बारिश का मौसम (Rainy Season) आते ही वायरल बुखार का सिलसिला भी शुरू हो जाता है। बदलते मौसम में बुखार फैलाने वाले बैक्टीरिया (Bacteria) और वायरस बहुत ज्यादा एक्टिव होते हैं। इस मौसम में बुखार का खतरा उन लोगों को सबसे ज्यादा होता है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जैसे- छोटे बच्चे, वृद्ध या बीमार लोग आदि। वायरल (Viral) बुखार के कारण कई बार सिर दर्द, बदन दर्द और शरीर पर दाने हो जाते हैं और शरीर का तापमान बढ़ जाता है। वायरल बुखार होने पर कुछ बातों का खयाल रखना जरूरी होता है।
वायरल बुखार के लक्षण-
वायरल (Viral) संक्रमण कई प्रकार के वायरस से हो सकता है। वायरल फीवर में ना सिर्फ मरीज उदास रहता है बल्कि ये फीवर उसके पूरे शरीर को भी प्रभावित करता है। सिरदर्द, बहती नाक, उल्टी, दस्त, गले में सूजन, आवाज बैठना, कमजोरी, खांसी, मांसपेशियों (Muscles) में दर्द और पेट में दर्द इसके सामान्य लक्षण है।
खूब पानी पीएं-
वायरल की हालत में आपको खूब पानी पीना चाहिये। इसके अलावा जूस और कैफीन (Caffeine) रहित चाय का सेवन करें। ज्यादातर फलों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स (Antioxidants) पाये जाते हैं जिनका सेवन करने से आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं। अगर आपको डायरिया (Diarrhea) या उल्टी की शिकायत है तो इलेक्ट्रॉल का सेवन आपके लिए फायदेमंद होगा। इसके अलावा, नींबू, लैमनग्रास, पुदीना, साग, शहद आदि भी आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
वायरल बुखार में ध्यान रखें ये बातें-
- विटमिन सी (Vitamin C) का सेवन अधिक करें। यह हमारे इम्यून सिस्टम को सही रखता है।
- हल्का खाना ही खाएं
- पत्तेदार सब्जियां, फूलगोभी और अरबी न खाएं
- हल्दी, अजवाइन, अदरक (Coriander) और हींग का अधिक सेवन करें
- ठंडे पानी की जगह गुनगुना पानी पिएं
- रेस्ट करें और बासी खाना न खाएं
- गर्म पानी (Warm Water) की भाप लें
- छींकते वक्त मुंह पर रूमाल बांधें
- घर पर इलाज न करें, तुरंत चिकित्सक को दिखाएं।
खाने-पीने में इन बातों का रखें ध्यान-
- मौसमी संतरा (Oranges) व नीबूं खाएं जिसमें विटामिन-सी और वीटा कैरोटींस (Carotene) होता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है।
- वायरल फीवर होने पर डाई फूड खूब खाना चाहिए। डाई फूड में जिंक भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- लहसुन में कैल्सियम (Calcium), मैग्नीशियम, फास्फोरस और खनिज तत्व पाए जाते हैं। इससे सर्दी, जुकाम, दर्द, सूजन और त्वचा से संबंधित बीमारियां नहीं होती हैं। लहसुन घी या तेल में तलकर चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है।
- खूब पानी पियें। इससे डिहाइडेशन (Dehydration) के अलावा शरीर पर हमला करने वाले माइक्रो आर्गेनिज्म को बाहर निकालने में मदद मिलती है।
- तुलसी के पत्ते में खांसी, जुकाम, बुखार और सांस संबंधी रोगों से लडने की शक्ति है। बदलते मौसम में तुलसी के पत्तियों को उबालकर या चाय में डालकर पीने से नाक और गले के इंफेक्शन (Infection) से बचाव होता है।
- वायरल बुखार में हरी और पत्तेदार सब्जियों का अधिक मात्रा में प्रयोग करें। क्योंकि हरी सब्जियों में पानी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे डिहाइडेशन नहीं होता है।
- टमाटर, आलू और संतरा खाएं। इनमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
- वायरल (Viral) में दही खाना बंद न करें क्योंकि दही खाने से बैक्टीरिया से लडने में सहायता मिलती साथ ही यह पाचन क्रिया को सही रखता है। पेट खराब, आलसपन और बुखार को दूर करता है।
- वायरल में गाजर खाएं, इसमें केरोटीन पाया जाता है जिससे रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढती है और कीटाणुओं से लडने में मदद मिलती है।
- अधिक मात्रा में केले और सेब का सेवन करें। इन दोनों ही में अधिक मात्रा में पोटैसियम पाई जाती है जो ऐसा इलेक्ट्रोलाइट है दस्त समाप्त होती है।
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