आजकल के समय में डिप्रेशन की समस्या अधिक देखने को मिल रही हैं। डिप्रेशन मस्तिष्क से सम्बंधित समस्या होती हैं, जो कि किसी भी व्यक्ति को हो सकती हैं। यह बीमारी तब होती हैं जब मनुष्य अधिक तनाव में हो या फिर किसी भयानक हादसे का शिकार हुआ हो। डिप्रेशन की समस्या समय रहते ठीक भी हो जाती हैं और मनुष्य को किसी प्रकार की हानि भी नहीं होती हैं।
यदि यह समस्या किसी व्यक्ति को अधिक हो जाती हैं तो वह अन्य कार्यों पर भी प्रभाव डाल सकती हैं तथा माना जाता हैं की डिप्रेशन की समस्या होने से मनुष्य के मन में आत्महत्या जैसे ख्याल आने लगते हैं। यदि डिप्रेशन की समस्या अधिक बढ़ जाए तो मरीज को डॉक्टर से अवश्य संपर्क करना चाहिए।
डिप्रेशन के लक्षण क्या हो सकते हैं ?
डिप्रेशन के सामान्य लक्षण होते हैं वह अन्य बीमारियों के लक्षण के सामान ही नज़र आते हैं। डॉक्टर्स के अनुसार यदि कोई मनुष्य डिप्रेशन का शिकार होता है कुछ इस प्रकार के लक्षण नज़र आते हैं जैसे की –
- व्यक्ति को भूख कम लगती हैं
- अधिक चिड़चिड़ापन
- शरीर में थकान रहना
- सिर दर्द की समस्या होना
- किसी बात को लेकर चिंतित रहना
- अकेलापन महसूस करना
- नींद न आना
- निराशा महसूस होना
- अधिक क्रोधित होना
- उदास रहना
- किसी बात में खुशी महसूस न कर पाना
- वजन कम होना या बढ़ जाना
- एकाग्रता या निर्णय लेने में कठिनाई
- मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर (NEUROTRANSMITTER) के स्तर में परिवर्तन
- मौत या आत्महत्या के विचार
डिप्रेशन के कारण क्या होते हैं ?
डिप्रेशन की समस्या के कारण सभी व्यक्तियों के लिए अलग-अलग होते है जैसे की-
- कभी-कभी मनुष्य किसी बात या हादसे को लेकर तनाव की स्थिति में आ जाता हैं जिससे की मस्तिष्क पर प्रभाव पड़ता हैं और डिप्रेशन जैसी स्थिति पैदा हो जाती हैं।
- यदि मनुष्य किसी रिश्ते में हो और वह अचानक किसी परेशानी के कारण टूट जाए तो मनुष्य अधिक सोचने लगता हैं जिसके कारण भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती हैं।
- परिवार में किसी तरह की घटना घटित हुई तो भी मनुष्य उस चीज़ से उभर नहीं पता हैं और डिप्रेशन की स्थिति को पैदा कर देता हैं।
- कई बार यह समस्या जेनेटिक भी होती हैं यदि किसी मनुष्य के परिवार में यह समस्या रही हो तो वह आगे भी हो सकती हैं।
- यदि कोई मनुष्य अधिक दवाइयों का सेवन करता हैं तो वह भी डिप्रेशन का शिकार हो सकता हैं।
- माना जाता हैं कि हॉर्मोन्स (Hormones) में बदलाव के कारण भी व्यक्ति तनाव में आ जाता हैं जिसके कारण डिप्रेशन की स्थिति हो सकती हैं।
डिप्रेशन से बाहर निकलने के उपाय क्या हो सकते हैं ?
डिप्रेशन से बाहर निकलने के लिए मनुष्य को खुद से ही अधिक प्रयास करना चाहिए जिससे की वह खुद सामान्य स्थिति में आ सके –
प्रतिदिन व्यायाम: डिप्रेशन की स्थिति में मनुष्य को प्रतिदिन सुबह उठकर व्यायाम करना चाहिए तथा स्वस्थ हवा में घूमना चाहिए ताकि मस्तिष्क पर थोड़ा अच्छा प्रभाव पड़े।
सेहतमंद भोजन: सेहतमंद भोजन का सेवन करना डिप्रेशन के मरीज के लिए अधिक लाभदायक रहता हैं वो इसलिए क्योकि इस स्थिति में मरीज के शरीर में अधिक दर्द महसूस होने लगता हैं जिसका असर मस्तिष्क पर पड़ता हैं इसलिए सेहतमंद भोजन का सेवन करने से शरीर और मस्तिष्क दोनों को लाभ होता हैं।
अन्य गतिविधियाँ: डिप्रेशन में होने के कारण मनुष्य को अन्य किसी गतिविधि में रूचि नहीं रहती हैं परन्तु मनुष्य को डिप्रेशन से बाहर आने के लिए अन्य गतिविधियों में भी रूचि रखनी चाहिए जिससे की ध्यान अन्य कामों में लगा रहे और तनाव या टेंशन की तरफ ध्यान न जाए।
नकारात्मक भावनाएँ: यदि डिप्रेशन से बाहर निकलना हो तो सबसे पहले मन से नकारत्मक भावनाओं को दूर करना चाहिए तथा मन में अच्छे विचारों के बारे में सोचना चाहिए।
समय व्यतीत करना: दोस्तों तथा घरवालों के साथ समय व्यतीत करना चाहिए तथा अपने सम्बन्धियों से अपनी परेशानी को शेयर करना चाहिए ताकि मन में किसी बात को लेकर कोई बोझ न रहे और मन पूर्णरूप से अच्छा रहे।
मेडिकेशन: इन सभी बातों को ध्यान में रखने के अलावा यदि आपको डिप्रेशन की वजह से कोई अन्य समस्या होती हैं जैसे की सिर दर्द, शरीर में दर्द तो उसके लिए डॉक्टर से अवश्य संपर्क करे और दवाइयों का सेवन भी समय-समय पर करें।
संपर्क बनाए रखें: अपने परिवार और मित्रों के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखें। उनसे बातचीत करना और अपनी भावनाओं को साझा करना मददगार हो सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
1. डिप्रेशन का सही इलाज क्या है ?
डिप्रेशन का सही इलाज व्यक्ति के लक्षणों, स्थिति और गंभीरता पर निर्भर करता है। इलाज में चिकित्सक दवाओं का सेवन, योग, स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए तथा जीवनशैली में बदलाव करने की सलाह देते हैं।
2. डिप्रेशन के लास्ट स्टेज में क्या होता है ?
डिप्रेशन के अंतिम चरण में, व्यक्ति को अधिक गंभीर और निराशाजनक भावनाएं हो सकती हैं। उनकी दिनचर्या प्रभावित होती है, उन्हें सुख महसूस करने की क्षमता कम होती है, और स्वाभाविक गतिविधियों में रुचि नहीं रहती है।
3. क्या ज्यादा सोचने से डिप्रेशन होता है ?
ज्यादा सोचने की एक अवस्था, जिसे चिंता कहा जाता है, डिप्रेशन का कारण हो सकती है, परन्तु इसमें और अन्य कारक भी मौजूद हो सकते हैं।
4. डिप्रेशन कितने दिनों तक रहता है ?
डिप्रेशन की अवधि व्यक्ति के लक्षणों, उनकी गंभीरता और उपचार की स्थिति पर निर्भर करती है। कुछ लोगों के लिए डिप्रेशन कुछ हफ्तों तक रह सकता है, जबकि दूसरों के लिए यह महीनों या सालों तक चल सकता है। यदि आपको डिप्रेशन के लक्षण हैं, तो एक मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ से संपर्क करें।
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