एन्यूरिज्म को हिंदी में धमनी विस्फार या धमनीस्फीति भी कहते हैं। यह एक खतरनाक बीमारी है, जो आमतौर पर मस्तिष्क, पैर और पेट में होती है। भारत में इस बीमारी के बारे में लोग बहुत कम जानते हैं, जिस वजह से हर साल हजारों लोग इस बीमारी के शिकार होते है। एन्यूरिज्म की बीमारी बिना किसी लक्षण के विकसित हो सकती है। आज हम एन्यूरिज्म के बारे में बात करने जा रहे हैं कि यह कैसे आपके स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
एन्यूरिज्म के लक्षण क्या हैं?
इस बीमारी के लक्षणों का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है, इसके लक्षण बाहर से जल्दी दिखाई नहीं देते हैं।
- दिल की धड़कन बढ़ जाना
- नसों में तेज दर्द महसूस होना
- चक्कर आना और सिर घूमना
- लटकी हुई पलकें
- दोहरी दृष्टि या दृष्टि में अन्य परिवर्तन
- आँख के ऊपर या नीचे दर्द
एन्यूरिज्म का कारण
इस बीमारी के सही कारणों का पता अब तक नहीं चल पाया है, लेकिन कुछ ऐसे फैक्टर हैं, जो इस बीमारी की आशंका को बढ़ाते हैं, जैसे की –
- धमनियों की टिशूज खराब होने की वजह से धमनियों की दीवारें कमजोर हो सकती हैं, जो की एन्यूरिज्म का कारण हो सकती है।
- खून के थक्का जमने के कारण नसें भी फट सकती हैं।
- हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी नसों पर दबाव पड़ता है , जिस वजह से एन्यूरिज्म की बीमारी हो सकती है।
- परिवार के इतिहास।
- जो पॉलीसिस्टिक किडनी रोग से ग्रषित होते है, उनमे भी एन्यूरिज्म होने का खतरा हो सकता है।
एन्यूरिज्म के सामान्य कारण
निम्नलिखित मस्तिष्क धमनी विस्फार के सबसे सामान्य कारण हैं:
- धूम्रपान
- उच्च रक्तचाप
- मस्तिष्क की चोट
कितनी गंभीर बीमारी है एन्यूरिज्म
- यह एक बहुत ही गंभीर बीमारी है, क्योंकि जब धमनियों में सूजन हो जाती है, तब सिर्फ तेज दर्द ही नहीं होता है बल्कि कई बार धमनी फट भी जाती है और खून धमनी से बाहर निकलने लगता है।
- इसके अलावा जिस धमनी में सूजन होती है, उसके आस-पास की नर्व्स यानि तंत्रिकाएं भी उससे प्रभावित हो जाती हैं।
- यह बीमारी गंभीर इसलिए है, क्योंकि इस बीमारी के लक्षण का पता आखिरी स्टेज में पता चलता है।
किन्हें होता है एन्यूरिज्म का खतरा
- इसका खतरा 35 से 40 साल के लोगों को ज्यादा होता है, मगर बच्चों को भी ये रोग हो सकता है।
- कुछ आदतें भी इस बीमारी के खतरे को बढ़ाती हैं, जैसे- ज्यादा फैट और कोलेस्ट्रॉल वाले फूड्स का सेवन, परिवार में दिल की बीमारी का पुराना इतिहास, धूम्रपान, मोटापा और कई बार प्रेगनेंसी भी एन्यूरिज्म का खतरा बन सकता है।
एन्यूरिज्म से बचने के लिए इलाज़?
एन्यूरिज्म जैसी बीमारी को अपने लाइफस्टाइल में बदलाव लाकर इसे कम किया जा सकता है।
इसके लिए निम्न बातों का ध्यान रखें-
- प्रोटीन और फाइबर युक्त आहार का सेवन करें।
- फास्ट फूड्स, जंक फूड्स और घी-तेल वाले आहारों का सेवन कम करें क्योंकि इनमें अनसैचुरेटेड फैट होता है।
- सैचुरेटेड फैट वाले आहारों का सेवन करें जैसे की – मीट, अंडा, मछली आदि।
- नियमित रूप से रोज सुबह एक्सरसाइज करें खासकर कार्डियो एक्सरसाइज।
- धूम्रपान और तंबाकू का सेवन करने से बचे।
- गर्भ निरोधक गोलियों का उपयोग न करें।
- वजन को ज्यादा बढ़ने न दे।
- ब्लड प्रेशर सामान्य रखें।
एन्यूरिज्म का इलाज कैसे करें?
इस बीमारी के लिए दो मुख्य उपचार विकल्प हैं।
सर्जिकल क्लिपिंग (Surgical Clipping)
धमनीविस्फार का इलाज करने के लिए क्लिपिंग सर्जरी की जाती है। एक न्यूरोसर्जन सर्जरी के द्वारा धमनीविस्फार की गर्दन के पार एक छोटी सी क्लिप रखता है, ताकि रक्तस्राव को रोका जा सके ।
एंडोवस्कुलर कोइलिंग (Endovascular coiling)
- यह सर्जिकल क्लिपिंग की तुलना में कम आक्रामक प्रक्रिया है। न्यूरोसर्जन एक खोखले प्लास्टिक ट्यूब (कैथेटर) को धमनी में डालते है, जो आमतौर पर आपकी कमर में होता है, और इसे आपके शरीर से धमनीविस्फार तक पहुंचाता है।
- सर्जन कैथेटर के माध्यम से और धमनीविस्फार (Aneurysm) में एक नरम प्लैटिनम तार को पुश करने के लिए एक गाइड तार का उपयोग करते है। तार धमनीविस्फार के अंदर कॉइल्स और रक्त प्रवाह को बाधित करता है।
निष्कर्ष
आज, हमने एन्यूरिज्म और इसके लक्षणों, कारणों, जोखिम कारकों और सबसे महत्वपूर्ण उपचार पर चर्चा की है। इसे ठीक करने का सबसे अच्छा और प्रभावी तरीका सर्जरी है। यदि आप उपरोक्त लक्षणों में से कोई भी महसूस करते हैं, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करें।
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