज यानी की गर्भपात (Miscarriage) ये हर महिला के लिए बहुत ही दुखदायी होता है। ये एक ऐसी स्थिति होती है, जो शारीरिक कष्ट के साथ भावनात्मक चोट भी पहुंचाता है। इसलिए हर महिला को गर्भवती होने के बाद अपना ख्याल रखना चाहिए और उन्हें मिसकैरेज के कारण, लक्षण, बचाव और इससे जुड़ी सभी जानकारी होनी चाहिए, ताकि आगे चलकर उन्हें मिसकैरेज या किसी तरह की समस्या न हो।

 

 

आमतौर पर मिसकैरेज की समस्या गर्भावस्था के 20 वें सप्ताह में होती है। किसी भी महिला के लिए पहले तीन महीनों में मिसकैरेज होना बहुत ही आम बात होती है। जब कोई महिला पहली बार गर्भवती होती है, तो उसे पहले के 20 दिनों में यह पता ही नहीं होता की वह गर्भवती है और वह ध्यान नहीं देती, जिस वजह से मिसकैरेज हो जाता है।

 

 

मिसकैरेज के कारण क्या हो सकते हैं ?

 

 

  • जिन महिलाओं की उम्र 20 वर्ष से 40 वर्ष तक की होती है, उन महिला में मिसकैरेज होने की संभावना 20 गुना अधिक बढ़ जाती है।

 

  • अगर किसी महिला का पहले भी मिसकैरेज हो चूका है, तो अगली बार गर्भवती  होने पर मिसकैरेज होने की संभावना बढ़ जाती है।

 

  • जिन महिलाओं में मधुमेह, हाइपोथायरायडिज्म या किसी अन्य रोग की समस्या होती है, उनमे भी मिसकैरेज होने की संभावना अधिक होती हैं।

 

  • सिस्टमिक एरिथ्रोमैटस लुपस, गर्भाशय फाइब्रॉएड या एंडोमेट्रोसिस,पॉलीसिस्टिक डिम्बग्रंथि सिंड्रोम (पीसीओएस), पोस्ट-आघात संबंधी तनाव विकार, रूबेला और हर्पस इत्यादि जैसे रोग मिसकैरेज के जोखिम को बढ़ाते हैं।

 

  • शरीर में हार्मोन की कमी से भी मिसकैरेज हो सकता है। अल्कोहल, कैफीन और सिगरेट की अत्यधिक खपत जोखिम को बढ़ाती है।

 

  • बच्चेदानी में खराबी प्रेग्नेंसी के तीन महीने का सबसे बड़ा कारण है। मिसकैरेज के 30 से 35 प्रतिशत मामले इसी वजह से होते हैं।

 

  • आमतौर पर मिसकैरेज की वजह – जेनेटिक कारण, प्लासेंटा की स्थिति, वजाइना में लगातार इन्फेक्शन, डायबिटीज की वजह से होने वाला इन्फेक्शन, गलत मेडिसिन खाना आदि होती है। जो पहले ट्राइमेस्टर में मिसकैरेज होती है, उनमे  90 फीसदी मिसकैरेज जिनेटिक कारणों से होते हैं। और गर्भवती होने पर ज्यादा उछल, कूद डांस भी मिसकैरेज की वजह बन सकता है।

 

 

मिसकैरेज के लक्षण किस प्रकार नज़र आते हैं ?

 

 

  • मिस्कैरेज के कई लक्षण होते हैं। यह जरूरी नहीं है कि एक ही लक्षण हर महिला में दिखाई दे।

 

  • वजाइनल डिस्चार्ज मिसकैरेज के लक्षणों में से एक है। यह भूरे रंग का स्पॉटिंग या गहरे लाल रंग की ब्लीडिंग भी हो सकती है, जो कई दिनों तक होती रहती है। लेकिन कई बार गर्भवती महिला को गर्भावस्था की पहली तिमाही में हल्की वजाइनल ब्लीडिंग होना आम बात है। अगर आपको लक्षण दिखे तो आप अपने डॉक्टर से सपंर्क कर सकती हैं।

 

  • जब कोई महिला गर्भावस्था में होती है, तो उसके पेट के निचले हिस्से में दर्द रहता है, जिस वजह से महिला के शरीर से भ्रूण निस्काषित होने वाला है। कुछ मामलों में ऐंठन और दर्द के कारण सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। यह भी मिस्कैरेज का एक कारण है।

 

  • अगर आप गर्भावस्था के शुरुआती चरण मे हैं तो यह जानना बहुत जरूरी है आपके लिए। इस दौरान एक संकुचन सा महसूस होता है। अगर यह संकुचन तेज या बर्दाशत के बाहर हो तो यह मिस्कैरेज का लक्षण हो सकता है। यह संकुचन लगभग पांच से बीस मिनट के दौरान होती है। अकसर ऐसा संकुचन प्रसव के दौरान होता है लेकिन अगर पहली तिमाही में आपको ऐसा महसूस हो रहा है तो इसे नजरअंदाज ना करें। और अपने डॉक्टर से जल्द ही मिले।

 

  • अगर गर्भावस्था के दौरान आपका वजन अचानक से घटने लगे तो आपको सचेत हो जाना चाहिए। यह मिस्कैरेज का लक्षण हो सकता है।

 

  • गर्भावस्था के दौरान पेट की ऐंठन, ब्लडिंग के साथ हो तो समझ लीजिए यह मिस्कैरेज का लक्षण हो सकते है। ऐसे में तुरंत ही अपने डॉक्टर से संपर्क कर लेना चाहिए।

 

 

मिसकैरेज से बचाव के तरीके

 

 

  • अगर गर्भवती महिला धूम्रपान करती हैं तो इससे मिस्कैरेज का खतरा हो सकता है। इसलिए कोई भी नशीले पदार्थ या धूम्रपान करने से बचे।

 

  • यदि आपका पहले भी मिस्कैरेज हुआ है तो आप डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही चलें।

 

  • हर गर्भवती महिला को गर्भावस्था के शुरुआती के कुछ महीनों में ज्यादा से ज्यादा आराम करना चाहिए और उन्हें गर्भावस्था के दौरान संबंध बनाने से भी बचना चाहिए।

 

  • कभी-कभी कमजोर सर्विक्स मिस्कैरेज का कारण बन सकती है। जैसे-जैसे बच्चा बढ़ता है, कमजोर सर्विक्स खुल सकती है और गर्भपात का कारण बन सकती है। कमजोर सर्विक्स जन्मजात हो सकता है या पिछली गर्भावस्था के दौरान सर्विक्स के चीरे या चोट के कारण हो सकती है। बच्चे के पैदा होने तक तैयार होने के लिए डॉक्टर ग्रीवा के चारों ओर विशेष टांके लगाकर इसको बंद रख सकती हैं।

 

  • मिस्कैरेज होने के बाद पेशाब द्वारा संक्रमण का खतरा बना रहता है। चूंकि इस वक्त गर्भाशय ग्रीवा पूरी तरह बंद नहीं रहता इसलिए इंटरकोर्स से बचना चाहिए।

 

 

जब भी कोई महिला गर्भवती होती है तो पहले दिन से ही अपने आने वाले बच्चे के लिए सपने बुनने लगती है। लेकिन जब पता चलता है कि उनका किसी वजह से मिसकैरेज हो गया है, तो लगता है मानो दुनिया ही खत्म हो गई है। वैसे आमतौर पर देखा गया है कि महिलाओं की बच्चेदानी में दोष होने के कारण भ्रूण पूरी तरह से विकास नहीं कर पाता है, जिसके कारण मिसकैरेज होता है। इसलिए अगर आपको ऊपर बताये गए लक्षण दिखे तो आप अपने डॉक्टर से सपंर्क कर सकती हैं।

 

 

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