जानिए फाइब्रॉएड के खतरनाक आकार के बारे में

फाइब्रॉएड, जिसे यूटराइन फाइब्रॉएड या मायोमा भी कहा जाता है, महिलाओं के गर्भाशय में विकसित होने वाली मांसपेशीय गांठें होती हैं। ये आमतौर पर गर्भाशय की दीवार में बढ़ते हैं और इनका आकार विभिन्न हो सकता है। अधिकांश फाइब्रॉएड गैर-खतरनाक होते हैं और किसी भी लक्षण का कारण नहीं बनते, लेकिन कुछ मामलों में, इनके आकार और स्थान के कारण गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इस ब्लॉग में हम फाइब्रॉएड के खतरनाक आकार, उनके लक्षण, निदान और उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।

 

 

 

फाइब्रॉएड का आकार और उनका प्रभाव

 

 

फाइब्रॉएड का आकार एक छोटे मटर के दाने से लेकर बड़े तरबूज तक हो सकता है। आमतौर पर छोटे फाइब्रॉएड लक्षण नहीं दिखाते और बिना किसी उपचार के रहते हैं। लेकिन जब फाइब्रॉएड का आकार बड़ा होता है, तो यह कई समस्याओं का कारण बन सकता है। बड़े फाइब्रॉएड निम्नलिखित समस्याओं का कारण बन सकते हैं:

 

 

  • प्रजनन समस्याएं: बड़े फाइब्रॉएड गर्भाशय में अंतरिक्ष घेर सकते हैं, जिससे गर्भधारण में कठिनाई हो सकती है। यह गर्भाशय के सामान्य कार्यों में बाधा डाल सकता है और गर्भपात या प्रीमच्योर बर्थ का कारण बन सकता है।

 

  • भारी मासिक धर्म: बड़े फाइब्रॉएड अक्सर भारी मासिक धर्म का कारण बनते हैं, जो एनिमिया जैसी स्थितियों का कारण बन सकता है। मासिक धर्म के दौरान अत्यधिक रक्तस्राव महिलाओं की दैनिक गतिविधियों में बाधा डाल सकता है और उन्हें कमजोरी और थकान का अनुभव हो सकता है।

 

  • दर्द और असुविधा: बड़े फाइब्रॉएड पेट और पेल्विक क्षेत्र में दर्द और असुविधा पैदा कर सकते हैं। ये दर्द मासिक धर्म के दौरान और भी बढ़ सकता है और महिलाओं के जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकता है।

 

  • मूत्र संबंधी समस्याएं: बड़े फाइब्रॉएड मूत्राशय पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। कुछ मामलों में, यह मूत्र प्रवाह में रुकावट भी पैदा कर सकता है।

 

  • आंतरिक अंगों पर दबाव: बड़े फाइब्रॉएड पेट के अन्य अंगों पर दबाव डाल सकते हैं, जिससे कब्ज, गैस, और पेट में भारीपन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

 

 

 

फाइब्रॉएड का निदान

 

 

फाइब्रॉएड का निदान करने के लिए डॉक्टर विभिन्न प्रकार की जांचें कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

 

 

  • अल्ट्रासाउंड: अल्ट्रासाउंड एक सामान्य और प्रभावी जांच है जो गर्भाशय में फाइब्रॉएड की उपस्थिति, आकार, और संख्या का निर्धारण करती है।

 

  • एमआरआई (MRI): एमआरआई एक अधिक विस्तृत जांच है जो फाइब्रॉएड की स्थिति और आकार को बेहतर तरीके से दिखा सकती है। यह तब उपयोगी हो सकता है जब अन्य जांचें स्पष्ट परिणाम नहीं देती हैं।

 

  • एचएसजी (Hysterosalpingography): यह जांच गर्भाशय और फेलोपियन ट्यूब्स की स्थिति का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। इसमें गर्भाशय में एक विशेष डाई डाली जाती है और एक्स-रे किया जाता है।

 

  • हिस्टरोस्कोपी: इस जांच में एक पतला, लचीला ट्यूब गर्भाशय के अंदर डाला जाता है, जिसके माध्यम से डॉक्टर गर्भाशय के अंदरूनी भाग को देख सकते हैं और फाइब्रॉएड की उपस्थिति का पता लगा सकते हैं।

 

 

 

 

फाइब्रॉएड का उपचार

 

 

फाइब्रॉएड का उपचार उनके आकार, स्थान, लक्षणों की गंभीरता, और महिला की उम्र और स्वास्थ्य की स्थिति पर निर्भर करता है। उपचार के निम्नलिखित विकल्प हो सकते हैं:

 

 

 

  • मायोमेक्टॉमी: यह एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें केवल फाइब्रॉएड को हटाया जाता है, जबकि गर्भाशय को सुरक्षित रखा जाता है। यह विकल्प उन महिलाओं के लिए अच्छा हो सकता है जो भविष्य में गर्भधारण की योजना बना रही हैं।

 

  • हिस्टेरेक्टॉमी: यह एक शल्य चिकित्सा प्रक्रिया है जिसमें गर्भाशय को पूरी तरह से हटा दिया जाता है। यह एक स्थायी समाधान है और तब उपयोगी हो सकता है जब अन्य उपचार विकल्प विफल हो जाते हैं या महिला भविष्य में गर्भधारण नहीं चाहती।

 

  • यूटरिन आर्टरी एम्बोलाइजेशन (UAE): इस प्रक्रिया में गर्भाशय की रक्त वाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है, जिससे फाइब्रॉएड को रक्त की आपूर्ति रुक जाती है और वे सूख जाते हैं।

 

  • फोकस्ड अल्ट्रासाउंड सर्जरी (FUS): यह एक गैर-आक्रामक प्रक्रिया है जिसमें उच्च-तीव्रता वाले अल्ट्रासाउंड तरंगों का उपयोग करके फाइब्रॉएड को नष्ट किया जाता है।

 

 

 

फाइब्रॉएड के खतरनाक आकार को प्रबंधित करने के उपाय

 

 

फाइब्रॉएड के खतरनाक आकार को प्रबंधित करने के लिए कुछ सामान्य उपाय निम्नलिखित हो सकते हैं:

 

 

  • नियमित जांच: नियमित चिकित्सीय जांचें और अल्ट्रासाउंड से फाइब्रॉएड की स्थिति का मूल्यांकन करना महत्वपूर्ण है। इससे समय पर समस्याओं का पता लगाया जा सकता है और उचित उपचार किया जा सकता है।

 

  • स्वास्थ्यकर आहार: एक संतुलित और पौष्टिक आहार फाइब्रॉएड की वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। हरी सब्जियां, फल, और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ शामिल करें।

 

  • व्यायाम: नियमित व्यायाम और योग फाइब्रॉएड के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। इससे रक्त परिसंचरण में सुधार होता है और शरीर में हार्मोनल संतुलन बना रहता है।

 

  • तनाव प्रबंधन: तनाव को कम करने के लिए ध्यान, मेडिटेशन, और अन्य विश्राम तकनीकों का उपयोग करें। तनाव हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकता है जो फाइब्रॉएड की वृद्धि को प्रभावित कर सकता है।

 

 

 

निष्कर्ष:

 

फाइब्रॉएड का आकार और उनकी स्थिति उनके खतरनाक होने का निर्धारण कर सकते हैं। बड़े फाइब्रॉएड गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं और उनके लिए उचित निदान और उपचार आवश्यक होता है। नियमित चिकित्सीय जांच, स्वस्थ जीवनशैली, और उचित चिकित्सीय परामर्श से फाइब्रॉएड के खतरनाक आकार को नियंत्रित किया जा सकता है। अगर आपको फाइब्रॉएड के लक्षण महसूस होते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और उचित सलाह लें। इस तरह, आप अपने स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं और फाइब्रॉएड के खतरों से सुरक्षित रह सकते हैं।

 

 

 

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