किसी भी दपंति (Couples) के लिए बच्चे के आगमन की योजना बनाना महत्वपूर्ण कदम हैं, क्युकी भारत में आज हर छह में से एक दंपति प्रजनन (Reproduction) संबंधी समस्या का सामना कर रहा है, ऐसे में कई दपंतियो के लिए बच्चे को दुनिया में लाने की यह प्रक्रिया कठिनाई भरी और तनावपूर्ण (Stress Full) हो जाती है।
हालांकि प्रजनन क्षमता से जुडी कुछ समस्याओ के मामले में निवारण संभव नहीं है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण कदम ऐसे हैं, जिन्हें उठाकर नई जिंदगी की शुरुआत की जा सकती है।
स्वास्थ्यपरक आहार का सेवन करें-
कई दंपति ध्यान नहीं देते, जबकि भोजन और प्रजनन दोनों एक-दूसरे से गहराई से जुड़े हुए हैं, इसके लिए संतुलित और पोषक आहार (Healthy Foods) का सेवन करें, जिसमें विटामिन (Vitamins) और आयरन (Iron) से भरपूर सब्जियां जैसे पालक, ब्रोकली तथा साबुत अनाज, जैसे साबुत गेहूं, ब्राउन राइस तथा बाजरा और पनीर, अंडा, मछली, सोयाबीन जैसे प्रोटीन वाले पदार्थ शामिल हों, प्रोसेस्ड फूड, मैदा और शक्कर से दूरी बनाकर रखें।
फिट और एक्टिव रहे-
इसका मतलब यह नहीं हैं की आप अपना अधिकांश समय जिम (Gym) में बिताये। लेकिन अपनी दिनचर्या में एक सामान्य एक्सरसाइज (Normal Exercise) या फिजिकल एक्टिविटी (Physically Activity) को शामिल करें। इससे हार्मोन (Harmons) संतुलन और रक्त संचार को बनाए रखने एवं गर्भधारण (Pregnancies) के अवसरों को बढ़ाने में मदद मिलती है। आपके लिए ब्रिस्क वॉक, लाइट जॉगिंग, साइकिलिंग और स्वीमिंग जैसी एक्टिविटीज बेहतर साबित होगी।
फर्टिलिटी मॉनिटर का उपयोग करें-
महिलाओ (Womens) के लिए प्रतियेक प्राकृतिक चक्र के दौरान केवल कुछ ही दिन ऐसे होते हैं, जब प्रेगनेंसी की सम्भावना होती हैं, प्रत्येक दंपति के लिए यह आवश्यक हैं, कि वे स्वयं को अपने गर्भधारण के सबसे अधिक संभावना वाले दिनों को लेकर सजग करें, क्युकी प्रत्येक महिला का चक्र अलग होता हैं, जोकि उनमे होर्मोनेस का स्तर के हिसाब से नियंत्रित होता हैं। इसलिए फर्टिलिटी मॉनिटर (Fertility Monitor) का प्रयोग करने से बहुत बड़ी मदद मिल सकती है।
ये मॉनिटर आपकी साइकिल के कम से कम 6 सबसे अधिक प्रेगनेंसी की सम्भावना वाले दिनों की पहचान कर सकते हैं, इनिटो, डेजी जैसे ब्रांड्स के फर्टिलिटी मॉनिटर आजकल बहुत लोकप्रिय हैं।
तनाव न ले-
स्ट्रेस और एंग्जायटी दोनों ही फर्टिलिटी होर्मोनेस की रिलीज़ को घटाते हैं, और ओवेल्यूशन की प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं। तो तनाव महसूस होने पर मैडिटेशन या योग की द्वारा खुद को नियंत्रित करने का प्रयास अवस्य करे। अपनी भावनाओ को अपने जीवनसाथी, दोस्तों या परिवारों संग साझा करे, इससे मन हल्का होता है।
कैफीन और अल्कोहल के सेवन से बचें-
कैफीन के सेवन को घटना और अल्कोहल (alcohol) से दूरी बनाना भी प्रेगनेंसी (pregnancy) के अवसरों को बढ़ा सकता है। हालांकि थोड़ी मात्रा में चाय या काफी का सेवन सुरक्षित हैं, लेकिन इसकी अधिक मात्रा लेने से बचना चाहिए। सरी तरफ अल्कोहल हर तरह से बुरा असर डाल सकता है और इसकी वजह से अनियमित मासिक तथा ओवेल्यूशन में कमी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
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