अप्लास्टिक एनीमिया ट्रीटमेंट के लिए बेस्ट हॉस्पिटल (Aplastic anemia treatment hospitals)

अप्लास्टिक एनीमिया एक ऐसी बीमारी हैं जो तब होती हैं हैं जब अस्थि मज्जा की कोशिकाएं लाल रक्त कोशिकाओं, सफ़ेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स जैसी पर्याप्त रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करने में विफल हो जाती हैं। एलास्टिक एनीमिया एक प्रकार की दुर्लभ और गंभीर समस्या हैं जो की व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती हैं। कुछ लोगो को यह बीमारी अचानक से हो जाती हैं और कुछ लोगो को धीरे-धीरे विकसित होती हैं और समय के साथ गंभीर होती जाती हैं। अप्लास्टिक एनीमिया के रोगी को हमेशा थकान का अनुभव होता हैं तथा इससे संक्रमण और अनियंत्रित रक्तस्त्राव का खतरा भी बढ़ जाता हैं।

 

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया के लक्षण क्या होते हैं? (Aplastic anemia ke symptoms in hindi)

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया के सटीक लक्षण नज़र नहीं आते हैं लेकिन कुछ समस्या के आधार पर लक्षण की पहचान की जा सकती हैं –

 

 

 

  • नाक से खून आना

 

  • मसूड़ों में खून आना

 

  • संक्रमण का खतरा बार – बार होना

 

 

 

  • चक्कर आना

 

  • चोट लगने पर रक्त स्त्राव होना

 

 

  • थकान महसूस होना

 

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया के कारण क्या होते हैं ? (Aplastic anemia ke causes in hindi)

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया का सबसे आम कारण आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा अस्थि मज्जा में स्टेम कोशिकाओं पर हमला करना हैं अन्य कारण जो अस्थि मज्जा को घायल कर सकते हैं और रक्त कोशिका उत्पादन को प्रभावित कर सकता हैं उनमें निम्नलिखित कुछ कारण शामिल हैं –

 

 

  • कीटनाशक के संपर्क में आना

 

 

  • प्रेग्नेंसी

 

  • नॉनवायरल हेपेटाइटिस

 

 

  • रुमेटॉयट आर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) और ल्यूपस

 

  • अन्य संक्रमण

 

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज किस प्रकार होता हैं ? (Aplastic anemia treatment in hindi)

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज आपकी स्थिति और आपकी उम्र की गंभीरता पर निर्भर करता हैं, में अवलोकन रक्त या दवाएं या अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण शामिल हो सकते हैं। यदि अप्लस्टिक एनीमिया अधिक गंभीर होता हैं तो इसके लिए तुरंत अस्पताल में भर्ती होना आवश्यक होता है तथा इसका इलाज भी सही समय पर होना चाहिए, अप्लास्टिक एनीमिया के इलाज के लिए डॉक्टर की विकल्प चुनते हैं।

 

  • ब्लड ट्रांसफ़्यूजन: यदि अप्लास्टिक एनीमिया का इलाज नहीं होता, रक्त आधान, रक्तस्त्राव को नियंत्रित कर सकता हैं और रक्त कोशिकाओं को प्रदान करके लक्षणों को दूर रखता हैं जो आपकी अस्थि मज्जा का उत्पादन नहीं कर रहा हैं। इस दौरान निम्न उपचार दिए जा सकते हैं –

 

  • लाल रक्त कोशिकाएं: ये लाल रक्त कोशिकाओं की सख्या बढ़ाते हैं और एनीमिया और थकान को दूर कर सकते हैं।

 

  • प्लेटलेट्स: यह अधिक रक्तस्त्राव को रोकने में मदद करती हैं।

 

  • स्टेम सेल ट्रांसप्लांट: डोनर से स्टेम कोशिकाओं के साथ अस्थि मज्जा के पुर्ननिर्माण के लिए एक स्टेम सेल प्रत्यारोपण गंभीर अप्लास्टिक एनीमिया वाले लोगों के लिए एकमात्र सफल उपचार विकल्प हो सकता हैं। स्टेम सेल ट्रांसप्लांट जिसे की बोन मेरो ट्रांसप्लांट भी कहा जाता हैं।

 

  • एंटीबायोटिक्स: अप्लास्टिक एनीमिया होने से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती हैं जिससे की संक्रमण होने का खतरा अधिक रहता हैं। अप्लास्टिक एनीमिया होने से पहले व्यक्ति को काफी बार बुखार आता हैं यदि अप्लास्टिक एनीमिया गंभीर हो जाए तो डॉक्टर संक्रमण कम करने के लिए कुछ एंटीबायोटिक्स का सेवन करने के लिए कहते हैं।

 

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया के इलाज के लिए अच्छे अस्पताल (Best hospitals for aplastic anemia treatment in hindi)

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया के इलाज के लिए दिल्ली के अच्छे अस्पताल।

 

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया के इलाज के लिए गुरुग्राम के अच्छे अस्पताल। 

 

 

 

यदि आप इनमें से कोई अस्पताल में इलाज करवाना चाहते हैं तो हमसे व्हाट्सएप (+91 9599004311) इस नंबर पर कॉल कर सकते हैं।

 

 

 

अप्लास्टिक एनीमिया की बीमारी में क्या खाएं ? (What to eat in case of aplastic anemia in hindi)

 

 

एनीमिया से बचाव और शरीर में रक्त के स्तर को बनाए रखने के लिए कुछ खाद्य पदार्थो का सेवन करना आवश्यक होता हैं एनीमिया से लड़ने वाले आहार कुछ इस प्रकार होते हैं जैसे की –

 

  • पालक: अप्लास्टिक एनीमिया रोगियों को पालक का सेवन अधिक करना चाहिए क्योंकि पालक आयरन से भरपूर होता हैं और एनीमिया भी आयरन की कमी से होता हैं। पालक का सेवन करते अप्लास्टिक एनीमिया में काफी सुधार आता हैं।

 

  • अंडे की जर्दी: अप्लास्टिक एनीमिया से लड़ने वाले आहारों में एक अंडा भी होता हैं अंडे के पीले भाग में आयरन की मात्रा अधिक होती हैं जो की लाल रक्त कोशिकाओं को बड़ा सकती हैं।

 

  • स्ट्रॉबेरी– एनीमिया की बीमारी में क्या खाएं सोच रहे हैं, तो आप स्ट्रॉबेरी का सेवन कर सकते हैं। स्ट्रॉबेरी में विटामिन सी की अच्छी मात्रा होती है, जो आयरन के अवशोषण में मदद करता है। इससे एनीमिया की स्थिति में सुधार हो सकता है।

 

  • अनार का जूस: अनार का जूस आयरन और विटामिन सी दोनों पोषक तत्वों से भरा होता हैं इसकी मदद से हीमोग्लोबिन यानि लाल रक्त कोशिकाओं में सुधार आता हैं।

 

  • दही: दही के सेवन से एनीमिया का खतरा कम होता हैं एनीमिया की समस्या से दूर रहने के लिए दही और हल्दी का सेवन करना आवश्यक होता हैं।

 

 

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