साइनस के कारण, लक्षण और उपाए

आज कल लोग की दिनचर्या दिन ब दिन बिगड़ती जा रही है यही कारण है की लोग आये दिन कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे है। जिनमें से एक है साइनस जिसकी वजह से लोगो का खाना पीना और सोना तक दुश्वार हो जाता है। आज  साइनस से एक बड़ी आबादी ग्रसित है। डॉक्टर की भाषा में इसे ‘साइनोसाइटिस’ का नाम दिया गया है। यह नाक संबंधी रोग है, जो जुकाम, सांस लेने में तकलीफ व चेहरे की मांसपेशियों में दर्द के साथ शुरू होता है और आगे चलकर गंभीर रूप ले लेता है। ध्यान रहे कि हर सर्दी-जुकाम को साइनस नहीं कहा जा सकता है। साइनस होने पर आपके सिर में बहुत जोर का दर्द बना रहता है, जो बिल्कुल कम नहीं होता है।

 

साइनस क्या है ?

 

इंसान की खोपड़ी में बहुत-सारे खोखले छेद होती हैं, जो सिर को हल्का बनाए रखने और सांस लेने में मदद करते हैं। इन छेदों को ही साइनस कहते हैं। अगर इन छेदों में जुकाम के कारण बलगम भर जाती है, तो सांस लेने में दिक्कत होने लगती है। जिसकी वजह से ये समस्या उत्पन्न होती है। जिसे डॉक्टर की भाषा में साइनोसाइटिस कहा जाता है और आम भाषा में साइनस भी कहा जाता है।

 

 

साइनस के कारण ?

 

 

  • हमेशा जुकाम रहना

 

  • बैक्टेरिया

 

 

  • नाक की हड्डी का टेढ़ा होना

 

  • फंगल इन्फेशन

 

क्या है साइनस के लक्षण ?

 

 

इसके लक्षण बहुत मामूली होते हैं। इसमें मरीज को अक्सर जुकाम रहता है। पेट खराब रहना आजकल ज्यादातर लोगों की समस्या है। अक्सर लोग गलत खानपान पर इसका दोष मढ़ कर निश्चिंत हो जाते हैं, जबकि ये साइनस का संकेत भी हो सकता है। इसके लक्षण इस प्रकार है।

 

 

  • सिर में तेज दर्द और भारीपन रहना

 

  • आवाज में बदलाव आना

 

  • बुखार रहना

 

  • अक्सर बेचैनी होना

 

  • आंखों के ठीक ऊपर दर्द होना

 

  • दोनों भौंए के बीच में दर्द होना

 

 

  • सूंघने की शक्ति कमजोर होना

 

  • बाल सफेद होना

 

  • नाक से येलो लिक्विड गिरना

 

साइनस से बचने के उपाए

 

 

साइनस के रोग में किसी भी व्यक्ति को जुकाम बना रहता है  जबकि कई लोग इसे सामान्य सर्दी समझते है और इसका इलाज नहीं करवाते हैं। वैसे सर्दी तो तीन-चार दिनों में ठीक हो जाती है, लेकिन इसके बाद भी इसका संक्रमण थोड़े दिनों तक इंसान के शरीर में रहता है। अगर वक्त रहते इसका इलाज न कराया जाए, तो आपको इसका ऑपरेशन भी कराना पड़ सकता है। जबकि इसकी रोकथाम के लिए योग में कई ऐसी क्रिया और प्राणायाम है जो इस रोग से मुक्ति दिला सकते है।

 

 

अगर आप नियमित क्रिया और प्राणायाम करते है तो इससे आपको 99 प्रतिशत तक लाभ मिलेगा। वहीं साइनस में बहुत से लोग स्टीम या सिकाई का प्रयोग करते हैं। जबकि कुछ लोग प्रतिदिन विशेष प्राकृतिक चिकित्सा अनुसरा नाक की सफाई करते हैं जैसे जल नेति करना। योग से यह कार्य संपन्न होते हैं। प्राणायाम जहां स्टीम का कार्य करता है वही जलनेती और सूत्रनेती से नाक की सफाई हो जाती है। प्रतिदिन अनुलोम विलोम के बाद पांच मिनट का ध्यान करें। जब तक यह करते रहेंगे साइनस से आप कभी भी परेशान नहीं होंगे।

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