हृदय संबंधी समस्याओं के निदान के लिए रक्त परीक्षण : डॉ अजीत सिंह

आज के इस बदलते दौर में हृदय संबंधी समस्याएं बहुत देखने को मिलती है। इसका मुख्य कारण है आपकी गलत जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतें। पहले के समय में ये समस्या बुजर्गो को हुआ करती थी।

 

लेकिन आज के समय में इसका शिकार युवा भी हो रहे है। इसके पीछे उनकी जिंदगी में बढ़ता तनाव भी एक कारण हो सकता है। हर इंसान आगे निकलने की होड़ में अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।

 

 

 

हृदयाघात क्या है? (What is Heart Attack)

 

 

हृदयाघात को कार्डियक अरेस्ट (Cardiac arrest) भी कहा जाता है। हार्ट अटैक एक ऐसी स्थिति होती है, जब उस व्यक्ति का हृदय शरीर को पर्याप्त मात्रा में रक्त नहीं पंहुचा पाता है, तो इस स्थिति को ह्रदयाघात कहते है। एक हृदय ही है जो इंसान के शरीर में 24 घंटे काम करता है तभी वह अपना जीवन जी पाता है। हृदय ही इंसान के शरीर का सबसे मुख्य अंग होता है। आमतौर पर डॉक्टर इसके लक्षणों को जानने के लिए चेस्ट एक्स-रे और आईसीजी (लिटरोकार्डियोग्राम) दो सामान्य परीक्षण कराने को कहते हैं जो इंगित करते हैं कि क्या उस व्यक्ति को दिल की कोई बीमारी है या नहीं।

 

 

 

ह्रदयाघात के लक्षण (Symptoms of Heart Attack in Hindi)

 

 

 

  • दिल की बीमारी,

 

 

  • उच्च रक्तचाप,

 

 

  • छाती में दर्द महसूस होना,

 

 

  • दबाव,

 

 

  • जकड़न महसूस होना,

 

 

  • भारीपन लगना,

 

 

 

 

  • कंधे या गर्दन में दर्द,

 

 

  • अधिक पसीना आना,

 

 

  • साँस में कमी,

 

 

  • उलटी अथवा मितली,

 

 

  • पेट में दर्द,

 

 

  • बहुत थकान होना,

 

 

  • चक्कर आना या बेहोश होना,

 

 

  • घबराहट होना,

 

 

  • उच्च रक्तचाप,

 

 

  • जन्म के समय से दिल की समस्या।

 

 

 

हृदय संबंधी कुछ परीक्षण

 

 

 

  • कार्डिएक ट्रोपोनिन्स (Cardiac troponins) (I & T) सीने में दर्द या दिल का दौरा आपके लिए काफी खतरनाक हो सकता है।

 

 

  • इस्केमिया मोडिफाइड एल्ब्यूमिन (Ischemia modified albumin) चेस्ट दर्द या संभावित दिल का दौरा दिल के लिए संभावित रक्त के प्रवाह को कम कर देता है। इस टेस्ट में ये देखा जाता है की आपके हृदय में रक्त का प्रवाह सही तरीके से हो रहा है या नहीं।

 

 

  • नैट्रियूरेटिक पेप्टाइड्स (Natriuretic peptides BNP and pro-BNP) सांस लेने में तकलीफ दिल की विफलता संभावित कंजेस्टिव हार्ट फेलियर से बचाता है।

 

 

  • लिपिड कोलेस्ट्रॉल, एचडीएल, एलडीएल (Lipids cholesterol, HDL, LDL) एथेरोस्क्लेरोसिस का वर्तमान या भविष्य के जोखिम को देखा जाता है।

 

 

  • सी-रिएक्टिव प्रोटीन (C-reactive protein) एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) के वर्तमान या भविष्य के जोखिम में हृदय संबंधी घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

  • लिपोप्रोटीन फॉस्फोलिपेज़ ए 2 (Lipoprotein phospholipase A2) या एथेरोस्क्लेरोसिस (atherosclerosis) के वर्तमान या भविष्य के जोखिम में हृदय संबंधी घटनाओं के बारे में बताता है।

 

 

 

हृदय संबंधी समस्या के लिए रक्त परीक्षण

 

 

रक्त के इस टेस्ट से डॉक्टर ये पता लगाने की कोशिश करते है की उस व्यक्ति के रक्त में कितनी मात्रा में प्रोटीन होता है जो उसे हृदय सम्बंधित बीमारियों से बचाता है। अगर इसकी मात्रा में कमी होने लगती है तभी उस व्यक्ति को हृदय संबंधी बीमारियां होती है।

 

 

छाती में तकलीफ होने वाले मरीजों में दिल के दौरे मायोकार्डिअल इन्फ्रक्शन (myocardial infarction) पड़ने की ज्यादा संभावना होती है। इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiograms ECG) ईसीजी या ईकेजी (EKGs) का उपयोग छाती में होने वाली परेशानी का पता लगाने के लिए किया जाता है। जिसे व्यक्ति के रक्त में असामान्य प्रोटीन का स्तर पाया जाता है, उसे डॉक्टर इस टेस्ट की सलाह देते है।

 

 

  • क्रिएटिन किनसे (Creatine kinase CK)

 

 

  • क्रिएटिन किनसे-एमबी ( Creatine kinase-MB CKMB)

 

 

  • मायोग्लोबिन (Myoglobin)

 

 

  • कार्डिएक ट्रोपोनिन I या कार्डिएक ट्रोपोनिन T (Cardiac troponin I or cardiac troponin T)

 

 

यदि आप अपने हृदय को स्वास्थ्य रखना चाहते है तो सबसे पहले आप अपना वजन नियंत्रण में रखें, और कोशिश करें की सिर्फ पौष्टिक भोजन ही खाएं। आज कल लोग फ़ास्ट फ़ूड का सेवन अधिक करते है जो उनकी सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। आप रोजाना व्यायाम या योग करके भी अपने हृदय को स्वस्थ रख सकते है। जो लोग धूम्रपान या अन्य नशीले पदार्थ का सेवन करते है, तो इस वजह से भी उनके हृदय को बहुत नुकसान पहुँचता है इसलिए उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए।

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