सांस फूलने से दिल की बीमारी हो सकती है। इसलिए अगर आपको सांस से जुडी कोई भी समस्या हो रही हो, तो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे और उनसे जांच कराएं, नहीं तो आगे चलकर इस समस्या से हो सकती है दिल की बीमारी। कई बार तो फेफड़े में परेशानी होने से सांस लेने में समस्या होने लगती है, जिस वजह से सांस तेज हो जाती है, और सांस की नली सूज जाती हैं।
कभी-कभी निमोनिया की वजह से भी सांस फूलने की बीमारी हो सकती है। निमोनिया होने पर सांस की नली में बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं, जिन्हें स्ट्रेप्टोकोकस (Streptococcus) कहते हैं। और ये बैक्टीरिया सांस की नली में तरल पदार्थ पैदा करते है, जिस वजह से फेफड़ों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता और सांस फूलने लगती है। अगर किसी व्यक्ति को सांस फूलने की बीमारी है, तो उसे दिल की बीमारी होने का भी खतरा रहता है।
शोधो के अनुसार
- वैज्ञानिकों का कहना है, कि सांस फूलने की बीमारी की वजह से हार्ट फेलियर या क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिज़ीज़ (Chronic obstructive pulmonary disease) का भी संकेत हो सकता है।
- सांस फूलने से दिल की बीमारी ज्यादातर सिगरेट पीने से या किसी ऐसी फैक्ट्री में काम करने से होती है, जहां केमिकल्स का ज्यादा इस्तेमाल होता है।
- अत्यधिक प्रदूषण भी हो सकता है, इस बीमारी के होने का कारण।
- शोधो के अनुसार ये बाते सामने आई है की, सांस फूलने से दिल की बीमारी या फेफड़े से संबंधित बीमारी हो सकती है। अगर एक महीने से ज्यादा समय तक सांसों का तेज फूलना रहे तो ये दिल की बीमारी, फेफड़े की बीमारी या हार्ट फेलियर के लक्षण हो सकते हैं। इसलिए सांस से सम्बन्धित कोई भी समस्या हो तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे।
सांस फूलने के लक्षण
- बार-बार खांसी आना
- अचानक बुखार होना
- सांस लेने में दिक्कत होना
- छाती दर्द होना
- धड़कन का तेज होना
- थकावट
- ब्लड़ प्रेशर कम होना
सांस फूलने के कारण
- सांस की नली में सूजन
- वायु प्रदुषण
- एलर्जी पदार्थो के संपर्क में आने से
- अधिक धूम्रपान और तम्बाकू का सेवन
- सांस फूलने से दिल की बीमारी भी हो सकती है
- यह समस्या संक्रमण की वजह से हो सकती है
- अत्यधिक वजन भी बन सकता है सांस फूलने का कारण
- अस्थमा की बीमारी होने पर भी सांस लेने में कठिनाई होती है
- फेफड़ों में कैंसर की वजह से भी हो सकती है सांस फूलने की बीमारी
- किडनी से संबंधित बीमारी के कारण भी सांस फूलने की समस्या हो सकती है
दिल की बीमारी भी जिम्मेदार
- हार्ट अटैक के दौरान दिल की दीवारे कमजोर हो जाती है, जिस वजह से सांस फूलने की बीमारी हो सकती है।
- दिल के अंदर जो वाल्व स्थित होती है, अगर वो धड़कन के साथ ठीक से बंद न हो और ना ही ठीक से खुलें, तो इस वजह से दिल और फेफड़े में संतुलन बिगडऩे लगते है और सांस फूलने लगती है। इसलिए, डॉक्टर का मानना है की सांस फूलने से दिल की बीमारी हो सकती है।
सांस फूलने पर क्या करें
- यदि किसी व्यक्ति को सांस फूलने की समस्या हो रही हो, तो वो तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करे। और डॉक्टर के द्वारा बताये गए समस्याओं की जांच कराएं, नहीं तो हो सकती है, सांस फूलने से दिल की बीमारी।
- सांस फूलने की समस्या अगर फेफड़ों की वजह से हो रही हो, तो किसी छाती रोग विशेषज्ञ या थोरेसिक सर्जन से संपर्क करे और उनसे जांच कराएं।
- अगर सांस फूलना दिल की वजह से हो रहा हो, तो किसी हृदयरोग विशेषज्ञ या कार्डियोथोरेसिक सर्जन (Cardiothoracic surgeon) से सलाह लें।
सांस फूलने की समस्या होने पर जांच कराएं
- छाती का एक्स रे (chest X-ray),
- एच.आर.
- सी.टी.स्कैन
- पी.एफ.टी.
- दिल के लिए डी.एस.ई. (दोबुटामिने स्ट्रेस इको (Doubletotmine stress echo)
- खून की जांच
- कभी-कभी सी.टी.स्कैन कोरोनरी व पल्मोनरी एंजियोग्राफी (Coronary and Pulmonary Angiography) की भी जरूरत पड़ सकती है।
इन बातों पर ध्यान दें
सांस फूलने से दिल की बीमारी हो सकती है, इसलिए नीचे बताई गई बातों पर ध्यान दे –
- रोज सुबह नियमित रूप से व्यायाम करे। अगर आप प्रतिदिन दो घंटे दिनभर में टहलते हैं , तो आप सांस फूलने की समस्या से काफी हद तक बचें रहेंगे।
- प्रोटीन का सेवन भरपूर मात्रा में करे।
- अपने वजन को अधिक न बढ़ने दे।
- रोज फल और सलाद का सेवन करें।
- हरी पत्तेदार सब्जियाँ खाये।
- अधिक मात्रा में धूम्रपान और तंबाकू का सेवन न करे।
- फैक्ट्री या व्यस्त सड़क के आसपास व्यायाम करने के लिए न चुनें।
- घर में वेंटिलेशन का ध्यान रखें।
- एसी (AC) का कम इस्तेमाल करें।
अगर आपको सांस फूलना और दिल की बीमारी से जुडी किसी भी तरह की समस्या नजर आ रही हो, तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करे, नहीं तो सांस फूलने से दिल की बीमारी के होने का भी खतरा होता है।
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