वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2019: जानिए हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और इलाज।

 

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 17 मई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य जनता को शिक्षित करना और उच्च रक्तचाप यानी की हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूकता बढ़ाना है।

 

इस दिन का आयोजन वर्ल्ड हाइपरटेंशन लीग (डब्ल्यूएचएल) द्वारा किया जाता है, जो पूरे विश्व के 85 उच्च रक्तचाप वाले समाजों और लीगों से बना है।

 

हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप), स्ट्रोक, दिल के दौरे और गुर्दे की बीमारी जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं का एक प्रमुख कारण है, और यह मनोभ्रंश में भी योगदान दे सकता है। बहुत से लोग जो उच्च रक्तचाप से पीड़ित होते हैं, उन्हें यह पता ही नहीं होता की वो हाइपरटेंशन जैसी समस्या से पीड़ित है, क्योंकि इसके कोई लक्षण आसानी से नजर नहीं आते है, अक्सर इस बीमारी का पता जब चलता हैं जब किसी को दिल का दौरा या स्ट्रोक की समस्या होती है, उसके बाद ही इसका पता चल पाता है।

 

 

वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे 2019 थीम

 

 

विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 2019 की थीम उच्च रक्त चाप के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से “नो योर नंबर (Know Your Numbers)”  है, और डब्ल्यूएचएल (WHL) द्वारा 2017 में शुरू हुई इस नई पहल में, स्वयंसेवक मानवयुक्त स्क्रीनिंग साइटें दुनिया भर में कई स्थानों पर स्थापित की जाएंगी ताकि अधिक से अधिक लोगों के रक्तचाप की जांच की जा सके और अधिक से अधिक लोगों में हाई ब्लड प्रेशर के प्रति जागरूकता बढ़ सके।

 

 

हाइपरटेंशन क्या है?

 

 

हाइपरटेंशन एक ऐसी स्थिति है, जिसे उच्च रक्तचाप कहा जाता है, जिसके दौरान धमनी रक्तचाप सामान्य स्तर (120/80 mmHg) से उच्च स्तर (हाई लेवल) तक बढ़ जाता है।

 

यह एक चिकित्सकीय स्थिति है, जिसे साइलेंट किलर भी कहा जाता है, क्योंकि इस समस्या का लक्षण स्पष्ट नहीं दिखता है। लेकिन अगर हाइपरटेंशन बहुत गंभीर या बहुत अधिक बढ़ जाये, तब इसके कुछ लक्षण नजर आते है, जैसे की – सिरदर्द, नींद न आना, धुंधला दिखाई देना, थकान, चक्कर आना, भ्रम होना, सांस लेने में कठिनाई, अनियमित दिल की धड़कन आदि लक्षण दिखते हैं।

 

अगर सही समय पर इस बीमारी का इलाज नहीं किया जाए तो, पीड़ित व्यक्ति कोमा में भी जा सकता है। इसलिए कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से तुरंत ही जांच करवा लेना चाहिए, नहीं तो बाद में बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बहुत लोगो को इसके लक्षण और होने के कारणों का पता नहीं होता और वह इस समस्या को नजरअंदाज कर देते है। इसलिए डब्ल्यूएचएल (WHL) द्वारा हर साल 17 मई को “वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे” मनाया जाता है, ताकि लोगो में हाइपरटेंशन (उच्च रक्त चाप) के बारे में जागरूकता बढे।

 

 

हाइपरटेंशन के कारण

 

 

 

  • अत्यधिक नमक खाना।

 

 

  • खाने में फल या सब्जियों की कमी।

 

  • कॉफी-चाय का अधिक सेवन।

 

  • वजन बढ़ना।

 

  • हर वक़्त तनाव में रहना।

 

  • वसा युक्त भोजन करना।

 

  • पारिवारिक इतिहास।

 

 

हाइपरटेंशन के लक्षण

 

 

हाइपरटेंशन को साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसके कोई भी लक्षण शुरुआत में  नजर नहीं आते।

 

लक्षणों में शामिल है –

 

 

  • अत्यधिक थकान।

 

  • धुंधली दृष्टि।

 

  • छाती में बहुत तेज दर्द होना।

 

  • सांस लेने में कठिनाई।

 

  • चक्कर आना।

 

  • उल्टी या मितली।

 

  • सांसों की कमी।

 

  • पेशाब में खून आना।

 

 

हाइपरटेंशन से बचने के उपाय

 

 

  •  हर रोज 30 से 60 मिनट तक एक्सरसाइज करें।

 

  • अत्यधिक नमक का सेवन करने से हाइपरटेंशन (उच्च रक्त चाप) की समस्या हो जाती है।

 

  • तनाव भी हाइपरटेंशन को बढ़ाता है।

 

  • हाइपरटेंशन की समस्या को कम करने के लिए आप अपने आहार में बदलाव करें। फल, सब्जियों और साबूत अनाज का सेवन करें। लो फैट डेयरी उत्पाद लें। इसके अलावा लीन मीट, मछली और नट्स का सेवन करें।

 

  • शराब और धूम्रपान के अत्यधिक सेवन से हाइपरटेंशन बढ़ता है। इसलिए शराब और धूम्रपान न करें और हृदय रोग के खतरे से बचे।

 

 

हाइपरटेंशन में हार्ट, किडनी और शरीर के अन्य अंग काम करना बंद कर सकते हैं। इसके अलावा हाई बीपी के कारण आंखों पर भी असर पड़ता है। इसलिए इस बीमारी को गंभीरता से ले। हाइपरटेंशन (उच्च रक्तचाप) हमारी सेहत के लिए बहुत खतरनाक होता है। लेकिन, रक्तचाप अगर सामान्य से कम हो, तो वह भी सेहत के लिए काफी खतरनाक होता है। इसलिए कोई भी समस्या हो, तो तुरंत ही फ्री में अपॉइंटमेंट बुक कराएं और डॉक्टर की सलाह लें

 

 

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