जानिए क्या है डीप वेन थ्रोम्बोसिस : कारण, लक्षण और उपचार

 

डीवीटी (DVT) यानी डीप वेन थ्रोम्बोसिस (Deep vein Thrombosis), यह ब्लड क्लॉट (Blood clot) की एक समस्या है, जो की शरीर के नसों की गहराई में होता है। जब शरीर में खून गाढ़ा हो जाता तब ब्लड क्लॉट (Blood clot) की समस्या होती है। आमतौर पर ब्लड क्लॉटिंग की समस्या टांग के निचले हिस्से या जांघ पर होते हैं। अगर शरीर की नसों में मौजूद ब्लड क्लॉट्स जब ब्लडस्ट्रीम (Bloodstream) में फैलने लगता है, तब इसके फटने का डर रहता है और अगर यह फट जाता है, तो इस फटे हुए क्लॉट को “एम्बोलस” (“Embolus”) कहते हैं।

 

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस क्या है

 

 

यह एक ऐसी समस्या होती है, जिसमें शरीर के अंदर एक या इससे अधिक गहरी नसों में रक्त का थक्का (Blood clot) बन जाता है। ज्यादातर यह बीमारी आमतौर पर पैर के निचले हिस्से और जांघों (thigh) में होती है, लेकिन यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी हो सकती है। डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या होने पर पैरों में भी सूजन की समस्या हो जाती है और दर्द का भी अनुभव होता है।

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक बहुत ही गंभीर बीमारी है, क्योंकि यह समस्या होने पर नसों में जो रक्त बना होता है, वह टूट कर ब्लड स्ट्रीम के जरिये  फेफड़ों में पहुंच जाता है और खून के प्रवाह को बाधित भी कर देता है। यह बीमारी आमतौर पर तब होती है जब कोई व्यक्ति सर्जरी या किसी दुर्घटना (accident) के कारण लंबे समय तक बिस्तर पर ही पड़ा रहता है और चल फिर नहीं पाता है।

 

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस के कारण

 

 

  • अधिक देर तक बैठे रहना भी डीप वेन थ्रोम्बोसिस का कारण हो सकता है।

 

  • डीप वेन थ्रोम्बोसिस का कारण प्रेगनेंसी भी हो सकती है।

 

  • मोटापे की वजह से भी यह समस्या हो सकती है।

 

  • आंत की बीमारी, कैंसर और हृदय रोगों (heart disease) के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।

 

  • अगर आपके परिवार में पहले से किसी को रक्त विकार की समस्या जैसे कि शरीर में खून का अधिक गाढ़ा या मोटा होना या अधिक थक्का जमना आदि कारणों से भी डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या हो सकती है।

 

  • हड्डियां टूटना, सर्जरी या हड्डियों से जुड़ी किसी अन्य समस्याओं के कारण डीवीटी होने का खतरा रहता है।

 

  • धूम्रपान करने से रक्त कोशिकाएं अधिक चिपचिपी हो जाती हैं जिसके कारण रक्त वाहिकाओं की परत को नुकसान पहुंचता है और जिस वजह से रक्त का थक्का तेजी से बनता है और डीवीटी होने का खतरा बढ़ जाता है।

 

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण

 

 

DVT के सामान्य लक्षण निम्न हैं-

 

  • पैर के निचले हिस्से और टखनों (ankle) में सूजन होना।

 

  • पैरों में गंभीर और तेज दर्द होना।

 

  • अगर आपके शरीर के अन्य हिस्सों के अपेक्षा पैरों की त्वचा अधिक गर्म है, तो यह भी हो सकता है डीप वेन थ्रोम्बोसिस के लक्षण।

 

  • पैरों की त्वचा पीला, लाल या नीला पड़ना।

 

  • पैरों में अचानक सूजन होना।

 

  • टहलते और उठते समय पैरों में अत्यधिक दर्द होना।

 

  • नसों का बढ़ जाना।

 

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस का निदान

 

 

लक्षणों के आधार पर डॉक्टर डीप वेन थ्रोम्बोसिस(DVT) का निदान करते हैं। आइये जानते हैं कि डीवीटी का निदान कैसे किया जाता है।

 

अल्ट्रासाउंड

डीवीटी के निदान के लिए अल्ट्रासाउंड एक बेहतर उपाय है, जिसके जरिए टेक्निशियन यह पता लगा पाते है कि रक्त का थक्का पैर, भुजाएं या शरीर के किस हिस्से में बन रहा है और यह कितना लंबा है।

 

डी-डिमर (D-dimer)

यह एक प्रकार का ब्लड टेस्ट है, जिसमें यह पता चलता है कि रक्त का थक्का (blood clot) बना है या नहीं।

 

 

डीप वेन थ्रोम्बोसिस से बचाव

 

 

जीवनशैली में बदलाव लाकर डीप वेन थ्रोम्बोसिस और अन्य बीमारियों से बचा जा सकता है, जैसे की –

 

  • अपने शरीर को अधिक एक्टिव रखें, धूम्रपान न करें और साथ ही अपने वजन को भी नियंत्रित रखें।

 

  • अपना स्वास्थ्य परीक्षण (regular check up) प्रतिदिन कराएं और डॉक्टर द्वारा बताये गए दवा का ही सेवन करे।

 

  • अधिक देर तक एक ही जगह पर न बैठे रहें और अगर आप 4 घंटे से अधिक देर तक बैठकर यात्रा कर रहे हों तो पैर के निचले हिस्से को झटक लें या फैला लें इससे मांसपेशियों में राहत मिलती है।

 

  • ढीले कपड़े पहनें और अधिक से अधिक पानी पीयें।

 

  • नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे रक्त का थक्का बनने की संभावना कम हो जाती है और डीप वेन थ्रोम्बोसिस की समस्या से भी बच सकते है।

 

यदि आपको ऊपर बताये गए लक्षण नजर आ रहे है, तो उसे नजरअंदाज न करे, क्योंकि वो डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने के लक्षण हो सकते है। इसलिए इसके लक्षण नजर आने पर तुरंत ही डॉक्टर से सम्पर्क करे और इलाज कराएं।

 

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