हॉर्ट अटैक और हार्ट फेल्योर में क्या अंतर है ?

 

हॉर्ट अटैक और हार्ट फेल्योर, दोनों ही स्थति उस व्यक्ति के लिए बहुत खतरनाक होती है इन दोनों ही स्थिति में उस व्यक्ति की मौत हो सकती है। इसका मुख्य कारण है, आपकी गलत जीवनशैली और गलत खान-पान की आदतें। जो आपको इस खतरनाक बीमारी का शिकार बनाती है और दोनों ही बीमारी दिल से जुड़ी है और इसके बिना किसी का भी जीवन जीना नामुमकिन है।

 

 

 

हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर में अंतर (Difference between Heart Attack and Heart Failure In Hindi)

 

 

ये तो सभी को मालूम है की हार्ट अटैक किसी को भी अचानक होता है। हार्ट अटैक होने पर हृदय की मांसपेशियों को रक्त पहुंचाने वाली धमनियों में ब्लॉकेज हो जाने की वजह से अचानक रक्त प्रवाह रुक जाता है, इसी को हार्ट अटैक कहते हैं।

 

अगर हम  हार्ट फेल्योर की बात करें तो ये धीर-धीरे शुरू होता है और इसमें हृदय की मांसपेशियां कमजोर होने लगती है। हार्ट फेल्योर में हमारा हृदय रक्त को प्रभावी तरीक़े से पंप नहीं कर पाता है। यही वजह है की पूरे शरीर में रक्त सही तरीक़े से नहीं पहुंचता है और इस स्थिति को हार्ट फेल्योर कहा जाता है। इसकी वजह से मरीज़ को साँस लेने में दिक़्क़त होती है और हृदय की धड़कन बंद हो जाती है।

 

 

हार्ट फेल्योर के लक्षण (Symptoms of Heart Failure In Hindi)

 

 

यह बीमारी हृदय रोग की ओर इशारा करती हैं, अगर इसे नजरअंदाज कर दिया जाए, तो भविष्य में  हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन आप कुछ सामान्य सवालों के जवाब जानकर इस बीमारी को समझ सकते है।

 

 

 

 

  • दिल की धड़कन असामान्य होना,

 

 

  • बहुत कम भूख लगना,

 

 

  • पैरों में सूजन,

 

 

  • यूरिन ज्यादा आना।

 

 

क्या आपको थोड़ा सा शारीरिक श्रम करने के बाद बहुत थकान या साँस फूलती है, तो ये हृदय रोग के लक्षण होते हैं। अक्सर कुछ लोगों को साँस लेने में परेशानी होती है, सामान्य लोगों की तुलना में थोड़ा सा चलना या तेजी से दौड़ने में बहुत तेज साँस फूलने लगती है और खाँसी की शिकायत भी रहती है तो आपको इसे बिल्कुल नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए । जबकि कुछ लोग इसे  सर्दी की आम खाँसी समझ कर अनदेखा करते हैं।

 

 

हार्ट अटैक के लक्षण (Symptoms of Heart Attack)

 

 

 

 

  • पैरों में सूजन,

 

 

  • सीने में दर्द,

 

 

  • ज्यादा थकान होना,

 

 

  • कमजोरी महसूस होना,

 

 

 

 

  • बेचैनी महसूस होना।

 

 

ये सभी लक्षण आपके लिए काफी खतरनाक हो सकते है जब आपके हृदय पर दबाव पड़ता है जिसके कारण हृदय शरीर में रक्त नहीं भेज पाता है। ऐसी स्थिति में शरीर में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी होने लगती है और शरीर में हानिकारक तत्व बढ़ने लगते है। जो इन समस्याओं का कारण बनता है।

 

 

हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर से बचाव

 

 

ये दोनों ही स्थिति किसी भी व्यक्ति की जान ले सकती है। यदि आप इनसे बचना चाहते है, तो आपको अपनी सेहत का ध्यान खुद रखना होगा।

 

 

 

पौष्टिक भोजन 

hriday ko swasth rakhne vale aahar in hindi

 

आपका आहार ही आपकी जीवनशैली को अच्छा रखता है, जब आप अपने आहार में प्रोटीन और मिनरल्स की मात्रा सीमित रखेंगे तब आप खुद को ज्यादा अच्छे तरीके से स्वस्थ रख पाएंगे। एक हृदय रोगी को अपना आहार बहुत संतुलित मात्रा में ही रखना चाहिए।

 

 

व्यायाम 

 

शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करना बहुत जरुरी है, इससे आपका शरीर पूरी तरह से स्वस्थ रहता है और आप कई बीमारियों से भी बचे रहते है। यदि आप अपनी जीवनशैली में सुधार करेंगे, तो आप खुद को आसानी से स्वस्थ रख पाएंगे।

 

 

धूम्रपान और शराब 

 

ये दोनों ही चीजें आपके शरीर को बहुत ज्यादा नुकसान करती हैं। यदि आप अपने शरीर को पूरी तरह स्वस्थ रखना चाहते है, तो आप खुद को इनसे दूर ही रखें।

 

 

हृदय रोग की वजह से उस व्यक्ति के दिमाग़ पर भी बुरा असर पड़ता है। वो ज्यादातर अपनी इस बीमारी के बारे में ही सोचते रहते है। ऐसे में उन्हें अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है उनकी जरा सी लापरवाही उनकी जान तक ले सकती है, इसलिए हृदय संबंधी किसी भी तरह की समस्या होने पर आप तुरंत डॉक्टर से सलाह लें, ताकी किसी भी तरह की समस्या होने पर उससे निपटने के लिए तैयार रहे।

 

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