स्कर्वी रोग क्या है जाने इसके लक्षण, कारण और उपचार

स्कर्वी (Scurvy Rog) विटामिन सी की कमी से होने वाला रोग है जो किसी भी उम्र में लोगों को प्रभावित कर सकता है। यह रोग आहार में विटामिन सी से समृद्ध पोषक तत्वों में कमी के कारण होता है। स्कर्वी रोग मुख्य रूप से हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और शरीर के ऊतकों को प्रभावित करता है।

 

स्कर्वी रोग

 

स्कर्वी (Scurvy), मानव शरीर में विटामिन सी की कमी के कारण होने वाला रोग है। यह एनीमिया, डिबिलिटी (debility), थकावट, सहज रक्तस्राव, अंगों में दर्द, शरीर के कुछ हिस्सों विशेष रूप से पैर में सूजन और कभी-कभी मसूड़ों तथा दांतों के नुकसान का कारण बन सकता है।

 

विटामिन सी, जिसका रासायनिक नाम एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) है, एक आवश्यक पोषक तत्व है जिसे आहार से प्राप्त किया जाता है। यह शारीरिक संरचनाओं और प्रक्रियाओं के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

यह कोलेजन (Collagen) नामक प्रोटीन का निर्माण करने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कोलेजन (Collagen) हड्डियों, रक्त वाहिकाओं और शरीर के ऊतकों में पाया जाता है, जो संरचना और स्थिरता प्रदान करने में मदद करता है।

 

स्कर्वी रोग के लक्षण

 

विटामिन सी, शरीर की आयरन अवशोषित करने की क्षमता में वृद्धि करने और कोलेजन (Collagen) का उत्पादन करने में मदद करता है। यदि विटामिन सी का पर्याप्त मात्रा में सेवन न किया जाये तो शरीर पर्याप्त कोलेजन (Collagen) का उत्पादन नहीं करता है, जिससे ऊतक टूटने लगते हैं।

 

निरंतर विटामिन सी की कमी के चलते, कम से कम चार सप्ताह बाद स्कर्वी (Scurvy) रोग के लक्षण प्रगट होते हैं। हालांकि लक्षणों को विकसित होने के लिए तीन महीने या उससे अधिक समय लग सकता है।

 

  • दांत में सड़न (tooth decay) उत्पन्न होना

 

  • दांतों में कमी (tooth loss)

 

  • संवेदनशील जोड़ों में सूजन

 

  • श्वसन दर में कमी (shortness of breath)

 

  • छाती में दर्द

 

  • आँखों की सूखापन, जलन और आंखों के सफेद भाग में से रक्त का निकलना (haemorrhaging)

 

  • प्रतिरक्षा प्रणाली में कमी

 

  • एनीमिया (anemia), (रक्त में पर्याप्त लाल रक्त कोशिकाओं या हीमोग्लोबिन (haemoglobin) की कमी के कारण

 

  • गिंगिवाइटिस (gingivitis) या लाल, मुलायम मसूड़ों से खून बहना

 

  • त्वचा से रक्तस्राव (skin hemorrhages) या त्वचा के नीचे खून का बहाव

 

  • पैरों और पंजों पर लाल नीले रंग से काले नीले रंग के समान चोट के निशान आना

 

स्कर्वी रोग के कारण

 

स्कर्वी रोग (scurvy rog) का मुख्य कारण विटामिन सी या एस्कॉर्बिक एसिड (ascorbic acid) का अपर्याप्त मात्रा में सेवन है। अतः स्कर्वी या विटामिन सी की कमी के जोखिम को बढ़ाने वाले कारणों में शामिल हैं:

 

  • बहुत कम उम्र या 65 वर्ष से अधिक उम्र वाले व्यक्तिओं में विटामिन सी से समृद्ध आहार के सेवन में कमी के कारण

 

  • अत्यधिक शराब के सेवन से

 

  • अवैध दवाओं (illegal drugs) का उपयोग करने पर

 

  • पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन न करने से

 

  • ऐसे क्षेत्रों में रहना, जहाँ ताजे फल और सब्जियों की प्राप्ति सीमित मात्रा में होती हो

 

  • लम्बे समय तक दस्त

 

  • निर्जलीकरण

 

  • धूम्रपान सेवन से

 

  • कीमोथेरेपी (hemotherapy) और विकिरण थेरेपी (radiation therapy) उपचार के प्रभाव के कारण

 

  • डायलिसिस (dialysis) और गुर्दे की विफलता (kidney failure) की स्थिति

 

  • एनोरेक्सिया (anorexia) और अन्य मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी बीमारियां

 

  • अकाल जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण

 

स्कर्वी के उपचार

 

स्कर्वी रोग के लक्षण सामान्य से बहुत गंभीर हो सकते हैं, अतः इसका इलाज करना अति आवश्यक होता है हालांकि स्कर्वी का इलाज काफी सरल होता है।

Scurvy (स्कर्वी) का उपचार करने के लिए डॉक्टर मरीज को दवाओं के रूप में या इंजेक्शन द्वारा विटामिन सी की खुराक देने की सिफारिश कर सकता है। अधिकांश मल्टीविटामिन (multivitamins) में यह विटामिन प्रचुर मात्रा में शामिल होता है, जिसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर किया जा सकता है।

इसके अलावा डॉक्टर मरीज को विटामिन सी से समृद्ध आहार का सेवन करने की सलाह दे सकते हैं। यदि आहार में बदलाव किए जाने के कुछ दिनों के बाद भी लक्षणों में कमी न होने पर डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।

Doctor Consutation Free of Cost=

Disclaimer: GoMedii  एक डिजिटल हेल्थ केयर प्लेटफार्म है जो हेल्थ केयर की सभी आवश्यकताओं और सुविधाओं को आपस में जोड़ता है। GoMedii अपने पाठकों के लिए स्वास्थ्य समाचार, हेल्थ टिप्स और हेल्थ से जुडी सभी जानकारी ब्लोग्स के माध्यम से पहुंचाता है जिसको हेल्थ एक्सपर्ट्स एवँ डॉक्टर्स से वेरिफाइड किया जाता है । GoMedii ब्लॉग में पब्लिश होने वाली सभी सूचनाओं और तथ्यों को पूरी तरह से डॉक्टरों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच और सत्यापन किया जाता है, इसी प्रकार जानकारी के स्रोत की पुष्टि भी होती है।