किसी भी इंसान के लिए उसका इम्युनिटी पावर (Immunity Power) का मजबूत होना बेहद जरूरी होता है, खासकर बच्चों का क्योंकि, बच्चे इन्फेक्शन (baby infection) की चपेट में बहुत जल्दी आ जाते हैं। ऐसे में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) के कमजोर होने पर बीमारियों का असर जल्दी हो जाता है, इसका मुख्य कारण यह है कि शरीर कमजोर हो जाता है और हम जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगते हैं।हालाँकि, कई विशेषज्ञों का यह मानना है कि अधिकतर बच्चो को जुकाम खांसी (Cough) और बुखार की समस्या मौसम बदलने के कारण होती है, लेकिन अगर आप अपने बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ावा दें तो ऐसी संक्रमण (Infection) वाली बीमारियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। ऐसे में बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ावा देने के लिए बहुत सी आदतों (Habit) को अपनाना बहुत जरूरी है,
इम्युनिटी ताकत बढ़ाने के 6 आसान उपाय (6 easy steps to increase immunity power)
बच्चे को ब्रैस्ट फ़ीड कराएं (Breastfeeding improves child’s immunity)
मां (Mother) के दूध (Milk) में इम्युनिटी को मजबूत बनाने के सारे गुण मौजूद होते है। माँ का दूध बच्चों के लिए अमृत समान होता है, इतना ही नहीं यह बच्चों में संक्रमण (Infection), एलर्जी (allergy), दस्त (Diarrhea), निमोनिया (Pneumonia), दिमागी बुखार (brain fever), और अचानक शिशु मृत्यु सिंड्रोम (Syndrome) के खिलाफ लड़ने के लिए भी मजबूत बनाता है। ऐसे में बच्चे को जन्म लेने के साथ-साथ ही स्तनों से बहने वाले गाढे पतले पीले दूध को कम से कम 2-3 महीने तक स्तन फ़ीड (Breastfeeding) जरुर कराएं।
बच्चे को ग्रीन वेजिटेबल खिलाएं (Feed your child more fruits and vegetables)
अपने बच्चे को खाने में गाजर (carrot), हरी बीन्स (Green beans), संतरे (Orange), स्ट्रॉबेरी (strawberry) जैसे सभी को चीज़ों को शामिल करें, क्योंकि यह विटामिन सी (Vitamins C) और कैरोटीन (Carotene) युक्त होते हैं। जो आपके बच्चे की इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद करता है। ऐसे में बच्चों को अधिक से अधिक फल (fruits) और सब्जियों (vegetables) को उनके खाने में शामिल करें, ताकि बच्चे को संक्रमण से लड़ने में मदद मिल सके।
बच्चे को भरपूर नींद लेने दें (Sound sleep is necessary for child’s)
बच्चों में नींद (Sleep) की कमी होने पर इम्युनिटी तो कमजोर होती ही साथ ही आपका बच्चा बीमारी का अधिक शिकार होने लगता है। जिससे कि नवजात में स्वास्थ्य (Health) मुश्किलें बढ़ जाती है। हालाँकि, नवजात बच्चों को एक दिन में 18 घंटे की नींद तो वही छोटे बच्चों को 12 से 13 घंटे की नींद की आवश्यकता पड़ती है। इसके अलावा युवा बच्चे को रोजाना 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए।
धूम्रपान के धुएं से बचाएं (Avoid smoke fumes)
आपके घर में कोई भी सदस्य धूम्रपान (Smoking) करता है तो बच्चों की सेहत का ध्यान रखते हुए उसे छोड़ दें। सिगरेट के धुआं शरीर में कोशिकाओं (cells) को मार सकते हैं। इसके अलावा सिगरेट बीड़ी में कई अधिक विषाक्त पदार्थों (Toxins) शामिल होते है जो अतिसंवेदनशील बच्चों के रोग नियंत्रण शक्ति को प्रभावित कर इम्युनिटी को कमजोर करते है।
बच्चों को कम से कम दवा दें (Prevent unnecessary medicines)
कई बार पेरेंट्स (Parents) अपने बच्चों को लेकर अधिक सवेंदनशील (Sensitive) हो जाते हैं। खासकर जब बच्चे को सर्दी, फ्लू (Flue) या गले में हल्की खराश होने पर डॉक्टर को एंटीबायोटिक (antibiotics) देने को कहते है। अधिकतर एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया (bacteria) की वजह से होने वाली बीमारियों का इलाज करते हैं जबकि बचपन में अधिकतर बिमारियां वायरस (virus) के कारण होती हैं।
संक्रमण के खतरों से बचाएँ (Avoid the dangers of infection)
अपने बच्चे को बीमारियों से बचाने के लिए संक्रमण (infection) वाले जीवाणु से हमेशा बचा कर रखें। आप बच्चों को कीटाणुओं से बचाने के लिए बचपन से ही हाथ धोने के बाद ही हाथों को होठों के पास लाने और कुछ खाने के बारे में बताएं। साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित, टूथब्रश (toothbrush) आदि के साथ-साथ बच्चों के तौलिया रुमाल और खिलौनों की सफाई हमेशा समय-समय पर करते रहें।
इससे सम्बंधित कोई सवाल पूछना चाहते हैं तो यहाँ क्लिक करें। आप हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) पर भी संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा आप हमारी सेवाओं के संबंध में हमें connect@gomedii.com पर ईमेल भी कर सकते हैं। हमारी टीम जल्द से जल्द आपसे संपर्क करेगी।
Disclaimer: GoMedii एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।