एम्ब्र्यो ट्रांसफर को भ्रूण स्थानांतरण या भ्रूण ट्रांसफर के नाम से भी जाना जाता हैं। यह आईवीएफ प्रक्रिया का एक हिस्सा हैं जिसके दौरान डॉक्टर लैब में विकसित किए गए भ्रूण महिला की युटरीन वॉल पर इम्प्लांट करते हैं। एम्ब्र्यो ट्रांसफर की प्रक्रिया में 15-20 मिनट का समय लगता हैं। एम्ब्र्यो ट्रांसफर की प्रक्रिया होने के 14 दिन बाद डॉक्टर महिला का प्रेगनेंसी टेस्ट करते हैं।
एम्ब्रायो ट्रांसफर के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण क्या होते हैं ?
एम्ब्र्यो ट्रांसफर के बाद प्रेगनेंसी के लक्षणों में निम्न शामिल हो सकते हैं:-
- श्रोणि क्षेत्र में ऐंठन
- योनि से ब्लीडिंग
- जी मिचलाना
- स्तनों में दर्द
- कमजोरी और थकान
- बार-बार पेशाब लगना
- पेट में सूजन
- पीरियड्स समय पर न आना
एम्ब्र्यो ट्रांसफर क्यों किया जाता है?
जैसा कि हमने ऊपर ही बताया कि एम्ब्र्यो ट्रांसफर आईवीएफ का एक हिस्सा है। आईवीएफ को कई कारणों से किया जाता है। निम्न स्थितियों से पीड़ित पुरुष और महिला को एम्ब्र्यो ट्रांसफर की आवश्यता पड़ती है:-
- एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित होना
- ओव्यूलेशन से संबंधित डिसऑर्ड होना
- फैलोपियन ट्यूब ब्लॉक या खराब होना
- यूटेराइन फाइब्रॉइड्स होना
- अस्पष्टीकृत बांझपन से पीड़ित होना
- स्पर्म की क्वालिटी खराब होना
- आनुवंशिक विकार होना
एम्ब्र्यो ट्रांसफर के बाद क्या खाना चाहिए ?
एम्ब्र्यो ट्रांसफर के बाद महिलाओं को अपने खान-पान पर अधिक ध्यान देना चाहिए। महिलाओं को पोषक तत्व से भरपूर चीज़ो का सेवन करना चाहिए जैसे की-
अनार: अनार में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं। अनार के सेवन से शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है। इससे गर्भाशय के अस्तर को अधिक मात्रा में रक्त की आपूर्ति होती है।
चिया के बीज: चिया के बीज में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता हैं। एम्ब्र्यो ट्रांसफर से पहले डॉक्टर कुछ दवाइयों का सेवन करने के लिए कहते हैं, जिससे की पाचन तंत्र से सम्बंधित समस्या पैदा होती हैं उसके लिए चिया के बीज अधिक फायदेमंद रहते हैं।
पालक: पालक या अन्य पत्तेदार साक-सब्जियां एक महत्वपूर्ण आहार हैं, जिन्हें एम्ब्रायो ट्रांसफर के बाद डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए। पालक रक्त उत्पादन में बढ़ोतरी लाने के लिए भरपूर आयरन प्रदान करता है। इससे गर्भाशय की दीवार मोटी होती है और एम्ब्र्यो का भी विकास होता हैं।
अंडा: अंडा में मौजूद जिंक, विटामिन बी, विटामिन ए, कैल्शियम, आयरन, और ढेर सारा प्रोटीन गर्भाधारण में बहुत मदद करेगा। यह उन सभी पोषक तत्वों की पूर्ती करता है जो गर्भाधारण के दौरान एक माँ को चाहिए होते हैं।
केला: केला विटामिन बी6 से भरपूर होता है। एम्ब्र्यो ट्रांसफर के बाद महिलाओ को अपने नाश्ते में केले को शामिल करना चाहिए, और अपनी गर्भावस्था के लिए स्वस्थ भोजन अधिक लाभदायक होता हैं।
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